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इम्यूनिटी बूस्टर और कैंसर रोकने में कारगर संजीवनी धान लॉन्च करेंगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ - Jagdeep Dhankhar at igkv

Jagdeep Dhankhar at IGKV इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचेंगे. इस दौरान संजीवनी धान की नई किस्म का लोकार्पण भी किया जाएगा.

igkv Foundation Day celebration
संजीवनी धान का लोकार्पण करेंगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 19, 2024, 8:08 AM IST

रायपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 20 जनवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इस मौके पर वह कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित संजीवनी धान के तीन इम्यूनोबूस्टर उत्पादों का लोकार्पण करेंगे. कृषि स्टार्टअप और पोषण पर केन्द्रित दो संगोष्ठियों का शुभारंभ भी करेंगे.

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में समारोह: कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से किसानों के लिए उपयोगी कृषि पंचांग 2024 का विमोचन भी उपराष्ट्रपति करेंगे. समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन करेंगे. समारोह में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम और विशिष्ट अतिथि के रूप में रायपुर सांसद सुनील सोनी, धरसींवा विधायक अनुज शर्मा और रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू भी रहेंगे.

संजीवनी धान का लोकार्पण: कृषि विश्वविद्यालय ने शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने और कैंसर कोशिकाओं की रोकथाम में कारगर धान की नई किस्म संजीवनी से निर्मित तीन उत्पाद विकसित किए हैं. संजीवनी से निर्मित तीन उत्पादों संजीवनी इंस्टैन्ट, संजीवनी मधु कल्क और संजीवनी राइस की यह किस्म इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भाभा अटॉमिक रिसर्च सेन्टर, मुम्बई के साथ किये गये अनुसंधान के बाद विकसित की गई है. धान की यह किस्में औषधीय गुणों से भरपूर है. रिसर्च में सिर्फ 10 दिन तक इसका उपयोग करने पर प्रतिरोधक क्षमता में काफी वृद्धि देखी गई है.

विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें कृषि आधारित स्टार्टअप और नवाचार से संबंधित विभिन्न विषयों पर देश और प्रदेश के विख्यात विशेषज्ञ युवाओं और छात्रों का मार्गदर्शन किया जाएगा. संगोष्ठी में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए शासकीय नीतियों, नवाचार में स्टार्टअप की भूमिका, कृषि उद्योगों का उन्नयन, नवाचार के प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक नीति, कृषि निर्यात के माध्यम से उद्यमिता का विकास, आदि पर विचार-मंथन किया जाएगा.

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की स्थापना 20 जनवरी 1987 को हुई थी. इस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ प्रदेश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है, जिसे विश्वविद्यालय अपने 28 महाविद्यालयों, 08 अनुसंधान केन्द्रों और 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कर रहा है. विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से 52 फसलों की लगभग 162 प्रजातियों का विकास किया गया है. कृषि के क्षेत्र में 100 से ज्यादा तकनीकें विकसित की गई है. स्थापना दिवस समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, कुलसचिव जी.के. निर्माम सहित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न शासकीय विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, किसान और बड़ी संख्या छात्र छात्राएं शामिल होंगे.

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रायपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 20 जनवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इस मौके पर वह कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित संजीवनी धान के तीन इम्यूनोबूस्टर उत्पादों का लोकार्पण करेंगे. कृषि स्टार्टअप और पोषण पर केन्द्रित दो संगोष्ठियों का शुभारंभ भी करेंगे.

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में समारोह: कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से किसानों के लिए उपयोगी कृषि पंचांग 2024 का विमोचन भी उपराष्ट्रपति करेंगे. समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन करेंगे. समारोह में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम और विशिष्ट अतिथि के रूप में रायपुर सांसद सुनील सोनी, धरसींवा विधायक अनुज शर्मा और रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू भी रहेंगे.

संजीवनी धान का लोकार्पण: कृषि विश्वविद्यालय ने शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने और कैंसर कोशिकाओं की रोकथाम में कारगर धान की नई किस्म संजीवनी से निर्मित तीन उत्पाद विकसित किए हैं. संजीवनी से निर्मित तीन उत्पादों संजीवनी इंस्टैन्ट, संजीवनी मधु कल्क और संजीवनी राइस की यह किस्म इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भाभा अटॉमिक रिसर्च सेन्टर, मुम्बई के साथ किये गये अनुसंधान के बाद विकसित की गई है. धान की यह किस्में औषधीय गुणों से भरपूर है. रिसर्च में सिर्फ 10 दिन तक इसका उपयोग करने पर प्रतिरोधक क्षमता में काफी वृद्धि देखी गई है.

विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें कृषि आधारित स्टार्टअप और नवाचार से संबंधित विभिन्न विषयों पर देश और प्रदेश के विख्यात विशेषज्ञ युवाओं और छात्रों का मार्गदर्शन किया जाएगा. संगोष्ठी में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए शासकीय नीतियों, नवाचार में स्टार्टअप की भूमिका, कृषि उद्योगों का उन्नयन, नवाचार के प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक नीति, कृषि निर्यात के माध्यम से उद्यमिता का विकास, आदि पर विचार-मंथन किया जाएगा.

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की स्थापना 20 जनवरी 1987 को हुई थी. इस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ प्रदेश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है, जिसे विश्वविद्यालय अपने 28 महाविद्यालयों, 08 अनुसंधान केन्द्रों और 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कर रहा है. विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से 52 फसलों की लगभग 162 प्रजातियों का विकास किया गया है. कृषि के क्षेत्र में 100 से ज्यादा तकनीकें विकसित की गई है. स्थापना दिवस समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, कुलसचिव जी.के. निर्माम सहित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न शासकीय विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, किसान और बड़ी संख्या छात्र छात्राएं शामिल होंगे.

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