ETV Bharat / state

Republic day 2023 : क्यों है 26 जनवरी खास - गणतंत्र दिवस

साल 1950 में भारत को एक गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया था. इसी दिन को चिन्हित करने के लिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. यह दिन भारतीय नागरिकों की लोकतांत्रिक रूप से अपनी सरकार चुनने की शक्ति को दर्शाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी की ही तारीख क्यों चुनी गई.इस दिन संविधान लागू करने के पीछे एक खास मकसद था, जिसे शायद ज्यादा लोग जानते होंगे.Republic day

Republic day 2023
क्यों है 26 जनवरी खास
author img

By

Published : Jan 25, 2023, 12:36 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 8:39 PM IST

रायपुर / हैदराबाद : भारत में ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की थी. लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि आजादी से पहले तक 26 जनवरी के दिन ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था. 31 दिसंबर, 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक प्रस्ताव पारित हुआ. इस प्रस्ताव में यह मांग की गई थी कि यदि ब्रिटिश सरकार ने 26 जनवरी 1930 तक भारत को उपनिवेश (डोमीनियन स्टेट) का दर्जा नहीं दिया तो भारत को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा. इसी के बाद 26 जनवरी, 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. इसी दिन जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था.

क्या है 26 जनवरी की अहमियत : 1947 में मिली आजादी के बाद 15 अगस्त को आधिकारिक रूप से स्वतंत्रता दिवस घोषित कर दिया गया. वहीं 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लागू होने के कारण इस तिथि को महत्व देने के लिए ही संविधान लागू इस दिन हुआ.संविधान लागू करने वाले दिन यानी 26 जनवरी को चुना गया . 26 नवंबर, 1949 में भारत का संविधान बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका था. लेकिन 26 जनवरी की महत्ता को देखते हुए इसी दिन साल 1950 में संविधान लागू किया गया.देश को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया.

ये भी पढ़ें- आने वाले पीढ़ियों के लिए गणतंत्र दिवस के दिन नारे का महत्व

क्यों है इस बार 26 जनवरी खास : भारत के 74 वें गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी भारत के मुख्य अतिथि होंगे. साथ ही मिस्र और भारत दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. अब्देल फतह अल-सीसी गणतंत्र दिवस की परेड में भी हिस्सा लेंगे. 2022-23 में भारत की G20 की अध्यक्षता के दौरान भी 'अतिथि देश' के रूप में मिस्र को बुलाया गया है. मिस्र के राष्ट्रपति सीसी का 25 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा.

रायपुर / हैदराबाद : भारत में ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की थी. लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि आजादी से पहले तक 26 जनवरी के दिन ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था. 31 दिसंबर, 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक प्रस्ताव पारित हुआ. इस प्रस्ताव में यह मांग की गई थी कि यदि ब्रिटिश सरकार ने 26 जनवरी 1930 तक भारत को उपनिवेश (डोमीनियन स्टेट) का दर्जा नहीं दिया तो भारत को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा. इसी के बाद 26 जनवरी, 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. इसी दिन जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था.

क्या है 26 जनवरी की अहमियत : 1947 में मिली आजादी के बाद 15 अगस्त को आधिकारिक रूप से स्वतंत्रता दिवस घोषित कर दिया गया. वहीं 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लागू होने के कारण इस तिथि को महत्व देने के लिए ही संविधान लागू इस दिन हुआ.संविधान लागू करने वाले दिन यानी 26 जनवरी को चुना गया . 26 नवंबर, 1949 में भारत का संविधान बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका था. लेकिन 26 जनवरी की महत्ता को देखते हुए इसी दिन साल 1950 में संविधान लागू किया गया.देश को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया.

ये भी पढ़ें- आने वाले पीढ़ियों के लिए गणतंत्र दिवस के दिन नारे का महत्व

क्यों है इस बार 26 जनवरी खास : भारत के 74 वें गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी भारत के मुख्य अतिथि होंगे. साथ ही मिस्र और भारत दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. अब्देल फतह अल-सीसी गणतंत्र दिवस की परेड में भी हिस्सा लेंगे. 2022-23 में भारत की G20 की अध्यक्षता के दौरान भी 'अतिथि देश' के रूप में मिस्र को बुलाया गया है. मिस्र के राष्ट्रपति सीसी का 25 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा.

Last Updated : Jan 25, 2023, 8:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.