रायपुर: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बस्तर कॉफी की तारीफ की. उसके बाद अब सरकार बस्तर कॉफी को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की तैयारी में जुट गई है. बघेल सरकार बस्तर कॉफी के लिए निजी और अंतरराष्ट्रीय कंपनी से एमओयू करेगी. छत्तीसगढ़ टी और कॉफी बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है.
सोमवार को मंत्रालय में छत्तीसगढ़ टी -कॉफी बोर्ड की बैठक मैं चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया. इस बैठक की अध्यक्षता कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने की. इस बैठक में बस्तर एवं सरगुजा संभाग में चाय और कॉफी की खेती के रकबे को विस्तार करने और बस्तर में उत्पादित हो रही कॉफी की मार्केटिंग के लिए प्राइवेट कंपनियों से एमओयू किए जाने का फैसला लिया गया.
रायपुर और दिल्ली में खुलेगा बस्तर कैफे
बता दें कि बस्तर में उत्पादित हो रही कॉफी की बिक्री को बढ़ाने के लिए रायपुर और दिल्ली में बस्तर कैफे की शुरुआत की जाएगी. बघेल सरकार ने इसका फैसला लिया है. वहीं बस्तर में उत्पादित हो रही कॉफी की बिक्री और मार्केटिंग के लिए जगदलपुर में बस्तर कैफे का संचालन जारी है.
राहुल गांधी ने ली बस्तर कॉफी की चुस्की, कहा विदेशों में भी जाए बस्तर काफी का स्वाद
प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश जारी
मीटिंग में मंत्री रविंद्र चौबे ने प्रदेश के सरगुजा संभाग के पठारी इलाकों में चाय और कॉफी को बढ़ावा देने के लिए सर्वे के उपरांत प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कॉफी की प्रोसेसिंग के मशीन लगाने के लिए डीएमएफ फंड से राशि सुनिश्चित किए जाने की बात कही है. साथ ही अधिकारियों को सुकमा जिले में भी कॉफी की खेती के लिए जमीन का चयन करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
SPECIAL: अब जल्द ही आप कहेंगे, एक कप बस्तर की कॉफी हो जाए..
पांच हजार एकड़ से ज्यादा जमीन पर कॉफी की खेती करने का लक्ष्य
बस्तर के दरभा में साल 2021 में 55 एकड़ जमीन पर कॉफी की खेती की गई. वहीं बस्तर जिले में अभी 5108 एकड़ में कॉफी की खेती प्रस्तावित है. जिसमें तोकापाल ब्लॉक के 9 गांव में 1075 एकड़ , लोहंडीगुड़ा के 11 गावों में 1027 एकड़ , बस्तानार के 14 गांव में 1445 एकड़, बकावण्ड के 7 गांव में 460 एकड़ और दरभा ब्लॉक के तेरा गांव में 1101 एकड़ जमीन पर कॉफी की खेती प्रस्तावित है.