रायपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने वैक्सीन की कीमत को लेकर केंद्र की नरेद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने वैक्सीन प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. उपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार भारत में एक मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीनेशन का लाभ नहीं देना चाहती है.
निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश
विकास ने कहा कि देश में कोरोना टीकाकरण का तीसरा चरण होगा. जिसमें 18 साल से 45 साल के उम्र के लोगों को भी शामिल किया गया है. लेकिन केंद्र वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को अपने नियंत्रण में लेकर राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. पूरे विश्व में फ्री वैक्सीनेशन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. वहीं मोदी सरकार निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए राज्यों को उनके हाल पर छोड़ रही है.
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केंद्र सरकार की पॉलिसी गलत
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि वैक्सीन निर्माता कंपनियां अपने स्टॉक का 50% हिस्सा केंद्र सरकार को बेचेगी. बचे हुए 50% में से राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को वैक्सीन देंगी. यह पॉलिसी गलत है. विकास ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने कहा है कि वो कोविशील्ड वैक्सीन राज्य सरकारों को प्रति डोज़ 400 रुपये और निजी अस्पतालों को प्रति डोज़ 600 रुपये में देगी. जबकि केंद्र सरकार को कंपनी 150 रुपए में वैक्सीन दे रही है. स्पष्ट है कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों को हाइजेक किया है. एक ही देश में एक ही वैक्सीन के तीन अलग-अलग मूल्य निर्धारण इस बात को प्रमाणित करता है कि मोदी सरकार की नीयत में खोट है.
एक देश में हो एक मूल्य
विकास उपाध्याय ने कहा कि निजी अस्पतालों को अब तक केंद्र सरकार से जितने रुपए में कोवैक्सीन मिल रही थी. अब उससे आठ गुना ज्यादा कीमत में लेनी होगी. इसी तरह राज्यों को अब चार गुना ज्यादा कीमत चुकानी होगी. विकास उपाध्याय ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की कीमत केंद्र और राज्यों के लिए समान होनी चाहिए. केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती है तो 1 मई से वैक्सीनेशन के अभियान को शुरू करने में राज्यों को दिक्कतें आ सकती है.
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छत्तीसगढ़ बीजेपी पर साधा निशाना
छत्तीसगढ़ के बीजेपी नेताओं पर भी विकास उपाध्याय ने निशाना साधा है. विकास ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बीजेपी नेता छिप गए हैं. वैक्सीन की कीमत में असमानता को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने से बच रहे हैं. क्या वो नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ के युवाओं का शतप्रतिशत वैक्सीनेशन हो. बीजेपी के लोग सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए अपने घरों के बाहर धरना भर दे सकते हैं. उनको न देश की चिंता है न प्रदेश की सिर्फ विरोध की राजनीति ही उनका राजनीतिक एजेंडा बन कर रह गया है.