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रायपुर: सिंचाई कॉलोनी में मकानों को तोड़ने का अल्टीमेटम, सड़क पर उतरा कर्मचारी संघ

गृह निर्माण मंडल ने सिंचाई कॉलोनी में बने मकानों को तोड़ने के अल्टीमेटम दिया है. जिसके विरोध में तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है.

Warning of movement against Chhattisgarh Housing Board in raipur
गृह निर्माण मंडल के खिलाफ सड़कों पर उतरा कर्मचारी संघ
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Published : Feb 5, 2020, 5:33 PM IST

रायपुर: राजधानी रायपुर में गृह निर्माण मंडल के खिलाफ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है. तृतीय वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि 'गृह निर्माण मंडल पहले सिंचाई कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों के लिए घर बनवाए, इसके बाद मकानों को तोड़े. इस क्रम में तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपा.

सड़क पर उतरा कर्मचारी संघ

दरअसल, रायपुर के भगत सिंह चौक पर जल संसाधन विभाग के कार्यालय परिसर में बने मकानों को गृह निर्माण मंडल तोड़ रहा है, जिससे तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ गृह निर्माण मंडल के खिलाफ आंदोलनरत हो गया है. कर्मचारी संघ का कहना है कि शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी का निर्माण मध्यप्रदेश शासन काल में कराया गया था, तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ल के कार्यकाल में साल 1972 में इस कॉलोनी का निर्माण हुआ था, लेकिन अब गृह निर्माण मंडल इसे तोड़ रहा है.

सिंचाई कॉलोनी में बनाए गए थे 320 मकान
मामले में प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि 'शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी को 1972 में निर्माण कराया गया था, जिसमें कच्चे और पक्के लगभग 320 शासकीय आवास बनाए गए थे. इन आवासों में सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी निवासरत हैं. ऐसे में आनन-फानन में 1972 में बने 320 शासकीय आवास को तोड़े जाने की खबर के बाद यहां रह रहे शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी
अजय तिवारी ने बताया कि 'पहले शांति नगर में खाली पड़े ढाई एकड़ जमीन पर अधिकारी और कर्मचारियों के लिए आवास बनाया जाए, उसके बाद ही 50 साल पहले बने इन मकानों को तोड़ा जाए. इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 'अगर ऐसा नहीं होता है, तो आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे'.

रायपुर: राजधानी रायपुर में गृह निर्माण मंडल के खिलाफ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है. तृतीय वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि 'गृह निर्माण मंडल पहले सिंचाई कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों के लिए घर बनवाए, इसके बाद मकानों को तोड़े. इस क्रम में तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपा.

सड़क पर उतरा कर्मचारी संघ

दरअसल, रायपुर के भगत सिंह चौक पर जल संसाधन विभाग के कार्यालय परिसर में बने मकानों को गृह निर्माण मंडल तोड़ रहा है, जिससे तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ गृह निर्माण मंडल के खिलाफ आंदोलनरत हो गया है. कर्मचारी संघ का कहना है कि शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी का निर्माण मध्यप्रदेश शासन काल में कराया गया था, तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ल के कार्यकाल में साल 1972 में इस कॉलोनी का निर्माण हुआ था, लेकिन अब गृह निर्माण मंडल इसे तोड़ रहा है.

सिंचाई कॉलोनी में बनाए गए थे 320 मकान
मामले में प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि 'शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी को 1972 में निर्माण कराया गया था, जिसमें कच्चे और पक्के लगभग 320 शासकीय आवास बनाए गए थे. इन आवासों में सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी निवासरत हैं. ऐसे में आनन-फानन में 1972 में बने 320 शासकीय आवास को तोड़े जाने की खबर के बाद यहां रह रहे शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी
अजय तिवारी ने बताया कि 'पहले शांति नगर में खाली पड़े ढाई एकड़ जमीन पर अधिकारी और कर्मचारियों के लिए आवास बनाया जाए, उसके बाद ही 50 साल पहले बने इन मकानों को तोड़ा जाए. इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 'अगर ऐसा नहीं होता है, तो आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे'.

Intro:रायपुर आज राजधानी रायपुर के भगत सिंह चौक पर स्थित जल संसाधन विभाग के कार्यालय परिसर में तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी में बने मकानों को गृह निर्माण मंडल द्वारा तोड़े जाने के विरोध में प्रदर्शन किया और कहा की गृह निर्माण मंडल पहले इन कर्मचारियों और अधिकारियों को खाली जगह पर मकान बनाकर दिया जाए उसके बाद ही इन मकानों को तोड़ा जाए गौरतलब हो कि शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी का निर्माण मध्यप्रदेश शासन काल में मुख्यमंत्री रहे पंडित श्यामाचरण शुक्ल के समय 1972 में बनाया गया था ।


Body:छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि प्रदर्शन के बाद एक ज्ञापन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपा गया प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय तिवारी का कहना है कि शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी मध्यप्रदेश शासन काल में मुख्यमंत्री रहे पंडित श्यामाचरण शुक्ल के समय सन 1972 में शांति नगर में सिंचाई कॉलोनी का निर्माण कराया गया था


Conclusion:जिसमें कच्चे और पक्के लगभग 320 शासकीय आवास बनाए गए थे और इन आवासों में सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी निवासरत है ऐसे में आनन-फानन में 1972 में बने 320 शासकीय आवास को तोड़े जाने की खबर के बाद यहां रह रहे शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है जिसको लेकर आज छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने प्रदर्शन किया और कहा कि जब तक अधिकारी और कर्मचारियों के लिए शांति नगर में खाली पड़े ढाई एकड़ जमीन पर पहले अधिकारी और कर्मचारियों के लिए आवास बनाया जाना चाहिए उसके बाद ही 50 साल पहले बने इन मकानों को तोड़ा जाना चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन और आंदोलन किया जाएगा इस तरह की चेतावनी तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने दी है


बाइट अजय तिवारी प्रांतीय उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ रायपुर



रितेश कुमार तंबोली ईटीवी भारत रायपुर
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