रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के एक बयान ने प्रदेश में हलचल मचा दी है. एक सवाल के जवाब में किरणमयी नायक ने कहा कि अधिकांश मामलों में पहले लड़कियां सहमति से संबंध बनाती हैं. लिव इन में रहती हैं. उसके बाद रेप केस दर्ज कराती हैं. ऐसे में पहले अपने रिश्ते को देखें, क्योंकि ऐसे रिश्तों का परिणाम हमेशा बुरा ही होता है. उनके इस बयान के बाद प्रदेश की कई महिलाओं ने कड़ी निंदा की है. कुछ एक महिलाएं वह भी हैं, जिन्होंने उनके बयान से सहमति जताई है.
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कृतिका जैन ने कहा कि खुद एक महिला होकर इतने बड़े पद पर बैठने के बाद भी महिलाओं के बारे में ऐसी बात कर रही हैं, जो कि बिल्कुल अशोभनीय है. ऐसे कई मामले हैं, जो खुलकर सामने नहीं आ पाते. लोगों की इसी मानसिकता की नतीजा है कि लड़कियां अपनी बात खुलकर सामने नहीं रखती हैं. उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
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वंदना राठौर ने बयान को बताया शर्मनाक
महिला मोर्चा के सदस्य वंदना राठौर ने कहा कि वह खुद एक महिला हैं. उनकी पार्टी की महिलाएं लगातार महिलाओं के हक की बात करती रहती हैं. महिलाओं को उनका हक मिलना चाहिए. खुद जब ऐसी बात करेंगे तो किसी और से हम क्या उम्मीद कर सकते हैं. यह बेहद शर्मनाक बयान है.
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कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों ने बयान पर जताई सहमति
कॉलेज में पढ़ने वाली अंजली सिंह का कहना है कि यह सही भी है. उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है. ऐसे कई मामले सामने आते हैं. जहां पर लड़कियां अपनी मर्जी से संबंध बनाती हैं. बाद में केस कर देती हैं. ऐसे में कई बार लड़कों को फंसाने के लिए ही किए जाते हैं. मुझे लगता है कि इसे रेप की श्रेणी में नहीं रखना चाहिए.
किरणमयी नायक के बयान पर बवाल
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बिलासपुर दौरे पर थीं. बिलासपुर में दुष्कर्म के मामलों को लेकर बयान दिया है. ETV भारत से किरणमयी नायक ने कहा कि 'लड़कियां मर्जी से गलत संबंधों में पड़ती हैं. पढ़ी-लिखी होकर गलत रिश्ते में रहती हैं फिर रिपोर्ट लिखवाने आती हैं. ऐसी लड़कियां न्याय की उम्मीद न करें क्योंकि आपने गलत किया है. ये फिल्मी तरीके हैं कि लोग लिव इन में रह रहे हैं, हीरो-हिरोइन रह रहे हैं तो यहां भी यही शुरू कर दें. ये गलत परंपरा है. इन सबके चक्कर में महिलाओं और लड़कियों को नहीं आना चाहिए.''