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World Sparrow Day: आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व गौरैया दिवस, क्या है इसका महत्

Significance of Sparrow Day in india हर साल 20 मार्च के दिन विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है. गौरैया चिड़िया के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है. विश्व गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत 20 मार्च साल 2010 से हुई. जिसके बाद 20 मार्च को आई लव स्पैरो थीम के साथ हर वर्ष विश्व गौरैया दिवस मनाया जा रहा है.

world sparrow day 2023
विश्व गौरैया दिवस
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Published : Mar 12, 2023, 7:30 PM IST

Updated : Mar 20, 2023, 6:57 AM IST

रायपुर: रोज सुबह से घरों के आसपास मधुर धुन चीं-चीं कर चहकने वाली गौरैया अब कभी कभार ही दिखाई देती है. वजह है तेजी से विलुप्त होती इनकी प्रजाति. इस छोटी आकार वाली खूबसूरत पक्षी का कभी घरों में बसेरा होता था. बच्चे बचपन से इसे देखकर बड़े हुआ करते थे. लेकिन अब गौरैया पक्षी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

कब से हुई विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत: तेजी से घटती गौरैया की प्रजाति को देखते हुए 2010 में विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद से कई देशों में लोग विभिन्न गतिविधियों और जागरूकता इवेंट आयोजित कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. इस दिन लोग गौरैया को बचाने के लिए कदम उठाने के लिए लोगों को मोटिवेट करते हैं.

गौरैया पक्षी का परिचय: गौरेया को पासेराडेई परिवार का सदस्य माना जाता है. कुछ लोग इसे वीवर फिंच परिवार के सदस्य भी मानते हैं. उनकी क्लैरई 14 से 16 अलंकृत है. इनका वजन लगभग 25 से 32 ग्राम होता है. एक समय में गौरैया के कम से कम तीन बच्चे होते हैं. गौरेया पक्षी अधिकतर झुंड में रहते हैं. इसके साथ ही गौरैया कीड़े मकौड़ों के साथ साबुत अनाज, फल, फूल आदि खातीं है.

यह भी पढ़ें: Lemongrass cultivation in Chhattisgarh: अब हेल्दी लेमनग्रास बढ़ाएगा छत्तीसगढ़ में किसानों की आय

गौरैया के संरक्षण के लिए उठाएं यह कदम:

  1. छत,बालकनी और गार्डन पर बर्तन में पानी दाना भरकर रखें.
  2. उनके अंडों की सुरक्षा करें, उनके घोंसलों को न छेड़ें.
  3. घर के बाहर उंचे और सुरक्षित स्थान पर घोंसला बनाकर लटका सकते हैं.
  4. आंगन, बगीचे में फलदार पौधे लगाएं.

रायपुर: रोज सुबह से घरों के आसपास मधुर धुन चीं-चीं कर चहकने वाली गौरैया अब कभी कभार ही दिखाई देती है. वजह है तेजी से विलुप्त होती इनकी प्रजाति. इस छोटी आकार वाली खूबसूरत पक्षी का कभी घरों में बसेरा होता था. बच्चे बचपन से इसे देखकर बड़े हुआ करते थे. लेकिन अब गौरैया पक्षी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

कब से हुई विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत: तेजी से घटती गौरैया की प्रजाति को देखते हुए 2010 में विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद से कई देशों में लोग विभिन्न गतिविधियों और जागरूकता इवेंट आयोजित कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. इस दिन लोग गौरैया को बचाने के लिए कदम उठाने के लिए लोगों को मोटिवेट करते हैं.

गौरैया पक्षी का परिचय: गौरेया को पासेराडेई परिवार का सदस्य माना जाता है. कुछ लोग इसे वीवर फिंच परिवार के सदस्य भी मानते हैं. उनकी क्लैरई 14 से 16 अलंकृत है. इनका वजन लगभग 25 से 32 ग्राम होता है. एक समय में गौरैया के कम से कम तीन बच्चे होते हैं. गौरेया पक्षी अधिकतर झुंड में रहते हैं. इसके साथ ही गौरैया कीड़े मकौड़ों के साथ साबुत अनाज, फल, फूल आदि खातीं है.

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गौरैया के संरक्षण के लिए उठाएं यह कदम:

  1. छत,बालकनी और गार्डन पर बर्तन में पानी दाना भरकर रखें.
  2. उनके अंडों की सुरक्षा करें, उनके घोंसलों को न छेड़ें.
  3. घर के बाहर उंचे और सुरक्षित स्थान पर घोंसला बनाकर लटका सकते हैं.
  4. आंगन, बगीचे में फलदार पौधे लगाएं.
Last Updated : Mar 20, 2023, 6:57 AM IST
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