रायपुरः ठंड (cold) के मौसम (weather) की शुरुआत हो चुकी है. गुलाबी ठंड (pink cold) के साथ लोगों के शरीर (Body) के साथ-साथ सेहत (Health) में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में अपनी सेहत का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिरकार क्यों ठंड की दस्तक (winter) के साथ हमारे शरीर के साथ सेहत में ये बदलाव आते हैं? आइए आपको हम बताते हैं इन बदलाव के कारण...
ठंड में वॉक है जरूरी
ज्यादातर ठंड के कारण हमारा शरीर कांपने लगता हैं. क्योंकि जब आपकी बॉडी का टेम्परेचर (body temperature) नॉर्मल टेम्परेचर (normal temperature) के मुकाबले कम हो जाता है, तो आपकी बॉडी कांपना शुरू कर देती है. बॉडी का टेम्परेचर कम होने के कारण हमारे दिमाग का हाइपोथैलेमस पार्ट (hypothalamus part) एक्टिवेट हो जाता है. जो सर्दी महसूस होने पर पूरे शरीर को सिग्नल भेजता है. जिसके मिलते ही बॉडी कापंना शुरू कर देती है. ये जरूरी नहीं कि ठंड से बचने के लिए हम भारी-भरकम ऊनी कपड़े पहनें, बल्कि इस समय में शरीर को गर्म करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप वॉक करें या एक जगह पर खड़े होकर जंप करें. इससे हमारा ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) चालू रहता है और हम बीमारियों से दूर रहते हैं.
ठंड में अधिक टॉयलेट जाना भी है फायदेमंद
ठंड के मौसम में लोग अधिक टॉयलेट जाते हैं. ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से व्यक्ति को बार-बार टॉयलेट आता है. इतना ही नहीं बल्कि, हाई ब्लड प्रेशर के कारण ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. इसलिए सर्दी के मौसम में खुद को सेहतमंद रखने के लिए जरूरी है कि जैसे ही आपको टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस हो आप उसी समय टॉयलेट जाकर खुद को फ्री कर रिलेक्स हो जाएं.
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ठंड में कम होती है कैलोरीज
रिसर्च की मानें तो ठंड के मौसम में बिना डायटिंग (Dieting) और एक्सरसाइज (Excercise)के ही कैलोरीज (Calories) कम होती है. क्योंकि ठंड के मौसम में गर्म रहने के लिए बॉडी को खुद से ही ज्यादा से ज्यादा हीट जनरेट करनी पड़ती है. जिस कारण बिना कुछ करे ही आपकी कैलोरीज बर्न हो जाती है.
नींद एक बड़ी परेशानी बन जाती है
ठंड के मौसम में ज्यादातर सुबह उठने में परेशानी होना आपको नॉर्मल लगता होगा. लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है. सर्दी के मौसम में दिन छोटा और रातें लंबी हो जाती हैं. ज्यादा सूरज की रोशनी ना मिलने की वजह से शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है. जिस कारण इस मौसम में हमें ज्यादा सुस्ती महसूस होने लगती है. दूसरा कारण यह है कि इस मौसम में हमारी बॉडी में मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. इस हार्मोन (Hormones) की वजह से हमें ज्यादा नींद आती है. जो कि हमारी नींद के पैटर्न को डिस्टर्ब कर देता है. जिस वजह से भी इस मौसम में हमें ज्यादा सुस्ती महसूस होती है.