रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के दामों में मिली रियायत को वापस लेने पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी का मानना है कि इससे छत्तीसगढ़ की आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है.
प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा केंद्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा पर पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट में दी गई छूट को वापस ले लिया गया है. इसका सीधा असर प्रदेश की आम जनता पर आर्थिक बोझ के रूप में देखने को मिला है.
श्रीवास्तव ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या प्रदेश सरकार आने वाले समय में किसानों को दिए जा रहे धान के 2500 रुपये के समर्थन मूल्य को भी वापस लेने वाली है. क्योंकि केंद्रीय वित्त आयोग ने इसे भी कम किए जाने की अनुशंसा की है. यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो कांग्रेस का चरित्र साफ दिखाई पड़ता है कि वे अपने फायदे के मुताबिक योजनाओं को शुरू या बंद करते है, न की समाज में इसकी जरूरत के मुताबिक.
प्रदेश की वित्तीय स्थिति कमजोर
प्रदेश में सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. यही वजह है कि पेट्रोलियम पदार्थ पर दी गई वेट में छूट को राज्य सरकार ने वापस लिया है. यह सरकार पेट्रोल और शराब से पैसे से जुटाने का काम कर रही है. राज्य सरकार की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं है.
कांग्रेस का जवाब
वहीं भाजपा के इन सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस के मीडिया प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये किया जाना कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल था, इसलिए उसे वापस नहीं लिया जाएगा. त्रिवेदी ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आने वाले 5 सालों तक धान के समर्थन मूल्य और बोनस में कोई कटौती नहीं की जाएगी. यदि वित्त आयोग की इस तरह की कोई अनुशंसा है, तो उस पर भी आने वाले समय में नियमानुसार विचार किया जाएगा.