ETV Bharat / state

SPECIAL: बारिश और बदइंतजामी के बीच फंसा किसान, मंत्री बोले- 'सब चंगा है'

बेमौसम बरसात ने किसान की तकलीफ और बढ़ा दी है. किसानों को खेत से खलिहान तक मार झेलनी पड़ रही है. इस पर मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि धान खरीद लिया जाएगा तो डेट बढ़ाने की आवश्कता क्यों है.

बारिश और बदइंतजामी के बीच फंसा किसान
बारिश और बदइंतजामी के बीच फंसा किसान
author img

By

Published : Feb 6, 2020, 12:04 AM IST

Updated : Feb 6, 2020, 1:22 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया है कि इस साल 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. आंकड़ों पर जाएं तो प्रदेश में 15 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जाना बाकी है. जबकि धान खरीदी के लिए अब सिर्फ 8 दिन बचे हुए हैं. सूबे के किसानों को इस साल अपना धान बेचने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

बारिश और बदइंतजामी के बीच फंसा किसान

किसान बताते हैं कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से उन्हें धान बेचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों से धान खरीदी केंद्र में प्रति बोरी 6 रुपये की वसूली भी की जा रही है. वहीं अब बेमौसम बरसात ने उनकी तकलीफ और बढ़ा दी है. किसानों को खेत से खलिहान तक मार झेलनी पड़ रही है.

प्रदेश के कई जिलों से बारिश में भीगे धान की खबरें आ रही हैं. एक नजर डाल लेते हैं-

  • कांकेर में धान खरीदी केंद्रों में धान उठाव की गति बेहद धीमी नजर आ रही है. जिले में अब तक 50 प्रतिशत भी धान का उठाव नहीं हो पाया है. वहीं खराब मौसम के कारण धान भीगने और खराब होने का खतरा बना हुआ है.
  • कवर्धा में हुई बेमौसम बारिश ने धान उपार्जन केंद्रों की पोल खोलकर रख दी है. बारिश की वजह से उपार्जन केंद्रों में रखा हजारों क्विंटल धान पानी में भीग गया है, जिससे शासन को करोड़ों रुपए के नुकसान होने की आशंका है.
  • कोंडागांव के मुनगापदर धान खरीदी केंद्र में संग्रहण क्षमता और बारदाने नहीं होने से धान खरीदी बंद कर दी गई है, जिससे किसान परेशान हैं.
  • बेमेतरा में बारिश की वजह से धान उपार्जन केंद्रों में रखे फड़ के ज्यादातर धान भीग गए हैं. वहीं पूरे जिले में धान खरीदी प्रभावित है.
  • 3 फरवरी को धमतरी जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें से संबलपुर, कंडेल और बोड़रा की सोसायटियों में किसानों ने हंगामा किया. वजह ये थी कि धान खरीदी के पहले जिन तारीखों का टोकन जारी किया गया था, उसे अचानक रिशेड्यूल कर दिया गया था.
  • इस बार धान खरीदी देर से शुरु होने की वजह से और रोज बदलते नियमों के कारण अधिकांश किसान अपना आधा धान भी नहीं बेच पाए हैं. मजबूरी में किसानों को रातभर जाग कर अपने धान की सुरक्षा भी करनी पड़ रही है. बदइंतजामी से जूझ रहे अन्नदाताओं के सामने इंद्रदेव भी परेशानी बनकर खड़े हो गए हैं. बारिश से धान भीग रहा है. तिरपाल के भरोसे खरीदी केंद्रों में पूरी फसल पड़ी हुई है. और हमारे खाद्य मंत्री कह रहे हैं कि सब चंगा है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया है कि इस साल 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. आंकड़ों पर जाएं तो प्रदेश में 15 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जाना बाकी है. जबकि धान खरीदी के लिए अब सिर्फ 8 दिन बचे हुए हैं. सूबे के किसानों को इस साल अपना धान बेचने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

बारिश और बदइंतजामी के बीच फंसा किसान

किसान बताते हैं कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से उन्हें धान बेचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों से धान खरीदी केंद्र में प्रति बोरी 6 रुपये की वसूली भी की जा रही है. वहीं अब बेमौसम बरसात ने उनकी तकलीफ और बढ़ा दी है. किसानों को खेत से खलिहान तक मार झेलनी पड़ रही है.

प्रदेश के कई जिलों से बारिश में भीगे धान की खबरें आ रही हैं. एक नजर डाल लेते हैं-

  • कांकेर में धान खरीदी केंद्रों में धान उठाव की गति बेहद धीमी नजर आ रही है. जिले में अब तक 50 प्रतिशत भी धान का उठाव नहीं हो पाया है. वहीं खराब मौसम के कारण धान भीगने और खराब होने का खतरा बना हुआ है.
  • कवर्धा में हुई बेमौसम बारिश ने धान उपार्जन केंद्रों की पोल खोलकर रख दी है. बारिश की वजह से उपार्जन केंद्रों में रखा हजारों क्विंटल धान पानी में भीग गया है, जिससे शासन को करोड़ों रुपए के नुकसान होने की आशंका है.
  • कोंडागांव के मुनगापदर धान खरीदी केंद्र में संग्रहण क्षमता और बारदाने नहीं होने से धान खरीदी बंद कर दी गई है, जिससे किसान परेशान हैं.
  • बेमेतरा में बारिश की वजह से धान उपार्जन केंद्रों में रखे फड़ के ज्यादातर धान भीग गए हैं. वहीं पूरे जिले में धान खरीदी प्रभावित है.
  • 3 फरवरी को धमतरी जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें से संबलपुर, कंडेल और बोड़रा की सोसायटियों में किसानों ने हंगामा किया. वजह ये थी कि धान खरीदी के पहले जिन तारीखों का टोकन जारी किया गया था, उसे अचानक रिशेड्यूल कर दिया गया था.
  • इस बार धान खरीदी देर से शुरु होने की वजह से और रोज बदलते नियमों के कारण अधिकांश किसान अपना आधा धान भी नहीं बेच पाए हैं. मजबूरी में किसानों को रातभर जाग कर अपने धान की सुरक्षा भी करनी पड़ रही है. बदइंतजामी से जूझ रहे अन्नदाताओं के सामने इंद्रदेव भी परेशानी बनकर खड़े हो गए हैं. बारिश से धान भीग रहा है. तिरपाल के भरोसे खरीदी केंद्रों में पूरी फसल पड़ी हुई है. और हमारे खाद्य मंत्री कह रहे हैं कि सब चंगा है.
Intro:Body:

slug


Conclusion:
Last Updated : Feb 6, 2020, 1:22 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.