रायपुर: 8 मई को दुनिया भर में विश्व रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है. रेडक्रॉस सोसायटी एक ऐसा गैर सरकारी संगठन है, जो दुनिया भर में आपदा पीड़ितों की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार रहती है. दुनिया के किसी भी कोने में कोई भी प्राकृतिक आपदा आए, कोई सैनिक युद्ध के मैदान में घायल हो जाए या कोरोना जैसी विश्व आपदा आए तो रेड क्रॉस की टीम बिना किसी भेदभाव के हमेशा सहायता के लिए तत्पर रहती है. कोरोना वायरस जैसे वैश्विक संकट के दौरान भी रेड क्रॉस सोसायटी के कार्यकर्ता पूरे विश्व भर में सेवा और मानवता के लिए लगातार जुटे हुए हैं. भारत में 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत रेड क्रॉस सोसाइटी का गठन हुआ इस लिहाज से ये साल इंडियन रेड क्रास सोसायटी के लिए शताब्दी वर्ष भी माना जा रहा है.
8 मई को क्यों मनाते हैं विश्व रेड क्रॉस दिवस ?
हर साल दुनिया भर में 8 मई को विश्व रेड क्रॉस दिवस मनाया जाता है, इसके संस्थापक जीन हेनरी ड्यूनेंट हैं, जिनका जन्म 8 मई 1828 को हुआ था. हेनरी ड्यूनेंट की याद में ही हर साल विश्व रेड क्रॉस दिवस मनाया जाता है.
कैसे शुरू हुआ रेड क्रॉस ?
सोलफेरिनो युद्ध के बाद ही रेड क्रॉस की परिकल्पना का जन्म हुआ, 1859 में फ्रांस और ऑस्ट्रिया के बीच हुए युद्ध में कई हजार सैनिक मारे गए और हजारों की सैनिकों में घायल सैनिक युद्ध के मैदान में पड़े हुए थे, हेनरी डूरेंट ने जब युद्ध स्थल का दौरा किया तो इस रक्तपात को देखकर उनका हृदय विचलित हो उठा जिससे बाद ही उन्होंने रेडक्रॉस नामक संगठन की स्थापना की. इसके बाद स्विट्जरलैंड के जेनेवा में 5 लोगों की एक कमेटी बनाई गई जिसे आगे जाकर रेडक्रॉस सोसाइटी का रूप मिला. उसी वर्ष जेनेवा में हुए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में रेडक्रॉस को अमलीजामा पहनाने का मसौदा तैयार किया गया. आज विश्व के तकरीबन 200 देश किसी एक विचार पर सहमत है तो वो है रेडक्रास के विचार, भारत में भी रेड क्रॉस पहले से काम कर रही थी, लेकिन 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी का गठन हुआ.
विश्व भर में तमाम आपदाओं में मानव जीवन को बचाने में रेड क्रॉस ने बड़ी भूमिका निभाई है. कोरोना महामारी जैसे विश्वव्यापी संकट में भी रेड क्रॉस लोगों के लिए तारणहार बना हुआ है.