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छत्तीसगढ़ बजट 2020: इस बार बजट में शिक्षा के लिए क्या होगा खास ?

छत्तीसगढ़ सरकार साल 2020 का बजट पेश करने जा रही है. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में इस बार सरकार क्या लेकर आती है यह अहम होगा. ETV भारत ने शिक्षा बजट को लेकर शिक्षा विशेषज्ञों से यह जानने की कोशिश की है कि बजट में शिक्षा के लिए कई प्रावधान होने के बावजूद जमीनी स्तर पर शिक्षा की स्थिति कैसी है.

condition of education in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ बजट 2020 में शिक्षा के लिए क्या
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Published : Feb 25, 2020, 11:45 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 12:02 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार विधानसभा के बजट सत्र में अपना बजट पेश करने जा रही है. प्रदेश के इस बजट को लेकर काफी तैयारियां चल रही हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट की तैयारियों को लेकर तमाम मंत्रियों से भी सलाह भी ली है. इसके साथ ही अलग-अलग सेक्टर के लोगों से भी राय ली जा रही है. ETV भारत ने शिक्षा बजट को लेकर शिक्षा विशेषज्ञों से यह जानने की कोशिश की है कि बजट में शिक्षा के लिए कई प्रावधान होने के बावजूद जमीनी स्तर पर शिक्षा की स्थिति कैसी है. इसके साथ ही प्रदेश में शिक्षा का स्तर दूसरे राज्यों के मुकाबले क्यों नहीं बढ़ पा रहा है.

बजट 2020 में शिक्षा क्षेत्र के लिए नई उम्मीदें

सेंट्रल गवर्नमेंट की GER में निचले पायदान पर प्रदेश

जानकारों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में एजुकेशन सिस्टम को लेकर नए सिरे से बड़े लेवल पर गाइडलाइन बनाने की जरूरत है. राज्य सरकार की ओर से स्टेट बजट पेश किया जाना है, इस बजट को लेकर शिक्षा जगत में भी कई तरह की उम्मीदें हैं. सेंट्रल गवर्नमेंट की GER यानी ग्रास इन्वायरमेंट रेशियो में छत्तीसगढ़ काफी निचले पायदान पर है. तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों की स्थिति शिक्षा में काफी ऊपर है.

'शहरी इलाकों पर फोकस करते हैं ज्यादातर शिक्षक'

शिक्षाविदों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में अभी भी ज्यादातर शिक्षक शहरी इलाकों को ही फोकस करते हैं. शिक्षक शहरी इलाकों से 50 किलोमीटर दूर कॉलेज और स्कूल में भी जाना नहीं चाहते हैं. सेंट्रलाइज एजुकेशन होने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल कॉलेजों में शिक्षा को लेकर खासी दिक्कतें हैं. वही स्टाफ की भर्ती भी एक बड़ा चैलेंज है.

what will be special for education in chhattisgarh budget session 2020
स्कूली बच्चों से रूबरू होते सीएम भूपेश बघेल

'नई गाइडलाइन बनाने से मिलेगा क्वालिटी एजुकेशन'

दूसरे राज्यों में कॉलेज स्टाफ काउंसिल बनी हुई है, जिसके तहत प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में गाइडलाइन के मुताबिक नियुक्ति होती है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी इस तरह के गाइडलाइन बनाने से क्वालिटी एजुकेशन में काफी सुधार आ सकता है.

वहीं एजुकेशन सिस्टम को लेकर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की टीम ने अब्दुल कलाम शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा गुणवत्ता की जांच की थी. जिसमें यह रिपोर्ट सामने आई थी कि अब्दुल कलाम शिक्षा अभियान के तहत जिन स्कूलों में पढ़ाई कराई जा रही है, वहां बच्चों का IQ लेवल काफी नीचे देखा गया है.

what will be special for education in chhattisgarh budget session 2020
छत्तीसगढ़ बजट 2020 में शिक्षा के लिए क्या

'कई स्कूलों के बच्चों का IQ लेवल नीचे'

इस टीम में शामिल रहे डॉक्टर ए.के.पांडे ने बताया कि, 'कई स्कूलों में हमने दौरा किया तो देखा कि चौथी-पांचवी के बच्चे पहली-दूसरी के सवाल का जवाब भी नहीं दे पाते हैं. उनका IQ लेवल काफी नीचे है. इसके साथ ही हायर एजुकेशन को लेकर भी यह बात सामने आई है कि लंबे समय से सहायकों की भर्ती नहीं हो पाई है. अभी PSC के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. हायर एजुकेशन अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा है, जिनका मानदेय काफी कम है.'

what will be special for education in chhattisgarh budget session 2020
कैसा होगा स्कूल शिक्षा का स्तर

साल 2019 के बजट में शिक्षा का स्थान

छत्तीसगढ़ में बीते साल नई सरकार बनने के बाद पेश किए गए बजट में शिक्षा को लेकर कई सौगात दी गई थी. बेमेतरा जिले में नवीन कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी, तो प्रदेश में नए 33 आईटीआई भी खोले जाने की बात कही गई थी.

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हाईस्कूल का क्या होगा हाल

इसके अलावा 25 हाई स्कूलों को उन्नयन करने और बालोद में महिला महाविद्यालय स्थापित करने का ऐलान था. प्रदेश के महाविद्यालयों में बड़े पैमाने पर खाली पड़ी सहायक प्राध्यापक की भर्ती भी इसके माध्यम से की जा रही है.

वहीं दूसरी ओर प्राइमरी एजुकेशन जो कि शिक्षा के नींव मानी जाती है, उसकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है. कई स्कूलों में तो एक क्लास रूम में चार क्लासेस भी चलाई जा रही है. ऐसे में ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता को लेकर कई क्षेत्र में काम किए जाने की आवश्यकता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार विधानसभा के बजट सत्र में अपना बजट पेश करने जा रही है. प्रदेश के इस बजट को लेकर काफी तैयारियां चल रही हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट की तैयारियों को लेकर तमाम मंत्रियों से भी सलाह भी ली है. इसके साथ ही अलग-अलग सेक्टर के लोगों से भी राय ली जा रही है. ETV भारत ने शिक्षा बजट को लेकर शिक्षा विशेषज्ञों से यह जानने की कोशिश की है कि बजट में शिक्षा के लिए कई प्रावधान होने के बावजूद जमीनी स्तर पर शिक्षा की स्थिति कैसी है. इसके साथ ही प्रदेश में शिक्षा का स्तर दूसरे राज्यों के मुकाबले क्यों नहीं बढ़ पा रहा है.

बजट 2020 में शिक्षा क्षेत्र के लिए नई उम्मीदें

सेंट्रल गवर्नमेंट की GER में निचले पायदान पर प्रदेश

जानकारों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में एजुकेशन सिस्टम को लेकर नए सिरे से बड़े लेवल पर गाइडलाइन बनाने की जरूरत है. राज्य सरकार की ओर से स्टेट बजट पेश किया जाना है, इस बजट को लेकर शिक्षा जगत में भी कई तरह की उम्मीदें हैं. सेंट्रल गवर्नमेंट की GER यानी ग्रास इन्वायरमेंट रेशियो में छत्तीसगढ़ काफी निचले पायदान पर है. तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों की स्थिति शिक्षा में काफी ऊपर है.

'शहरी इलाकों पर फोकस करते हैं ज्यादातर शिक्षक'

शिक्षाविदों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में अभी भी ज्यादातर शिक्षक शहरी इलाकों को ही फोकस करते हैं. शिक्षक शहरी इलाकों से 50 किलोमीटर दूर कॉलेज और स्कूल में भी जाना नहीं चाहते हैं. सेंट्रलाइज एजुकेशन होने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल कॉलेजों में शिक्षा को लेकर खासी दिक्कतें हैं. वही स्टाफ की भर्ती भी एक बड़ा चैलेंज है.

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स्कूली बच्चों से रूबरू होते सीएम भूपेश बघेल

'नई गाइडलाइन बनाने से मिलेगा क्वालिटी एजुकेशन'

दूसरे राज्यों में कॉलेज स्टाफ काउंसिल बनी हुई है, जिसके तहत प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में गाइडलाइन के मुताबिक नियुक्ति होती है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी इस तरह के गाइडलाइन बनाने से क्वालिटी एजुकेशन में काफी सुधार आ सकता है.

वहीं एजुकेशन सिस्टम को लेकर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की टीम ने अब्दुल कलाम शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा गुणवत्ता की जांच की थी. जिसमें यह रिपोर्ट सामने आई थी कि अब्दुल कलाम शिक्षा अभियान के तहत जिन स्कूलों में पढ़ाई कराई जा रही है, वहां बच्चों का IQ लेवल काफी नीचे देखा गया है.

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छत्तीसगढ़ बजट 2020 में शिक्षा के लिए क्या

'कई स्कूलों के बच्चों का IQ लेवल नीचे'

इस टीम में शामिल रहे डॉक्टर ए.के.पांडे ने बताया कि, 'कई स्कूलों में हमने दौरा किया तो देखा कि चौथी-पांचवी के बच्चे पहली-दूसरी के सवाल का जवाब भी नहीं दे पाते हैं. उनका IQ लेवल काफी नीचे है. इसके साथ ही हायर एजुकेशन को लेकर भी यह बात सामने आई है कि लंबे समय से सहायकों की भर्ती नहीं हो पाई है. अभी PSC के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. हायर एजुकेशन अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा है, जिनका मानदेय काफी कम है.'

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कैसा होगा स्कूल शिक्षा का स्तर

साल 2019 के बजट में शिक्षा का स्थान

छत्तीसगढ़ में बीते साल नई सरकार बनने के बाद पेश किए गए बजट में शिक्षा को लेकर कई सौगात दी गई थी. बेमेतरा जिले में नवीन कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी, तो प्रदेश में नए 33 आईटीआई भी खोले जाने की बात कही गई थी.

what will be special for education in chhattisgarh budget session 2020
हाईस्कूल का क्या होगा हाल

इसके अलावा 25 हाई स्कूलों को उन्नयन करने और बालोद में महिला महाविद्यालय स्थापित करने का ऐलान था. प्रदेश के महाविद्यालयों में बड़े पैमाने पर खाली पड़ी सहायक प्राध्यापक की भर्ती भी इसके माध्यम से की जा रही है.

वहीं दूसरी ओर प्राइमरी एजुकेशन जो कि शिक्षा के नींव मानी जाती है, उसकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है. कई स्कूलों में तो एक क्लास रूम में चार क्लासेस भी चलाई जा रही है. ऐसे में ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता को लेकर कई क्षेत्र में काम किए जाने की आवश्यकता है.

Last Updated : Feb 26, 2020, 12:02 AM IST
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