रायपुर: राजधानी रायपुर में गृह निर्माण मंडल के खिलाफ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है. तृतीय वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि 'गृह निर्माण मंडल पहले सिंचाई कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों के लिए घर बनवाए, इसके बाद मकानों को तोड़े. इस क्रम में तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपा.
दरअसल, रायपुर के भगत सिंह चौक पर जल संसाधन विभाग के कार्यालय परिसर में बने मकानों को गृह निर्माण मंडल तोड़ रहा है, जिससे तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ गृह निर्माण मंडल के खिलाफ आंदोलनरत हो गया है. कर्मचारी संघ का कहना है कि शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी का निर्माण मध्यप्रदेश शासन काल में कराया गया था, तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ल के कार्यकाल में साल 1972 में इस कॉलोनी का निर्माण हुआ था, लेकिन अब गृह निर्माण मंडल इसे तोड़ रहा है.
सिंचाई कॉलोनी में बनाए गए थे 320 मकान
मामले में प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि 'शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी को 1972 में निर्माण कराया गया था, जिसमें कच्चे और पक्के लगभग 320 शासकीय आवास बनाए गए थे. इन आवासों में सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी निवासरत हैं. ऐसे में आनन-फानन में 1972 में बने 320 शासकीय आवास को तोड़े जाने की खबर के बाद यहां रह रहे शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.
उग्र आंदोलन की चेतावनी
अजय तिवारी ने बताया कि 'पहले शांति नगर में खाली पड़े ढाई एकड़ जमीन पर अधिकारी और कर्मचारियों के लिए आवास बनाया जाए, उसके बाद ही 50 साल पहले बने इन मकानों को तोड़ा जाए. इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 'अगर ऐसा नहीं होता है, तो आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे'.