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छत्तीसगढ़ के 378 थानों में महिला डेस्क की शुरुआत

महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के 378 थानों में महिला डेस्क की शुरुआत की गई. यहां महिलाएं बिना किसी संकोच के थानों में जाकर महिला पुलिस अधिकारियों से अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

women desk
महिला डेस्क
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Published : Mar 28, 2021, 8:51 AM IST

रायपुर: महिला और बच्चों से संबंधित अपराधों को गंभीरता से देखते हुए राज्य सरकार के गृह विभाग ने राज्य के 378 थानों में महिला डेस्क बनाया है. पीड़ित महिलाएं और बच्चे महिला पुलिस अधिकारियों को अपने ऊपर घटित घटनाओं की शिकायत बेझिझक दर्ज करा रहे हैं.

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए राज्य के 6 जिलों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ में इनवेस्टीगेटिव युनिट फार क्राईम अगेन्स्ट वुमेन (आईयूसीएडब्ल्यू) संचालित है. महिला डेस्क का काम पुलिस स्टेशन गई महिला को इमोशनल और मॉरल सपोर्ट देना है. इन हेल्प डेस्क पर महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है.

SPECIAL: राजधानी बन रही महिलाओं की 'न्यायधानी', संवेदना कक्ष में सुनी जा रही परेशानी

ये सुविधाएं उपलब्ध

महिला डेस्क के अधिकारियों को महिलाओं की समस्याएं संवेदनशीलता से सुनने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. हेल्प डेस्क पर कानूनी सहायता, परामर्श, पुनर्वास और प्रशिक्षण आदि के लिए वकील, मनोवैज्ञानिक और एनजीओ जैसे विशेषज्ञों के पैनल को भी शामिल किया गया है. राज्य के चार जिलों बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और सरगुजा में महिला थाना भी संचालित है. इसके साथ ही कार्यस्थलों पर महिला उत्पीड़न रोकने के लिए सभी जिला, संभाग और पुलिस मुख्यालय स्तर पर आंतरिक शिकायत समिति का भी गठन किया गया है.

थानों में 'महिला हेल्प डेस्क' बनाने के लिए दिए गए 200 करोड़: गृह मंत्रालय

महिलाओं को मिल रही मदद
महिला डेस्क से महिलाओं को काफी ज्यादा राहत मिल रही है. एक शांत और सुरक्षित माहौल में महिलाएं अपनी बात को पुलिस अधिकारियों के सामने रख पा रही हैं. साथ ही उनकी शिकायतों का निवारण किया जा रहा है. हेल्प डेस्क को लेकर महिलाएं काफी ज्यादा खुश नजर आ रही हैं.

रायपुर: महिला और बच्चों से संबंधित अपराधों को गंभीरता से देखते हुए राज्य सरकार के गृह विभाग ने राज्य के 378 थानों में महिला डेस्क बनाया है. पीड़ित महिलाएं और बच्चे महिला पुलिस अधिकारियों को अपने ऊपर घटित घटनाओं की शिकायत बेझिझक दर्ज करा रहे हैं.

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए राज्य के 6 जिलों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ में इनवेस्टीगेटिव युनिट फार क्राईम अगेन्स्ट वुमेन (आईयूसीएडब्ल्यू) संचालित है. महिला डेस्क का काम पुलिस स्टेशन गई महिला को इमोशनल और मॉरल सपोर्ट देना है. इन हेल्प डेस्क पर महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है.

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महिला डेस्क के अधिकारियों को महिलाओं की समस्याएं संवेदनशीलता से सुनने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. हेल्प डेस्क पर कानूनी सहायता, परामर्श, पुनर्वास और प्रशिक्षण आदि के लिए वकील, मनोवैज्ञानिक और एनजीओ जैसे विशेषज्ञों के पैनल को भी शामिल किया गया है. राज्य के चार जिलों बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और सरगुजा में महिला थाना भी संचालित है. इसके साथ ही कार्यस्थलों पर महिला उत्पीड़न रोकने के लिए सभी जिला, संभाग और पुलिस मुख्यालय स्तर पर आंतरिक शिकायत समिति का भी गठन किया गया है.

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महिला डेस्क से महिलाओं को काफी ज्यादा राहत मिल रही है. एक शांत और सुरक्षित माहौल में महिलाएं अपनी बात को पुलिस अधिकारियों के सामने रख पा रही हैं. साथ ही उनकी शिकायतों का निवारण किया जा रहा है. हेल्प डेस्क को लेकर महिलाएं काफी ज्यादा खुश नजर आ रही हैं.

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