रायपुर: वृक्षारोपण का महत्व हर व्यक्ति भली-भांति जानता है. वृक्ष लगाने से पर्यावरण का संतुलन बना रहता है और हरियाली हर किसी को पसंद होती है. वेदों पुराणों में इसका विशेष महत्व माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि वृक्षारोपण करने से व्यक्ति के कई दोष दूर हो जाते हैं. खासकर वृक्षारोपण जब आषाढ़ माह में किया जाए. भविष्य पुराण में लिखा है कि यदि कोई व्यक्ति वृक्ष लगा रहा है तो उसके तीन जन्म के पाप धुल जाते हैं.
आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से है खास: आषाढ़ और सावन के महीने में हम वट, पीपल, नीम, आंवला और बेलपत्र जैसे वृक्ष लगा सकते हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से यह ऑक्सीजन मैन्युफैक्चर करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड ऑब्जर्व कर लेते हैं. आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए पीपल, तुलसी का पेड़ बहुत महत्वपूर्ण है. बेलपत्र शिवजी में चढ़ता है, वट वृक्ष में देवताओं का वास होता है. नीम हमें निरोग रखता है.
इन वृक्षों को लगाने से दूर होते हैं यह दोष: ज्योतिषाचार्य पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी का कहना है कि "किसी भी प्रकार का ग्रह दोष वृक्षारोपण से टल जाता है. पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है. तो यदि आपके घर में कोई देव दोष हो, तो इस पेड़ को लगाने से वह दोष दूर हो जाएगा. वट वृक्ष लगाने से पित्र दोष दूर होते हैं. तुलसी और बेलपत्र यह दोनों विक्षिप्त भगवान विष्णु और शिव जी के विशेष वृक्ष माने जाते हैं. भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है, तो वही भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है. इन दोनों को यदि आप लगाते हैं, तो आप पर भगवान विष्णु और भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहेगी. इस लिहाज से चाहे पितृदोष हो, देव दोष हो, सर्प दोष हो, ग्रह दोष हो या अन्य कोई भी दोष हो, इन वृक्षों को लगाने से यह दोष दूर होते हैं."
वेदों पुराणों में वृक्षों का महत्व: पुराणों में केवल वटवृक्ष, तुलसी, बेलपत्र, नीम के पेड़ लगाने का ही महत्व नहीं है. बल्कि सभी पेड़ों का अलग-अलग महत्व होता है. जैसे महुआ का पेड़ लगाने से आपको धन की प्राप्ति होती है. कटहल का पेड़ लगाने से बुद्धि मिलती है. अशोक का पेड़ कभी शोक नहीं आने देता. आम का पेड़ लगाने से आपकी हर कामना पूरी होती है. कदंब का पेड़ लगाने से संतान रत्न की प्राप्ति होती है. शीशम, अर्जुन, बेल के वृक्ष लगाने से आपको स्वर्ग की यात्रा का लाभ भी मिल सकता है. सुपारी का पेड़ लगाने से आपको सिद्धि की प्राप्ति होती है.