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ड्रग रेग्यूलेटर से दबाव डालकर को-वैक्सीन को दिलाई मंजूरी: विकास उपाध्याय

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने को-वैक्सीन की मंजूरी को लेकर बयान दिया है. विकास उपाध्याय ने कहा है कि ड्रग रेग्यूलेटर से दबाव डालकर को-वैक्सीन को मंजूरी दिलाई गई है.

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संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने केंद्र पर लगाया आरोप
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Published : Jan 7, 2021, 10:38 PM IST

रायपुर: अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय दिल्ली के पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. विकास उपाध्याय ने कहा कि विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा प्रतिपादित करने के लिए को-वैक्सीन मंजूरी दिलाई गई. ड्रग रेग्यूलेटर से दबाव डालकर भारत में स्वदेशी को-वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में 13 जनवरी तक मिल सकती है कोरोना वैक्सीन: सिंहदेव

विकास उपाध्याय ने कहा कि को-वैक्सीन को बिना तीसरे चरण के ट्रायल के मंजूरी दी गई. विकास उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र ऐसा कर नोटबंदी, जीएसटी और बिना सोचे-समझे टीके जैसे जोखिम वाले मामले में भी असंवेदनशीलता बरत रही है. लापरवाही का खामियाजा भारतीयों को भुगतना पड़ेगा.

पढ़ें: सुरक्षा और संघर्ष के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में लगेगा कोरोना का टीका

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पिछले दो दिनों से दिल्ली प्रवास पर हैं. असम चुनाव को लेकर बैठकों में हिस्सा लेने के साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं. विकास दिल्ली से असम जाएंगे. कांग्रेस महासचिव जितेन्द्र सिंह के साथ असम कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक में भी हिस्सा लेंगे.

'केन्द्र ने वैज्ञानिकों के तर्क को भी नजरअंदाज कर दिया'

विकास उपाध्याय ने भाजपा की केन्द्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं के बड़बोलापन ने भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर दिया है. भारत सरकार के समर्थन से तैयार की गई को-वैक्सीन जिसे बायोटेक कंपनी ने बनाया है. उस पर दबाव डालकर अधूरे अध्ययन वाले टीके को मंजूरी दी गई है. केन्द्र ने वैज्ञानिकों के तर्क को भी नजरअंदाज कर दिया है.

विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा के लिए केंद्र कर रही लापवाही: विकास उपाध्याय

भाजपा की केन्द्र सरकार विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा में आगे निकल जाना चाहती है. वह यह भूल गई है कि इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. विकास उपाध्याय ने कहा, परीक्षण के तीसरे चरण का कोई डेटा नहीं है. इससे यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि यह टीका कितना प्रभावकारी होगा. बावजूद इसे मंजूरी दिया जाना मोदी सरकार की जल्दबाजी नहीं तो क्या है.

जल्दबाजी में को-वैक्सीन को मंजूरी: विकास उपाध्याय

सरकार जितनी जल्दबाजी में इस को- वैक्सीन को मंजूरी दिलाने रुचि दिखाई उससे कहीं ज्यादा जल्दबाजी वैज्ञानिक की तरह वैक्सीन राष्ट्रवाद की छबि गढ़ने दिखाई दे रही है.
कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने ड्रग रेग्यूलेटर द्वारा वैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल मोड कहे जाने पर भी सवाल उठाया है. कहा कि भाजपा के दबाव पर एजेंसी इस बहाने तीसरे चरण का ट्रायल मनुष्यों में सीधा वैक्सीन लगाकर तो नहीं करने जा रही है. जो पहले से चल रही स्टडी का हिस्सा है. यही वजह है कि भाजपा के तमाम बड़े लोग ट्रायल वैक्सीन को लेने परहेज कर रहे हैं.

भारत के वैज्ञानिकों को वैक्सीन मामले में रखनी चाहिए बात: विकास उपाध्याय
विकास उपाध्याय ने देशी वैक्सीन की विश्वसनियता को लेकर उठ रहे सवालों पर केन्द्र सरकार से मांग की है. वह अपना स्पष्ट अभिमत रखे कि यह सुरक्षा के पर्याप्त सबूतों के आधार पर स्वीकृत किया गया है. यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि यह टीका किस पर और खुराक की मात्रा क्या होनी चाहिए. उन्होंने कहा, भारत के वैज्ञानिकों को सामने आकर ट्रायल वैक्सीन को लेकर लोगों के सामने स्पष्ट अभिमत रखना चाहिए न कि भाजपा के नेताओं को.

रायपुर: अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय दिल्ली के पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. विकास उपाध्याय ने कहा कि विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा प्रतिपादित करने के लिए को-वैक्सीन मंजूरी दिलाई गई. ड्रग रेग्यूलेटर से दबाव डालकर भारत में स्वदेशी को-वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई.

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विकास उपाध्याय ने कहा कि को-वैक्सीन को बिना तीसरे चरण के ट्रायल के मंजूरी दी गई. विकास उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र ऐसा कर नोटबंदी, जीएसटी और बिना सोचे-समझे टीके जैसे जोखिम वाले मामले में भी असंवेदनशीलता बरत रही है. लापरवाही का खामियाजा भारतीयों को भुगतना पड़ेगा.

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कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पिछले दो दिनों से दिल्ली प्रवास पर हैं. असम चुनाव को लेकर बैठकों में हिस्सा लेने के साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं. विकास दिल्ली से असम जाएंगे. कांग्रेस महासचिव जितेन्द्र सिंह के साथ असम कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक में भी हिस्सा लेंगे.

'केन्द्र ने वैज्ञानिकों के तर्क को भी नजरअंदाज कर दिया'

विकास उपाध्याय ने भाजपा की केन्द्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं के बड़बोलापन ने भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर दिया है. भारत सरकार के समर्थन से तैयार की गई को-वैक्सीन जिसे बायोटेक कंपनी ने बनाया है. उस पर दबाव डालकर अधूरे अध्ययन वाले टीके को मंजूरी दी गई है. केन्द्र ने वैज्ञानिकों के तर्क को भी नजरअंदाज कर दिया है.

विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा के लिए केंद्र कर रही लापवाही: विकास उपाध्याय

भाजपा की केन्द्र सरकार विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा में आगे निकल जाना चाहती है. वह यह भूल गई है कि इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. विकास उपाध्याय ने कहा, परीक्षण के तीसरे चरण का कोई डेटा नहीं है. इससे यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि यह टीका कितना प्रभावकारी होगा. बावजूद इसे मंजूरी दिया जाना मोदी सरकार की जल्दबाजी नहीं तो क्या है.

जल्दबाजी में को-वैक्सीन को मंजूरी: विकास उपाध्याय

सरकार जितनी जल्दबाजी में इस को- वैक्सीन को मंजूरी दिलाने रुचि दिखाई उससे कहीं ज्यादा जल्दबाजी वैज्ञानिक की तरह वैक्सीन राष्ट्रवाद की छबि गढ़ने दिखाई दे रही है.
कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने ड्रग रेग्यूलेटर द्वारा वैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल मोड कहे जाने पर भी सवाल उठाया है. कहा कि भाजपा के दबाव पर एजेंसी इस बहाने तीसरे चरण का ट्रायल मनुष्यों में सीधा वैक्सीन लगाकर तो नहीं करने जा रही है. जो पहले से चल रही स्टडी का हिस्सा है. यही वजह है कि भाजपा के तमाम बड़े लोग ट्रायल वैक्सीन को लेने परहेज कर रहे हैं.

भारत के वैज्ञानिकों को वैक्सीन मामले में रखनी चाहिए बात: विकास उपाध्याय
विकास उपाध्याय ने देशी वैक्सीन की विश्वसनियता को लेकर उठ रहे सवालों पर केन्द्र सरकार से मांग की है. वह अपना स्पष्ट अभिमत रखे कि यह सुरक्षा के पर्याप्त सबूतों के आधार पर स्वीकृत किया गया है. यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि यह टीका किस पर और खुराक की मात्रा क्या होनी चाहिए. उन्होंने कहा, भारत के वैज्ञानिकों को सामने आकर ट्रायल वैक्सीन को लेकर लोगों के सामने स्पष्ट अभिमत रखना चाहिए न कि भाजपा के नेताओं को.

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