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अभनपुर के गोबरा नवापारा में रही छठ पर्व की धूम, उगते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य - छठ पर्व का समापन

रायपुर से लगे अभनपुर में धूमधाम से छठ पर्व मनाया गया. व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन किया. साथ ही 36 घंटे के व्रत का भी समापन हुआ.

Vratis gave arghya to the rising sun
व्रतियों ने दिया उगते सूर्य को अर्घ्य
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Published : Nov 21, 2020, 3:41 PM IST

रायपुर: अभनपुर के गोबरा नवापारा नगर में छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. इसके साथ ही 4 दिनों तक चलने वाले छठ पर्व का समापन हुआ. छठ महापर्व की शुरुआत 18 नवंबर को नहाय खाय से हुई थी. दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया गया था.

गोबरा नवापारा में रही छठ पर्व की धूम

शनिवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए महिलाएं पूजन सामग्री लेकर सपरिवार सुबह 4 बजे से नेहरु घाट पहुंची थीं. व्रती घाट पर बने पंडाल में ही छठी मैया के वेदी का पूजन कर गाना बजाना करते हुए सूर्योदय की इंतजार करते रहे. इस दौरान बच्चों और युवाओं ने आतिशबाजी भी की. सुबह 6 बजे व्रती महिलाएं सूपा में पूजन सामग्री लेकर नदी में घुटने भर पानी में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खड़ी हो गईं. आसमान में बादल छाये रहने के कारण करीब घंटे भर बाद सूर्योदय हुआ. जैसे ही सूर्यदेव की झलक दिखाई दी, व्रती महिलाओं ने पंडितों के निर्देशन में सूर्यदेव को अर्घ्य दिया.

Vratis gave arghya to the rising sun
अर्घ्य देतीं महिलाएं

पढ़ें: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने छठ घाट पहुंच लोगों को दी महापर्व की बधाई

36 घंटे के व्रत का समापन

सूर्यदेव को अर्ध्य देकर व्रती महिलाओं ने घाट पर प्रसाद और जल ग्रहण कर 36 घंटों के अपने कठोर निर्जला व्रत का समापन किया. इस अवसर पर विभिन्न समाज के लोग और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

Vratis gave arghya to the rising sun
छठ घाट पर मौजूद श्रद्धालु

राजधानी में भी रही छठ पर्व की धूम

राजधानी में भी धूमधाम से छठ पर्व मनाया गया. देश के अलग-अलग राज्य के विविध भागों में छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. चारों ओर छठ महापर्व की धूम रही. लोक आस्था का महापर्व छठ भगवान भास्कर और छठी मां को समर्पित है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में लोगों की गहरी आस्था है. वहीं इस महापर्व के विधि-विधान से जुड़ी कई गाथाएं हैं, जिनका अलग ही महत्व है. छठ महापर्व में व्रती अपने-अपने घरों में कोसी भराई करती हैं. मान्यता है कि कोसी भरने से सालभर घरों में सुख-सौभाग्य और धन-धन्य बरकरार रहता है.

रायपुर: अभनपुर के गोबरा नवापारा नगर में छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. इसके साथ ही 4 दिनों तक चलने वाले छठ पर्व का समापन हुआ. छठ महापर्व की शुरुआत 18 नवंबर को नहाय खाय से हुई थी. दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया गया था.

गोबरा नवापारा में रही छठ पर्व की धूम

शनिवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए महिलाएं पूजन सामग्री लेकर सपरिवार सुबह 4 बजे से नेहरु घाट पहुंची थीं. व्रती घाट पर बने पंडाल में ही छठी मैया के वेदी का पूजन कर गाना बजाना करते हुए सूर्योदय की इंतजार करते रहे. इस दौरान बच्चों और युवाओं ने आतिशबाजी भी की. सुबह 6 बजे व्रती महिलाएं सूपा में पूजन सामग्री लेकर नदी में घुटने भर पानी में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खड़ी हो गईं. आसमान में बादल छाये रहने के कारण करीब घंटे भर बाद सूर्योदय हुआ. जैसे ही सूर्यदेव की झलक दिखाई दी, व्रती महिलाओं ने पंडितों के निर्देशन में सूर्यदेव को अर्घ्य दिया.

Vratis gave arghya to the rising sun
अर्घ्य देतीं महिलाएं

पढ़ें: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने छठ घाट पहुंच लोगों को दी महापर्व की बधाई

36 घंटे के व्रत का समापन

सूर्यदेव को अर्ध्य देकर व्रती महिलाओं ने घाट पर प्रसाद और जल ग्रहण कर 36 घंटों के अपने कठोर निर्जला व्रत का समापन किया. इस अवसर पर विभिन्न समाज के लोग और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

Vratis gave arghya to the rising sun
छठ घाट पर मौजूद श्रद्धालु

राजधानी में भी रही छठ पर्व की धूम

राजधानी में भी धूमधाम से छठ पर्व मनाया गया. देश के अलग-अलग राज्य के विविध भागों में छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. चारों ओर छठ महापर्व की धूम रही. लोक आस्था का महापर्व छठ भगवान भास्कर और छठी मां को समर्पित है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में लोगों की गहरी आस्था है. वहीं इस महापर्व के विधि-विधान से जुड़ी कई गाथाएं हैं, जिनका अलग ही महत्व है. छठ महापर्व में व्रती अपने-अपने घरों में कोसी भराई करती हैं. मान्यता है कि कोसी भरने से सालभर घरों में सुख-सौभाग्य और धन-धन्य बरकरार रहता है.

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