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world malaria day: मलेरिया से सर्वाधित प्रभावित राज्यों में से एक छत्तीसगढ़, जानें लक्षण और बचने के उपाय

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है. मच्छरों के कारण होने वाली इस बीमारी से हर साल पूर विश्व में मलेरिया के लाखों मामले सामने आते हैं और इससे मरने वालों की संख्या भी काफी अधिक है.

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Published : Apr 25, 2019, 10:15 AM IST

विश्व मलेरिया दिवस

रायपुर : आज विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य इस गंभीर बीमारी के बारे में लोगो को जागरूक करना है ताकि इसके दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराया जा सकें. इस साल मलेरिया दिवस के लिए थीम 'जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विथ मी' (ZERO MALARIA STARTS WITH ME) है.

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है. मच्छरों के कारण होने वाली इस बीमारी से हर साल पूर विश्व में मलेरिया के लाखों मामले सामने आते हैं और इससे मरने वालों की संख्या भी काफी अधिक है. पूरी दुनिया की 3.3 अरब जनसंख्या में लगभग 106 ऐसे देश हैं, जिनमें मलेरिया का खतरा है.

बता दें कि मलेरिया के कारण होने वाली मृत्यु में विश्व भर में भारत चौथे स्थान पर है. भारत में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और मेघालय और नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में होते हैं.
कैसे होता है मलेरिया

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया तेज बुखार वाली बिमारी है. यह संक्रमित मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलती है. यह मच्छर रूके हुए पानी में अण्डे देती है. इस रोग को फैलाने वाले परजीवी को प्लाज्मोडियम कहते हैं.

भारत में दो प्रकार का मलेरिया पाया जाता है. प्लाज्मोडियम फैल्सीफेरम और प्लाज्मोडियम वाईवेक्स ये मच्छर जब मलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को काटता है. तब उसके खून में मौजूद प्लाज्मोडियम केा अपने शरीर में खीच लेता है. लगभग 8 से 10 दिन तक ये मच्छर मलेरिया फैलाने में सक्षम हो जाता है. यह परजीवी लार के साथ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है. जिससे स्वास्थ्य व्यक्ति मलेरिया से ग्रस्त हो जाता है.

क्या हैं मलेरिया के लक्षण?
ठंड के साथ तेज कंपकंपी आना, कंपकंपी के साथ बुखार आना, अचानक ठंड लगना, पसीना आना, पसीना आकर बुखार कम होना और कमजोरी महसूस करना, बुखार के साथ तीव्र सर दर्द, बदन दर्द, उल्टी दस्त, बेहोशी और झटका आना, पेशाब की मात्रा में अधिक कमी अथवा पेशाब का पीलापन इत्यादि है.
⦁ जुखाम और कंपकपी
⦁ बुखार, सिरदर्द और उल्टी
⦁ बुखार कम होने पर तेज पसीना और थकान
⦁ डायरिया

कैसे करें बचाव?
मलेरिया से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप मच्छरों को पनपने ही न दें. बचाव के लिए सफाई का खास ध्यान रखें. इसके लिए आप ये उपाय भी कर सकते हैं.
⦁ घर की दीवारों पर इनसेक्टीसाइड डालें.
⦁ मच्छरदानी का उपयोग करें.
⦁ खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं और बच्चे क्योंकि उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.
⦁ सुबह और शाम के वक्त खासतौर पर पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और शरीर को ढंककर रखें.

मलेरिया पर क्या है WHO का रुख?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2017 की वर्ल्ड मलेरिया की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल तक के बच्चों में मलेरिया की वजह से होने वाली मृत्युदर में कमी आई है. रिपोर्ट के मानें तो 2010 में यह संख्या 4लाख 40हजार थी, जो कि 2016 में घटकर 2 लाख 85 हजार हो गई.

रायपुर : आज विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य इस गंभीर बीमारी के बारे में लोगो को जागरूक करना है ताकि इसके दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराया जा सकें. इस साल मलेरिया दिवस के लिए थीम 'जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विथ मी' (ZERO MALARIA STARTS WITH ME) है.

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है. मच्छरों के कारण होने वाली इस बीमारी से हर साल पूर विश्व में मलेरिया के लाखों मामले सामने आते हैं और इससे मरने वालों की संख्या भी काफी अधिक है. पूरी दुनिया की 3.3 अरब जनसंख्या में लगभग 106 ऐसे देश हैं, जिनमें मलेरिया का खतरा है.

बता दें कि मलेरिया के कारण होने वाली मृत्यु में विश्व भर में भारत चौथे स्थान पर है. भारत में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और मेघालय और नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में होते हैं.
कैसे होता है मलेरिया

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया तेज बुखार वाली बिमारी है. यह संक्रमित मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलती है. यह मच्छर रूके हुए पानी में अण्डे देती है. इस रोग को फैलाने वाले परजीवी को प्लाज्मोडियम कहते हैं.

भारत में दो प्रकार का मलेरिया पाया जाता है. प्लाज्मोडियम फैल्सीफेरम और प्लाज्मोडियम वाईवेक्स ये मच्छर जब मलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को काटता है. तब उसके खून में मौजूद प्लाज्मोडियम केा अपने शरीर में खीच लेता है. लगभग 8 से 10 दिन तक ये मच्छर मलेरिया फैलाने में सक्षम हो जाता है. यह परजीवी लार के साथ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है. जिससे स्वास्थ्य व्यक्ति मलेरिया से ग्रस्त हो जाता है.

क्या हैं मलेरिया के लक्षण?
ठंड के साथ तेज कंपकंपी आना, कंपकंपी के साथ बुखार आना, अचानक ठंड लगना, पसीना आना, पसीना आकर बुखार कम होना और कमजोरी महसूस करना, बुखार के साथ तीव्र सर दर्द, बदन दर्द, उल्टी दस्त, बेहोशी और झटका आना, पेशाब की मात्रा में अधिक कमी अथवा पेशाब का पीलापन इत्यादि है.
⦁ जुखाम और कंपकपी
⦁ बुखार, सिरदर्द और उल्टी
⦁ बुखार कम होने पर तेज पसीना और थकान
⦁ डायरिया

कैसे करें बचाव?
मलेरिया से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप मच्छरों को पनपने ही न दें. बचाव के लिए सफाई का खास ध्यान रखें. इसके लिए आप ये उपाय भी कर सकते हैं.
⦁ घर की दीवारों पर इनसेक्टीसाइड डालें.
⦁ मच्छरदानी का उपयोग करें.
⦁ खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं और बच्चे क्योंकि उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.
⦁ सुबह और शाम के वक्त खासतौर पर पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और शरीर को ढंककर रखें.

मलेरिया पर क्या है WHO का रुख?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2017 की वर्ल्ड मलेरिया की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल तक के बच्चों में मलेरिया की वजह से होने वाली मृत्युदर में कमी आई है. रिपोर्ट के मानें तो 2010 में यह संख्या 4लाख 40हजार थी, जो कि 2016 में घटकर 2 लाख 85 हजार हो गई.

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malaria


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