रायपुर: वेटलैंड्स भौगोलिक क्षेत्र हैं. जो या तो लगातार या समय-समय पर पानी से भरे रहते हैं. वेटलैंड्स में आर्द्रभूमि, झीलें, नदियाँ, दलदल, नदियाँ, जलधाराएं, और अंतर्देशीय आर्द्रभूमियां शामिल हैं. तटीय आर्द्रभूमि में नमक दलदली भूमि, ज्वारनदमुख, लैगून, मैंग्रोव और यहां तक कि इसमें समुद्री पारिस्थितिक तंत्र भी शामिल हैं. हर साल 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है. साल1997 तक इस दिन को नहीं मनाया गया था. पर्यावरण कार्यकर्ता और सामुदायिक रक्षक इस दिन एक साथ आकर प्रकृति के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हैं. इस दिन वैश्विक स्तर पर भी संगोष्ठी और प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया वेटलैंड्स का महत्व: रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 97वें संस्करण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि "आजादी के 75 साल पर अमृत महोत्सव के दौरान हमारे देश में रामसर साइटों की कुल संख्या 75 हो गई है. विश्व के अधिकांश रामसर स्थलों की अपनी अनूठी सांस्कृतिक विरासत है. किसी भी देश में आर्द्रभूमि को कुछ मानदंडों को पूरा करना होता है. तभी उन्हें रामसर स्थल घोषित किया जा सकता है. देश में रामसर साइटों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है. जो कि 2014 में भारत की तुलना में तीन गुना के करीब है. उन्होंने कहा कि "देश में रामसर साइटों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है जो पहले 2014 तक केवल 26 थी."
मापदंड को पूरा करने पर होती है वेटलैंड्स साइट की घोषणा: पीएम मोदी ने आगे कहा कि “वेटलैंड्स जैव विविधता को समृद्ध करने के साथ ही बाढ़ नियंत्रण और भूजल पुनर्भरण भी सुनिश्चित करते हैं. आप में से बहुत से लोग जानते होंगे कि रामसर साइट्स ऐसे वेटलैंड्स हैं जिनके अंतरराष्ट्रीय महत्व के हैं. रामसर साइट्स में 20,000 या अधिक जल पक्षी होने चाहिए. बड़ी संख्या में स्थानीय मछली प्रजातियों का होना महत्वपूर्ण है.”