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Winter Session Of Chhattisgarh Assembly 2021: धान खरीदी में बारदाने की कमी और शराबबंदी पर शीत सत्र में होगा घमासान, चढ़ेगा सियासी पारा

विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार 13 दिसंबर 2021 (Winter Session Of Chhattisgarh Assembly 2021) से शुरू होगा. जो 17 दिसंबर 2021 तक रहेगा. इस सत्र के दौरान 5 बैठकें होंगी. इस बार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए कुल 755 सवाल लगाए गए हैं, जिसमें कुल तारांकित 382 और कुल अतारांकित 373 सवाल लगाए गए हैं. ऐसे में हंगामे की पूरी की पूरी संभावना (winter session of assembly can be uproar) है.

Winter session can be uproar
शीतकालीन सत्र हो सकता है हंगामेदार
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Published : Dec 3, 2021, 7:34 PM IST

Updated : Dec 3, 2021, 7:54 PM IST

रायपुरः विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार 13 दिसंबर 2021 से शुरू होगा. जो 17 दिसंबर 2021 तक रहेगा. इस सत्र के दौरान 5 बैठकें होंगी. सत्र में वित्तीय कार्य के साथ ही अन्य शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे.

विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2021

विधानसभा में लगाए गए 755 सवाल

इस बार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए कुल 755 सवाल लगाए गए हैं, जिसमें कुल तारांकित 382 और कुल अतारांकित 373 सवाल लगाए गए हैं.

इन मुद्दों पर घिर सकती है सरकार

इस बार का विधानसभा सत्र काफी हंगामेदार होने वाला (winter session of assembly can be uproar)है. क्योंकि इस बार विपक्ष के पास कई ऐसे मुद्दे हैं जिसे लेकर वह सरकार पर हमलावर हो सकती है. धान खरीदी, बारदाने की कमी, बेमौसम बारिश से बर्बाद फसल का मुआवजा, शराबबंदी, हाथियों का आतंक, प्रदेश में बढ़ते अपराध, धीमे निर्माण कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना का रुका काम ओर नक्सल सहित कई ऐसे मुद्दे हैं. जिसे लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है.

लोकसभा में उठा छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा, ईसाई मिशनरी पर बैन की मांग

गूंज सकता है धर्मांतरण का मुद्दा

इसके अलावा विधानसभा सत्र के दौरान धर्मांतरण के मुद्दे को भी विपक्ष घेर सकता है. क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रदेश में धर्मांतरण के मामले तेजी से बढ़े हैं. इसके अलावा कवर्धा कांड पर भी विधानसभा में हंगामा देखने को मिल सकता है.

विपक्ष ने लगाए कई गंभीर आरोप

इसके अलावा कई मुद्दों पर विपक्ष ध्यानाकर्षण लगाकर भी सरकार को घेरने की तैयारी में है. हर बार विपक्ष का आरोप रहता है कि सदन में उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका नहीं दिया जाता है.

विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप

वहीं सत्ता पक्ष का कहना रहता है कि विपक्ष चर्चा से भागता है. सवालों पर चर्चा करने की जगह विपक्ष बहिर्गमन कर देता है. यहां तक कि कई बार हंगामे की स्थिति को देखते हुए सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ता है.

विकास के लिए बात रखने वालों को मिलेगा पर्याप्त समय

हालांकि इस बार विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि छत्तीसगढ़ के उन्नति के लिए विकास के लिए जितने भी विधायक अपनी अपनी बात रखेंगे. उन सब को पर्याप्त समय मिले और उनकी बातों को पूरा स्थान दिया जाएगा.

सत्र के लिए प्रश्नों की संख्या है पर्याप्त

चरणदास महंत ने बताया कि विधानसभा का सत्र 5 दिन का है. एक दिन निधन उल्लेख में चला जाएगा. इस बार विधानसभा सत्र में 750 से ज्यादा प्रश्न अब तक आ चुके हैं, जो भी ध्यानाकर्षण स्थगन आएगा. उसमें अभी समय है. लेकिन प्रश्नों की संख्या पर्याप्त है.अब देखने वाली बात है कि विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को घेरने में कामयाब होती है, या फिर सत्ता पक्ष विपक्ष के सवालों का मुहतोड़ जवाब देती है.

रायपुरः विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार 13 दिसंबर 2021 से शुरू होगा. जो 17 दिसंबर 2021 तक रहेगा. इस सत्र के दौरान 5 बैठकें होंगी. सत्र में वित्तीय कार्य के साथ ही अन्य शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे.

विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2021

विधानसभा में लगाए गए 755 सवाल

इस बार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए कुल 755 सवाल लगाए गए हैं, जिसमें कुल तारांकित 382 और कुल अतारांकित 373 सवाल लगाए गए हैं.

इन मुद्दों पर घिर सकती है सरकार

इस बार का विधानसभा सत्र काफी हंगामेदार होने वाला (winter session of assembly can be uproar)है. क्योंकि इस बार विपक्ष के पास कई ऐसे मुद्दे हैं जिसे लेकर वह सरकार पर हमलावर हो सकती है. धान खरीदी, बारदाने की कमी, बेमौसम बारिश से बर्बाद फसल का मुआवजा, शराबबंदी, हाथियों का आतंक, प्रदेश में बढ़ते अपराध, धीमे निर्माण कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना का रुका काम ओर नक्सल सहित कई ऐसे मुद्दे हैं. जिसे लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है.

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गूंज सकता है धर्मांतरण का मुद्दा

इसके अलावा विधानसभा सत्र के दौरान धर्मांतरण के मुद्दे को भी विपक्ष घेर सकता है. क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रदेश में धर्मांतरण के मामले तेजी से बढ़े हैं. इसके अलावा कवर्धा कांड पर भी विधानसभा में हंगामा देखने को मिल सकता है.

विपक्ष ने लगाए कई गंभीर आरोप

इसके अलावा कई मुद्दों पर विपक्ष ध्यानाकर्षण लगाकर भी सरकार को घेरने की तैयारी में है. हर बार विपक्ष का आरोप रहता है कि सदन में उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका नहीं दिया जाता है.

विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप

वहीं सत्ता पक्ष का कहना रहता है कि विपक्ष चर्चा से भागता है. सवालों पर चर्चा करने की जगह विपक्ष बहिर्गमन कर देता है. यहां तक कि कई बार हंगामे की स्थिति को देखते हुए सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ता है.

विकास के लिए बात रखने वालों को मिलेगा पर्याप्त समय

हालांकि इस बार विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि छत्तीसगढ़ के उन्नति के लिए विकास के लिए जितने भी विधायक अपनी अपनी बात रखेंगे. उन सब को पर्याप्त समय मिले और उनकी बातों को पूरा स्थान दिया जाएगा.

सत्र के लिए प्रश्नों की संख्या है पर्याप्त

चरणदास महंत ने बताया कि विधानसभा का सत्र 5 दिन का है. एक दिन निधन उल्लेख में चला जाएगा. इस बार विधानसभा सत्र में 750 से ज्यादा प्रश्न अब तक आ चुके हैं, जो भी ध्यानाकर्षण स्थगन आएगा. उसमें अभी समय है. लेकिन प्रश्नों की संख्या पर्याप्त है.अब देखने वाली बात है कि विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को घेरने में कामयाब होती है, या फिर सत्ता पक्ष विपक्ष के सवालों का मुहतोड़ जवाब देती है.

Last Updated : Dec 3, 2021, 7:54 PM IST

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