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World Suicide Prevention Day: जी भर जिए, जिंदगी से करें प्यार, न आएगा आत्महत्या का विचार

10 सितंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन, आईएएसपी द्वारा आयोजित किया जाता है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है.

जी भर जिए, जिंदगी से करें प्यार, न आएगा आत्महत्या का विचार
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Published : Sep 10, 2019, 1:10 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 8:20 PM IST

रायपुरः विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (डब्ल्यूएसपीडी) हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन, आईएएसपी द्वारा आयोजित किया जाता है. इस दिन का उद्देश्य इस तथ्य के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है.

क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक.

प्रतिवर्ष विश्व में आत्महत्या (हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति) से 800,000 से अधिक लोग मर जाते हैं. प्रति वर्ष बहुत सारे लोग आत्महत्या का प्रयास करते हैं. आत्महत्या 15 से 29 वर्ष की अवस्था के युवाओं के बीच मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है.

अगर आप किसी अपने को इस संकेतों में देख रहे हैं तो उसकी मदद करें, उससे बातचीत करें.

  • चेतावनी संकेतों में निराशा, क्रोधी होना.
  • बदले की भावना, लापरवाह व्यवहार या बिना सोचे जोखिमपूर्ण गतिविधियों में भाग लेना
  • फंसा महसूस करना जैसे कि कोई रास्ता नहीं है, शराब या मादक पदार्थों के उपयोग में बढ़ोतरी. मित्र, परिवार और समाज से अलग होना.
  • चिंता, व्याकुलता, सोने में परेशानी या हर समय सोते रहना और अचानक स्वभाव में बदलाव शामिल है.
  • करुणा, सहानुभूति और विवेक के साथ किसी व्यक्ति को सुनना उम्मीद उत्पन्न करने में मदद करता हैं.
  • आप उनके साथ बैठ सकते हैं, उनसे पूछें कि वे क्या कर रहे हैं तथा उन्हें अपनी कहानी बताने के लिए प्रोत्साहित करें.
  • यह छोटा संकेत बहुत कुछ कर सकता है.

ऐसे बचें

  • परिवार और दोस्त आसपास रहें. यह एहसास कराना चाहिए कि आप उस व्यक्ति से बहुत प्यार करते हैं और समझते हैं.
  • जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया रखें. अच्छा और बुरा दोनों ही जिंदगी के पहलू हैं.
  • अपनी गलतियों से सीखें.
  • नकारात्मक सोच को जरिया न बनाएं.

रायपुरः विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (डब्ल्यूएसपीडी) हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन, आईएएसपी द्वारा आयोजित किया जाता है. इस दिन का उद्देश्य इस तथ्य के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है.

क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक.

प्रतिवर्ष विश्व में आत्महत्या (हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति) से 800,000 से अधिक लोग मर जाते हैं. प्रति वर्ष बहुत सारे लोग आत्महत्या का प्रयास करते हैं. आत्महत्या 15 से 29 वर्ष की अवस्था के युवाओं के बीच मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है.

अगर आप किसी अपने को इस संकेतों में देख रहे हैं तो उसकी मदद करें, उससे बातचीत करें.

  • चेतावनी संकेतों में निराशा, क्रोधी होना.
  • बदले की भावना, लापरवाह व्यवहार या बिना सोचे जोखिमपूर्ण गतिविधियों में भाग लेना
  • फंसा महसूस करना जैसे कि कोई रास्ता नहीं है, शराब या मादक पदार्थों के उपयोग में बढ़ोतरी. मित्र, परिवार और समाज से अलग होना.
  • चिंता, व्याकुलता, सोने में परेशानी या हर समय सोते रहना और अचानक स्वभाव में बदलाव शामिल है.
  • करुणा, सहानुभूति और विवेक के साथ किसी व्यक्ति को सुनना उम्मीद उत्पन्न करने में मदद करता हैं.
  • आप उनके साथ बैठ सकते हैं, उनसे पूछें कि वे क्या कर रहे हैं तथा उन्हें अपनी कहानी बताने के लिए प्रोत्साहित करें.
  • यह छोटा संकेत बहुत कुछ कर सकता है.

ऐसे बचें

  • परिवार और दोस्त आसपास रहें. यह एहसास कराना चाहिए कि आप उस व्यक्ति से बहुत प्यार करते हैं और समझते हैं.
  • जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया रखें. अच्छा और बुरा दोनों ही जिंदगी के पहलू हैं.
  • अपनी गलतियों से सीखें.
  • नकारात्मक सोच को जरिया न बनाएं.
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Last Updated : Sep 10, 2019, 8:20 PM IST

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