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गोधन न्याय योजना से महिलाओं के चेहरे पर आई खुशी

गोधन न्याय योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. गौठानों में काम करने से महिलाएं ना सिर्फ नया काम सीख रही है बल्कि अच्छी-खासी कमाई भी कर रही हैं.

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
गोधन न्याय योजना से महिलाओं के चेहरे पर आई खुशी
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Published : Jan 18, 2021, 7:28 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से शुरू किए गए गौठान और गोधन न्याय योजना के कारण प्रदेश की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं. रायपुर नगर निगम अंतर्गत जोन 3 में संचालित गोबर खरीदी केंद्र इसका सफल और अच्छा उदाहरण है.यहां महिला स्व सहायता समूह गोबर से खाद, कंडे और वर्मी कंपोस्ट बना रही है. गोबर से बने खाद से ऑर्गेनिक सब्जियां भी उगा कर उन्हें बेच कर कमाई हो रही है.

गोधन न्याय योजना से महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

3 टन वर्मी कंपोस्ट खाद बना चुकी महिलाएं

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
केंचुआ खाद

जोन 3 अंतर्गत मोवा में संचालित गोबर खरीदी केंद्र में महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं अब तक 3 टन वर्मी कंपोस्ट खाद बना चुकी है. खाद पैकिंग कर बाजार में बिकने के लिए तैयार है.

5 लाख रुपए केंचुए की बिक्री की तैयारी

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
गौठान में खाद बनाती महिला

समूह की महिलाएं यहां गोबर से खाद बनाने के साथ केंचुआ उत्पादन भी कर रही है. शुरू में खाद बनाने के लिए 250 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से केंचुए खरीदे गए थे. अब समूह की महिलाएं सैकड़ो किलो केंचुओं का उत्पादन कर चुकी है. ब केंचुओं को बेचने की तैयारी चल रही है. आने वाले दिनों में इसे बेचकर आर्थिक मजबूती आएगी.

पढ़ें: बलौदाबाजार: मंत्री रविंद्र चौबे ने किया गौठान का औचक निरीक्षण, हितग्राहियों को बांटे चेक

महिलाएं कर रही ऑर्गेनिक खेती

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
जैविक खाद से लगाई गई पत्तागोभी

महिलाएं ना सिर्फ ऑर्गेनिक खाद बनाकर बेच रही है बल्कि ऑर्गेनिक खाद से टमाटर, धनिया, मेथी ,शलजम, बैंगन, गोभी भी उगा रही हैं. वर्मी कंपोस्ट की मदद से लगभग डेढ़ माह में सब्जियां तैयार हो रही है. आने वाले दिनों में महिलाएं बड़े स्तर पर सब्जी की खेती करने की योजना बना रही है.

शव दहन के लिए इस्तेमाल हो रहे गौठान के कंडे

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
गोबर के उपले

महिला स्व सहायता समूह के बनाए कंडों की सप्लाई मुक्तिधाम में हो रही है. समूह की महिलाओं ने बताया कि 5 रुपए प्रति किलो के भाव से श्मशान घाट में कंडे बेचे जा रहे हैं. शव दहन के लिए कंडों का इस्तेमाल हो रहा है.

फिनाइल के साथ-साथ दोना पत्तल का भी निर्माण

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
गोधन न्याय योजना के उद्देश्य

मोबाइल स्थित गोबर खरीदी केंद्र में महिला स्व सहायता समूह को सशक्त बनाने के लिए महिलाएं फिनाइल भी बना रही है. जिसे 40 से 50 रुपये प्रति लीटर बेचने की तैयारी है. इसके अतिरिक्त महिलाएं दोना पत्तल बनाने का काम भी जल्दी शुरू करेंगी, ताकि महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूती मिल पाए.

पढ़ें: अतिरिक्त आय का साधन बनी गोधन न्याय योजना, लाभार्थियों ने सीएम बघेल का जताया अभार

महिलाओं को सक्षम बनाने की कोशिश
वर्तमान में गोबर खरीदी केंद्र में 2 लाख किलो से अधिक का गोबर खरीदा जा चुका है. खरीदे गए गोबर से महिलाएं विभिन्न प्रकार के उत्पाद बना रही हैं. दिवाली में गोबर से दीये भी बनाए गए. जिसमें काफी लाभ भी हुआ. परिसर में ही जैविक खाद से जैविक खेती की जा रही है. कमिश्नर प्रवीण गहलोत ने बताया कि अब तक 35 से 40 हजार रुपये समूह की महिलाओं के खाते में जमा किए जा चुके हैं. वर्तमान में 3 टन वर्मी कंपोस्ट तैयार है, जिसके लिए मार्केट की व्यवस्था की जा रही है. बिक्री की गए वर्मी कंपोस्ट की राशि भी महिला स्व सहायता समूह के खाते में डाली जाएगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को परिवार और समाज में मजबूत स्तंभ के रूप में प्रदर्शित करने के लिए और भी कई काम किए जा रहे है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से शुरू किए गए गौठान और गोधन न्याय योजना के कारण प्रदेश की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं. रायपुर नगर निगम अंतर्गत जोन 3 में संचालित गोबर खरीदी केंद्र इसका सफल और अच्छा उदाहरण है.यहां महिला स्व सहायता समूह गोबर से खाद, कंडे और वर्मी कंपोस्ट बना रही है. गोबर से बने खाद से ऑर्गेनिक सब्जियां भी उगा कर उन्हें बेच कर कमाई हो रही है.

गोधन न्याय योजना से महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

3 टन वर्मी कंपोस्ट खाद बना चुकी महिलाएं

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
केंचुआ खाद

जोन 3 अंतर्गत मोवा में संचालित गोबर खरीदी केंद्र में महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं अब तक 3 टन वर्मी कंपोस्ट खाद बना चुकी है. खाद पैकिंग कर बाजार में बिकने के लिए तैयार है.

5 लाख रुपए केंचुए की बिक्री की तैयारी

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
गौठान में खाद बनाती महिला

समूह की महिलाएं यहां गोबर से खाद बनाने के साथ केंचुआ उत्पादन भी कर रही है. शुरू में खाद बनाने के लिए 250 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से केंचुए खरीदे गए थे. अब समूह की महिलाएं सैकड़ो किलो केंचुओं का उत्पादन कर चुकी है. ब केंचुओं को बेचने की तैयारी चल रही है. आने वाले दिनों में इसे बेचकर आर्थिक मजबूती आएगी.

पढ़ें: बलौदाबाजार: मंत्री रविंद्र चौबे ने किया गौठान का औचक निरीक्षण, हितग्राहियों को बांटे चेक

महिलाएं कर रही ऑर्गेनिक खेती

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
जैविक खाद से लगाई गई पत्तागोभी

महिलाएं ना सिर्फ ऑर्गेनिक खाद बनाकर बेच रही है बल्कि ऑर्गेनिक खाद से टमाटर, धनिया, मेथी ,शलजम, बैंगन, गोभी भी उगा रही हैं. वर्मी कंपोस्ट की मदद से लगभग डेढ़ माह में सब्जियां तैयार हो रही है. आने वाले दिनों में महिलाएं बड़े स्तर पर सब्जी की खेती करने की योजना बना रही है.

शव दहन के लिए इस्तेमाल हो रहे गौठान के कंडे

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
गोबर के उपले

महिला स्व सहायता समूह के बनाए कंडों की सप्लाई मुक्तिधाम में हो रही है. समूह की महिलाओं ने बताया कि 5 रुपए प्रति किलो के भाव से श्मशान घाट में कंडे बेचे जा रहे हैं. शव दहन के लिए कंडों का इस्तेमाल हो रहा है.

फिनाइल के साथ-साथ दोना पत्तल का भी निर्माण

Women are benefiting from the Godhan Nyaya Yojana IN RAIPUR
गोधन न्याय योजना के उद्देश्य

मोबाइल स्थित गोबर खरीदी केंद्र में महिला स्व सहायता समूह को सशक्त बनाने के लिए महिलाएं फिनाइल भी बना रही है. जिसे 40 से 50 रुपये प्रति लीटर बेचने की तैयारी है. इसके अतिरिक्त महिलाएं दोना पत्तल बनाने का काम भी जल्दी शुरू करेंगी, ताकि महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूती मिल पाए.

पढ़ें: अतिरिक्त आय का साधन बनी गोधन न्याय योजना, लाभार्थियों ने सीएम बघेल का जताया अभार

महिलाओं को सक्षम बनाने की कोशिश
वर्तमान में गोबर खरीदी केंद्र में 2 लाख किलो से अधिक का गोबर खरीदा जा चुका है. खरीदे गए गोबर से महिलाएं विभिन्न प्रकार के उत्पाद बना रही हैं. दिवाली में गोबर से दीये भी बनाए गए. जिसमें काफी लाभ भी हुआ. परिसर में ही जैविक खाद से जैविक खेती की जा रही है. कमिश्नर प्रवीण गहलोत ने बताया कि अब तक 35 से 40 हजार रुपये समूह की महिलाओं के खाते में जमा किए जा चुके हैं. वर्तमान में 3 टन वर्मी कंपोस्ट तैयार है, जिसके लिए मार्केट की व्यवस्था की जा रही है. बिक्री की गए वर्मी कंपोस्ट की राशि भी महिला स्व सहायता समूह के खाते में डाली जाएगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को परिवार और समाज में मजबूत स्तंभ के रूप में प्रदर्शित करने के लिए और भी कई काम किए जा रहे है.

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