रायपुर: छत्तीसगढ़ में साल 2003 से 2018 तक भाजपा की सरकार रही. 15 साल तक सत्ता का वनवास झेलने के बाद दिसंबर 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई. कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद सीएम पद की रेस के दावेदारों में सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव का नाम प्रमुखता से सामने आया. यहां भी दूसरे राज्यों की तरह ही सीएम पद को लेकर खूब माथापच्ची चली. आखिरकार फैसला भूपेश बघेल के पक्ष में गया. दिल्ली दरबार में यह फैसला हुआ था कि भूपेश बघेल सीएम होंगे.
इसके बाद से ही यह चर्चा चल पड़ी की छत्तीसगढ़ में ढाई साल भूपेश बघेल और ढाई साल टीएस सिंह देव सीएम रहेंगे. अब जबकि जून में भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं, लिहाजा ढाई-ढाई साल सीएम का फॉर्मूला एक बार फिर चर्चा में है और यही कांग्रेस के पूरे विवाद की जड़ है.
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छत्तीसगढ़ नें होगा नेतृत्व परिवर्तन!
जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो दिल्ली दरबार में भूपेश बघेल और सिंहदेव को तलब किया गया. लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नेताओं ने छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की बात से इनकार किया. छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुद्दों पर ही चर्चा हुई है. हालांकि जानकार बता रहे हैं कि इस बैठक के बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ है. इस पूरे एपिसोड में अब भी कई पेंच बाकी है और संशय बरकरार है.
सोनिया गांधी लेंगी अंतिम निर्णय
सूत्रों के मुताबिक विवाद पर राहुल गांधी के दरबार में कोई नतीजा नहीं निकला है. अब सोनिया गांधी ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लेंगी. लेकिन दोनों नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव फिलहाल दिल्ली में ही मौजूद है. अब खबर आर रही है कि सीएम भूपेश बघेल शुक्रवार सुबह दिल्ली जाएंगे.