रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी आज हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान अजीत जोगी ने अपनी आत्मकथा लिखी थी. उनकी आत्मकथा का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अजीत जोगी द्वारा लिखी आत्मकथा की प्रूफ रीडिंग का काम उनकी पत्नी रेणु जोगी कर रही हैं. ETV भारत ने रेणु जोगी से इस बारे में बातचीत की.
रेणु जोगी ने बताया कि अजीत जोगी की बेहद इच्छा थी कि वे अपने जीवन संघर्ष के बारे में लिखें. ताकि छत्तीसगढ़ के नवयुवकों को प्रेरणा मिल सके कि एक छोटे से गांव में रहने वाला आदिवासी छात्र, कैसे दृढ़ संकल्प और मेहनत से आगे बढ़ सकता है. यही उस किताब का मूल उद्देश्य है.
'जोगी की संघर्ष यात्रा है ये किताब'
रेणु जोगी ने कहा कि 'सच कहूं तो ये किताब उनके जीवन की संघर्ष यात्रा है. उन्होंने बहुत लंबे समय तक सरकारी नौकरी की. राजनीति में भी लंबा समय गुजारा है. उसका पूरा विवरण उनकी इस आत्मकथा में है. प्रारंभिक स्तर पर ये किताब काफी रोचक लग रही है'.
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लगभग 450 पेज की आत्मकथा
रेणु जोगी ने बताया कि 'अजीत जोगी लॉकडाउन के दौरान नियमित रूप से सुबह-शाम 2 घंटे खुद लिखते थे और करेक्शन करते थे. इसलिए मैं उसमें कोई छेड़छाड़ या अपना विचार नहीं डालूंगी. उनके लिखे सभी चीजों को जैसा लिखा है उसे वैसा ही प्रस्तुत किया जाएगा.' ताकि जनता इनके विचार जान सके.
जल्द होगा किताब का प्रकाशन
रेणु जोगी ने बताया कि प्रूफ रीडिंग का काम चल रहा है. अभी 60 से 70 पन्नों की प्रूफ रीडिंग हुई है और बाकी सभी व्याकरण और प्रूफ रीडिंग बारीकी से की जा रही है. जल्द ही इसका प्रकाशन किया जाएगा. अजित जोगी ने अपनी आत्मकथा हिंदी में लिखी है. लेकिन अजीत जोगी की इच्छा थी कि इसका अंग्रेजी में अनुवाद हो. इसलिए इसका ट्रांसलेशन करवा कर किताब को इंग्लिश में भी पब्लिश करवाया जाएगा. लेकिन उससे पहले यह हिंदी में ही प्रकाशित की जाएगी.