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भूपेश बघेल ने पारसी नववर्ष नवरोज की बधाई दी - 16 अगस्त को पारसी समुदाय का नववर्ष

16 अगस्त को पारसी समुदाय का नववर्ष है. सीएम भूपेश बघेल ने पारसी नववर्ष नवरोज के अवसर पर प्रदेशवासियों विशेषकर पारसी समुदाय के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी.

When is the Parsis New Year celebrated
कब मनाया जाता है पारसियों का नवर्ष
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Published : Aug 15, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 4:03 PM IST

रायपुर: सभी धर्मों के लोग अपने-अपने नव वर्ष के जश्न को बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाते (parsi new year 2022) हैं. इसी तरह से पारसी कैलेंडर के पहले महीने की पहली तारीख को पारसी समुदाय के लोग पारसी न्यू ईयर यानी नवरोज सेलिब्रेट करते हैं. इस साल 16 अगस्त को पारसी न्यू ईयर (Parsi New Year) मनाया जा रहा है. पारसी समुदाय के लिए नवरोज आस्था और उत्साह का पर्व है, इसलिए वो कई दिन पहले से ही इसकी जश्न की तैयारियों में जुट जाते हैं. नवरोज का अर्थ है नया दिन, इसलिए इस नए दिन के जश्न को बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. पारसी न्यू ईयर को जमशेदी नवरोज (Jamhesdi Navroz), पतेती (Pateti) और नवरोज (Navroz) जैसे नामों से भी जाना जाता है. पारसी न्यू ईयर पर पारसी मंदिर अगियारी में खास प्राथनाएं आयोजित की जाती हैं. इस समाज के लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं. लजीज पकवान बनाकर परिवार के सभी लोग इसका लुत्फ उठाते हैं.

कितनी साल पुरानी है परंपरा : पारसी समुदाय से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, 3 हजार साल पहले पारसी समुदाय के महान योद्धा जमशेद ने पारसी कैलेंडर की स्थापना की थी और उन्हीं की याद में पारसी नव वर्ष को धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं. आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए पारसी न्यू ईयर की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

कैसे मनाते हैं नवरोज : गौरतलब है कि खास दिन लोग एक-दूसरे के प्रति सहयोग और प्यार की भावना को अभिव्यक्त करने के लिए उपहार देते हैं. इसके साथ ही एक-दूसरे के साथ मिलकर नए साल के जश्न को खास बनाते हैं. धर्म परिवर्तन में विश्वास न रखने वाले पारसी समुदाय को अल्पसंख्यक समुदायों में से एक माना जाता है. आपको बता दें कि नवरोज यानी पारसी न्यू ईयर का पर्व भारत समेत, ईरान, पाकिस्तान, इराक, बहरीन, तजाकिस्तान, लेबनान जैसे दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है.

रायपुर: सभी धर्मों के लोग अपने-अपने नव वर्ष के जश्न को बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाते (parsi new year 2022) हैं. इसी तरह से पारसी कैलेंडर के पहले महीने की पहली तारीख को पारसी समुदाय के लोग पारसी न्यू ईयर यानी नवरोज सेलिब्रेट करते हैं. इस साल 16 अगस्त को पारसी न्यू ईयर (Parsi New Year) मनाया जा रहा है. पारसी समुदाय के लिए नवरोज आस्था और उत्साह का पर्व है, इसलिए वो कई दिन पहले से ही इसकी जश्न की तैयारियों में जुट जाते हैं. नवरोज का अर्थ है नया दिन, इसलिए इस नए दिन के जश्न को बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. पारसी न्यू ईयर को जमशेदी नवरोज (Jamhesdi Navroz), पतेती (Pateti) और नवरोज (Navroz) जैसे नामों से भी जाना जाता है. पारसी न्यू ईयर पर पारसी मंदिर अगियारी में खास प्राथनाएं आयोजित की जाती हैं. इस समाज के लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं. लजीज पकवान बनाकर परिवार के सभी लोग इसका लुत्फ उठाते हैं.

कितनी साल पुरानी है परंपरा : पारसी समुदाय से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, 3 हजार साल पहले पारसी समुदाय के महान योद्धा जमशेद ने पारसी कैलेंडर की स्थापना की थी और उन्हीं की याद में पारसी नव वर्ष को धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं. आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए पारसी न्यू ईयर की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

कैसे मनाते हैं नवरोज : गौरतलब है कि खास दिन लोग एक-दूसरे के प्रति सहयोग और प्यार की भावना को अभिव्यक्त करने के लिए उपहार देते हैं. इसके साथ ही एक-दूसरे के साथ मिलकर नए साल के जश्न को खास बनाते हैं. धर्म परिवर्तन में विश्वास न रखने वाले पारसी समुदाय को अल्पसंख्यक समुदायों में से एक माना जाता है. आपको बता दें कि नवरोज यानी पारसी न्यू ईयर का पर्व भारत समेत, ईरान, पाकिस्तान, इराक, बहरीन, तजाकिस्तान, लेबनान जैसे दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है.

Last Updated : Aug 16, 2022, 4:03 PM IST
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