रायपुर : कुष्ठ रोग एक जीन संक्रमण रोग है. इससे त्वचा, श्वसन तंत्र, आंखें और तंत्रिका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. यह बीमारी माइकोबैक्टीरियल नामक जीवाणु के कारण होती है. वैसे तो इस बीमारी से बचने के लिए टीका का बनाया जा चुका है. लेकिन फिर भी छत्तीसगढ़ राज्य में कुष्ठ रोग से ग्रसित मरीज आज भी शासकीय अस्पताल में देखने को मिलते हैं.
30 जनवरी को मनाया जाता है विश्व कुष्ठ दिवस : गौरतलब है कि यह रोग छूने से नहीं फैलता. लेकिन फिर भी मरीज के लगातार संपर्क में बने रहने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. लोगों का ऐसा मानना है कि कुष्ठ रोग एक छूत की बीमारी होती है. जो छूने से पहनती है. लेकिन ये सरासर गलत और भ्रामक साबित हुआ. बता दें कि 30 जनवरी को विश्व कुष्ठ रोग दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है. इस दिन महात्मा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि भी दी जाती है. ऐसा मानना है कि महात्मा गांधी का कुष्ठ रोग के रोगियों के प्रति अलग स्तर का प्रेम भाव था. महात्मा गांधी का हृदय कुष्ठ रोग के रोगियों के लिए दया और स्नेह से परिपूर्ण था. इसीलिए महात्मा गांधी के श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को विश्व कुष्ठ रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है.
कैसे होता है कुष्ठ रोग : कुष्ठ रोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी की टीम ने त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्राची भट्टर से बातचीत की . डॉ प्राची भट्टर ने बताया कि" कुष्ठ रोग एक टाइप का बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है. माइकोबैक्टिरिअम लेप्राई और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस बैक्टिरिया का नाम है जिसकी वजह से कुष्ठ रोग फैलता है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है. इसके अन्य कारण भी होते हैं. उनके इसका इलाज भी है. गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की तरफ से भी मरीजों को इलाज हेतु फ्री ऑफ कॉस्ट फैसिलिटी दी जाती है. मरीज चाहे तो शासकीय अस्पताल में अपना मुफ्त में इलाज करा सकते हैं. 6 से 12 महीने का इसका ट्रीटमेंट होता है और उस ट्रीटमेंट को हमें पूरा करना होता है. यदि बीच में ट्रीटमेंट छूट गया तो वह ठीक नहीं होगा और दोबारा से और फैलेगा. बीमारी के लक्षण के हिसाब से डॉक्टर मरीजों को दवाइयां देते हैं वैसे तो कुष्ठ रोग ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिलता है. मैं क्लीनिक में 1 महीने में 8 से 10 मरीज को हर माह देखती हूं.''
कुष्ठ रोग का इतिहास : कुष्ठ रोग के इतिहास के बारे में बात की जाए तो '' इसकी शुरुआत 1954 में फ्रांस के समाजसेवी और लेखक राहुल बोलेरो ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में देखकर की थी. कुष्ठ रोग 11 साल पुराना संक्रमण रोग है. बेसिलस माइक्रो बैक्टीरिया के कारण होता है. इस रोग के लक्षण आमतौर पर औसतन 5 साल में संक्रमण होने के लंबी अवधि के बाद होते हैं. क्योंकि एम ब्लॉक प्राइस बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है. लोग मुख्यता त्वचा पर यदि नसों ऊपरी श्वसन पर और आंखों को प्रभावित करता है.
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किसने की थी कुष्ठ रोग की पहचान : कुष्ठ रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया की पहचान डॉक्टर गेरहार्ड हेनरिक आरमऊर हन्सेन की थी. इसकी खोज 1873 में हन्सेन ने की थी इसलिए इसे 'हन्सेन रोग' भी कहा जाता है.वैसे बहुत कम लोग हैं जिन्हें इसकी जानकारी है.आधुनिकता के इस दौर में छुआछूत भेदभाव छोटे बड़े बीच का फर्क वैसे तो अक्सर ना होने की बात की जाती है लेकिन कुष्ठरोग एक ऐसी बीमारी है. जिससे पीड़ित लोगों के साथ आज भी आम लोग सामान्य व्यवहार नहीं कर पाते. जिस वजह से उस बीमारी से पीड़ित लोगों को कहीं ना कहीं असहज और छोटा महसूस होना पड़ता है.