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आयोजन तक ही सीमित न रह जाए विश्वदाय सप्ताह: रामेंद्र मिश्र - रायपुर में इतिहासकार रामेंद्र मिश्र

महंत घासीदास संग्रहालय में विश्वदाय सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसके व्याख्यान के लिए इतिहासकार रामेंद्र मिश्र पहुंचे.

महंत घासीदास संग्रहालय में विश्वदाय सप्ताह
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Published : Nov 24, 2019, 10:03 AM IST

Updated : Nov 24, 2019, 3:20 PM IST

रायपुर: राजधानी के महंत घासीदास संग्रहालय में 19 नवंबर से 25 दिसंबर तक विश्वदाय सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसमें शनिवार को ऐतिहासिक पुरातात्विक धरोहर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था. इस संगोष्ठी में कई स्कूलों के विद्यार्थी और स्कॉलर्स शामिल हुए.
इस कार्यक्रम में नव उत्खनित पुरातत्व स्थल की चित्र प्रदर्शनी लगाई गई.

व्याख्यान देने पहुंचे इतिहासकार रामेंद्र मिश्र
रामेंद्र मिश्र ने बताया कि 'विश्व के जितने भी धरोहर हैं, उसको लेकर आज संगोष्ठी का आयोजन किया गया था. यदि हम अपनी धरोहर को नहीं पहचान पाएंगे नई पीढ़ियों को नही दे पाएंगे तो कौन देगा?

पढ़ें- रायपुर: आरंग पंचायत आरक्षण प्रक्रिया रद्द

अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया शहर में सबसे पुराना 1867 का अष्टकोणीय म्यूजियम है. जो हमारी धरोहर है, उसे भी संजोना चाहिए. इधर जो आयोजन हो रहे हैं वह बेहतर है लेकिन यह सिर्फ आयोजन तक सीमित ना रह जाए तभी आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिल पाएगा'.

रायपुर: राजधानी के महंत घासीदास संग्रहालय में 19 नवंबर से 25 दिसंबर तक विश्वदाय सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसमें शनिवार को ऐतिहासिक पुरातात्विक धरोहर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था. इस संगोष्ठी में कई स्कूलों के विद्यार्थी और स्कॉलर्स शामिल हुए.
इस कार्यक्रम में नव उत्खनित पुरातत्व स्थल की चित्र प्रदर्शनी लगाई गई.

व्याख्यान देने पहुंचे इतिहासकार रामेंद्र मिश्र
रामेंद्र मिश्र ने बताया कि 'विश्व के जितने भी धरोहर हैं, उसको लेकर आज संगोष्ठी का आयोजन किया गया था. यदि हम अपनी धरोहर को नहीं पहचान पाएंगे नई पीढ़ियों को नही दे पाएंगे तो कौन देगा?

पढ़ें- रायपुर: आरंग पंचायत आरक्षण प्रक्रिया रद्द

अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया शहर में सबसे पुराना 1867 का अष्टकोणीय म्यूजियम है. जो हमारी धरोहर है, उसे भी संजोना चाहिए. इधर जो आयोजन हो रहे हैं वह बेहतर है लेकिन यह सिर्फ आयोजन तक सीमित ना रह जाए तभी आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिल पाएगा'.

Intro:राजधानी के महंत घासीदास संग्रहालय में 19 नवम्बर से 25 दिसम्बर विश्वदाय सप्ताह मनाया जा रहा है,विश्व के धरोहर हैं धरोहरों के संदर्भ में विचार गोष्ठी रखी गई। वही नव उत्खनित पुरातत्व स्थल की चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है । वही आज ऐतेहासिक पुरातात्विक धरोहर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था जिसमे विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी और स्कॉलर्स पहुचे हुए थे।।


Body:कार्यक्रम में व्याख्यान देने पहुंचे इतिहासकार रामेन्द्र मिश्र ने बताया की विश्व के जितने भी धरोहर हैं उसको लेकर आज संगोष्ठी का आयोजन किया गया था ,उन्होंने कहा कि हम आने धरोहर को नही पहचान पाएंगे नई पीढ़ियों को नही दे पाएंगे तो कौन देगा। अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया शहर में सबसे पुराना 1867 का अष्टकोणीय म्यूजियम है जिसे जो हमारी धरोहर है, उसे भी संजोना चाहिए।। इधर ओवरों को लेकर आयोजन हो रहे हैं वहां बेहतर है लेकिन यह सिर्फ आयोजन तक सीमित ना रह जाए तभी आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिल पाएगा।।




Conclusion:बाईट

रामेंद्र मिश्र

इतिहासकार
Last Updated : Nov 24, 2019, 3:20 PM IST
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