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दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने भूख हड़ताल कर मनाया हलषष्ठी का पर्व - teacher celebrated festival of Halashti

कई महीनों से अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने हलषष्ठी का पर्व मनाया. सरकार से अनुकंपा नियुक्ति की मांग की.

teacher celebrated festival of Halashti
विधवाओं ने मनाया हलषष्ठी का पर्व
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Published : Aug 28, 2021, 6:20 PM IST

रायपुर: हलषष्ठी पर्व के मौके पर दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने हलषष्ठी का पर्व मनाया. अनुकंपा संघ ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. इस हड़ताल का मकसद सरकार को नींद से जगाना है. गौरतलब है दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 21 जुलाई से प्रदर्शन कर रहा है. लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक सकारात्मक जवाब नहीं आया है. जिसको लेकर अनुकंपा संघ में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

सरकार को जगाने के लिए अनुकंपा संघ एक महीने से लगातार प्रदर्शन कर रहा है. बावजूद इसके सरकार की ओर से इस दिशा में कोई भी पहल नहीं की गई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने हलषष्ठी का व्रत रखकर सगरी (गड्ढा खोदकर) बनाकर हलषष्ठी, कमरछठ का पर्व मनाया. अनुकंपा संघ अपनी 1 सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति पर अड़ा है. इसके पहले भी कई तरह के त्यौहार में उपवास रहकर उन्होंने यह पर्व मनाया.

नहीं मिली अनुकंपा नियुक्ति

सरकार के द्वारा दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. सरकार द्वारा कठिन मापदंड तय किए गए हैं. जिसके चलते उन्हें, अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है.

दिवगंत पंचायत शिक्षक संघ की विधवाओं का रायपुर में विरोध प्रदर्शन

सरकार ने एक जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों के निधन हुए हैं. उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है.

नियुक्ति के इंतजार में विधवाएं

छत्तीसगढ़ में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं. जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड, बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को खत्म कर, सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति दी की जाए. ताकि वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके.

रायपुर: हलषष्ठी पर्व के मौके पर दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने हलषष्ठी का पर्व मनाया. अनुकंपा संघ ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. इस हड़ताल का मकसद सरकार को नींद से जगाना है. गौरतलब है दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 21 जुलाई से प्रदर्शन कर रहा है. लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक सकारात्मक जवाब नहीं आया है. जिसको लेकर अनुकंपा संघ में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

सरकार को जगाने के लिए अनुकंपा संघ एक महीने से लगातार प्रदर्शन कर रहा है. बावजूद इसके सरकार की ओर से इस दिशा में कोई भी पहल नहीं की गई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने हलषष्ठी का व्रत रखकर सगरी (गड्ढा खोदकर) बनाकर हलषष्ठी, कमरछठ का पर्व मनाया. अनुकंपा संघ अपनी 1 सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति पर अड़ा है. इसके पहले भी कई तरह के त्यौहार में उपवास रहकर उन्होंने यह पर्व मनाया.

नहीं मिली अनुकंपा नियुक्ति

सरकार के द्वारा दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. सरकार द्वारा कठिन मापदंड तय किए गए हैं. जिसके चलते उन्हें, अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है.

दिवगंत पंचायत शिक्षक संघ की विधवाओं का रायपुर में विरोध प्रदर्शन

सरकार ने एक जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों के निधन हुए हैं. उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है.

नियुक्ति के इंतजार में विधवाएं

छत्तीसगढ़ में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं. जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड, बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को खत्म कर, सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति दी की जाए. ताकि वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके.

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