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World Hepatitis Day 2022: बेहद खतरनाक है हेपेटाइटिस बीमारी, जानिए क्या है इससे बचाव के उपाय

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Published : Jul 27, 2022, 8:35 PM IST

हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता (world hepatitis day 2022) है. हेपेटाइटिस बीमारी एक गंभीर बीमारी है. जो हेपेटाइटिस ए वायरस, हेपेटाइटिस बी वायरस और हेपेटाइटिस सी वायरस सहित कई वायरस के संक्रमण से हो (Hepatitis is very dangerous disease) सकती है. इस बीमारी की वजह से लीवर फेल होने का खतरा बढ़ जाता है. जानिए इस बीमारी से कैसे बचा (measures to prevent Hepatitis) जाए.

World Hepatitis Day 2022
बेहद खतरनाक है हेपेटाइटिस बीमारी

रायपुर/हैदराबाद : विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से हर साल 28 जुलाई के दिन वर्ल्ड हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता (world hepatitis day 2022) है. इस दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन लोगों को हेपेटाइटिस रोग के बारे में जागरुक करने का काम करता है. इस तरह के आयोजन से लोगों में हेपेटाइटिस के बारे में जानकारी मिलती (Hepatitis is very dangerous disease) है. इसकी महता को समझते हुए 28 जुलाई 2018 को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया था. जिसके चार साल पूरे हो गए हैं. इस आयोजन का मकसद देश में हेपेटाइटिस के केस को कम (measures to prevent Hepatitis) करना है.

क्या होती है हेपेटाइटिस बीमारी: हेपेटाइटिस एक घातक बीमारी है. यह लीवर से जुड़ी बीमारी है. लीवर में संक्रमण बढ़ने से हेपेटाइटिस होता है. जिससे इंसान की मौत हो जाती है. इस बीमारी की वजह ज्यादा शराब का सेवन है. इसके अलावा जो लोग खराब खाना और गलत दवाइयां लेते हैं. उससे भी हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है. हेपेटाइटिस होने पर लिवर में सूजन आ जाती है. जिसके बाद अगर इसे कंट्रोल नहीं किया गया तो इंसान की मौत हो जाती है.

ये भी पढ़ें: World Hepatitis Day 2021: क्या है हेपेटाइटिस, कैसे करें इस बीमारी से बचाव, जानिए विशेषज्ञ की सलाह

भारत में हेपेटाइटिस की स्थिति: हेपेटाइटिस वायरस 5 प्रकार का होता है. इसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई शामिल है. हालांकि सबसे ज्यादा खतरनाक हेपेटाइटिस बी को माना जाता है. भारत में वायरल हेपेटाइटिस तेजी से एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में फैल रहा है. एचएवी और एचईवी एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस और एक्यूट लीवर फैल्योर (एएलएफ) के महत्वपूर्ण कारण हैं. आंकड़ों की कमी के कारण, देश के लिए बीमारी का सही आकलन नहीं हो पाता है.उपलब्ध साहित्य एक विस्तृत श्रृंखला को इंगित करता है और सुझाव देता है कि भारत में एचएवी एक्यूट हेपेटाइटिस के 10-30 प्रतिशत और एक्यूट लीवर फैल्योर के 5-15 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है. भारत में एचबीवी मध्यवर्ती स्थानिकता क्षेत्र (औसत चार प्रतिशत) की श्रेणी में आता है

हेपेटाइटिस बीमारी से बचाव के उपाय

  1. हेपेटाइटिस बीमारी से बचने के लिए हमेशा स्टेराइल इंजेक्शन का प्रयोग करना चाहिए.
  2. खुद के रेजर और ब्लेड का प्रयोग करना चाहिए. किसी का इस्तेमाल किया हुआ रेजर और ब्लेड यूज नहीं करना चाहिए
  3. टैटू बनवाने के लिए सुरक्षित टैटू बनाने वाले उपकरण का प्रयोग करें
  4. हेपेटाइटिस बी का टीका जरूर लगवाएं
  5. यौन संबंध बनाते वक्त सुरक्षा का ख्याल रखें

रायपुर/हैदराबाद : विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से हर साल 28 जुलाई के दिन वर्ल्ड हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता (world hepatitis day 2022) है. इस दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन लोगों को हेपेटाइटिस रोग के बारे में जागरुक करने का काम करता है. इस तरह के आयोजन से लोगों में हेपेटाइटिस के बारे में जानकारी मिलती (Hepatitis is very dangerous disease) है. इसकी महता को समझते हुए 28 जुलाई 2018 को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया था. जिसके चार साल पूरे हो गए हैं. इस आयोजन का मकसद देश में हेपेटाइटिस के केस को कम (measures to prevent Hepatitis) करना है.

क्या होती है हेपेटाइटिस बीमारी: हेपेटाइटिस एक घातक बीमारी है. यह लीवर से जुड़ी बीमारी है. लीवर में संक्रमण बढ़ने से हेपेटाइटिस होता है. जिससे इंसान की मौत हो जाती है. इस बीमारी की वजह ज्यादा शराब का सेवन है. इसके अलावा जो लोग खराब खाना और गलत दवाइयां लेते हैं. उससे भी हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है. हेपेटाइटिस होने पर लिवर में सूजन आ जाती है. जिसके बाद अगर इसे कंट्रोल नहीं किया गया तो इंसान की मौत हो जाती है.

ये भी पढ़ें: World Hepatitis Day 2021: क्या है हेपेटाइटिस, कैसे करें इस बीमारी से बचाव, जानिए विशेषज्ञ की सलाह

भारत में हेपेटाइटिस की स्थिति: हेपेटाइटिस वायरस 5 प्रकार का होता है. इसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई शामिल है. हालांकि सबसे ज्यादा खतरनाक हेपेटाइटिस बी को माना जाता है. भारत में वायरल हेपेटाइटिस तेजी से एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में फैल रहा है. एचएवी और एचईवी एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस और एक्यूट लीवर फैल्योर (एएलएफ) के महत्वपूर्ण कारण हैं. आंकड़ों की कमी के कारण, देश के लिए बीमारी का सही आकलन नहीं हो पाता है.उपलब्ध साहित्य एक विस्तृत श्रृंखला को इंगित करता है और सुझाव देता है कि भारत में एचएवी एक्यूट हेपेटाइटिस के 10-30 प्रतिशत और एक्यूट लीवर फैल्योर के 5-15 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है. भारत में एचबीवी मध्यवर्ती स्थानिकता क्षेत्र (औसत चार प्रतिशत) की श्रेणी में आता है

हेपेटाइटिस बीमारी से बचाव के उपाय

  1. हेपेटाइटिस बीमारी से बचने के लिए हमेशा स्टेराइल इंजेक्शन का प्रयोग करना चाहिए.
  2. खुद के रेजर और ब्लेड का प्रयोग करना चाहिए. किसी का इस्तेमाल किया हुआ रेजर और ब्लेड यूज नहीं करना चाहिए
  3. टैटू बनवाने के लिए सुरक्षित टैटू बनाने वाले उपकरण का प्रयोग करें
  4. हेपेटाइटिस बी का टीका जरूर लगवाएं
  5. यौन संबंध बनाते वक्त सुरक्षा का ख्याल रखें
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