रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ. सदन में शराब बिक्री पर लगे सेस से जमा हुई राशि के खर्च का मामला विपक्ष ने उठाया. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सरकार से सवाल किया. कि मई 2020 में शराब बिक्री पर लगाये गये सेस से 3 फरवरी 2021 तक कितनी राशि जमा हुई. कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग को इस मद से कितनी रकम दी गई.
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इस प्रश्न के जवाब में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि देसी शराब की बिक्री से 198 करोड़ 19 लाख 98 हजार 240 रुपए जमा हुआ है. वहीं विदेशी शराब की बिक्री से 166 करोड़ 55 लाख 38 हजार 308 रुपये मिले हैं. इस मद से अभी तक कोई रकम आवंटित नहीं की गई है. भाजपा विधायकों ने पूछा कि शराब पर यह सेस किन उद्देश्यों के लिए लगाया गया था. आबकारी मंत्री कवासी लखमा पूरी तरह जवाब नहीं दे पाये तो वन, परिवहन और कानून मंत्री मोहम्मद अकबर उनकी मदद के लिए सामने आए.
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पूरा सेस अवैध हो जाएगा
मोहम्मद अकबर ने बताया कि यह सेस स्वास्थ्य, आधारभूत ढांचे के विकास और पोषण के लिए लगाया गया था. उन्होंने बताया, सामान्य प्रशासन में बने मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन एवं विकास प्राधिकरण को इस मद से किसी काम के लिए राशि स्वीकृत करना है. इस जवाब के बाद पूरा विपक्ष भड़क उठा. उन्होंने इसे गंभीर अनियमितता का मामला माना. विधायकों का कहना था, ऐसा हुआ तो पूरा सेस अवैध हो जाएगा. मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, सेस से जो भी रकम जमा हुई है वह उसके उद्देश्यों में शामिल मदों में ही खर्च होगी. इसमें अनियमितता जैसी कोई बात नहीं है. मंत्री के जवाब से नाराज भाजपा विधायक हंगामा करने लगे. बाद में मंत्री के जवाब से नाराज भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया.
चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती का मामला
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विधायक धरमजीत सिंह के सवाल का सामना किया. स्वास्थ्य मंत्री ने जेसीसी (जे) विधायक धरमजीत के सवालों की तारीफ करते हुए कहा कि कई बार ऐसे प्रश्न सामने आते हैं कि विभागों का काम-काज जानने में मदद मिलती है. धरमजीत सिंह ने चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती और उपस्थिति के संबंध में हेल्थ मिनिस्टर से सवाल पूछा था.
जेसीसी (जे) विधायक धरमजीत सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री से सवाल पूछा कि छत्तीसगढ़ में चिकित्सा शिक्षकों के 1377 पद स्वीकृत हैं. इसमें से 784 पद भरे हैं और 593 पद रिक्त हैं. यानी मेडिकल कॉलेज में 80 फीसदी सीट खाली हैं. 45 फीसदी चिकित्सा शिक्षक के पद रिक्त हैं. उन्होंने कहा कि जो एमबीबीएस और एमडी हैं उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने के लिए दो वर्षों का नियम हैं. 563 में से आधे लोगों ने ज्वॉइन किया. इसमें दंड देने के लिए क्या सिर्फ आर्थिक प्रावधान है या कोई और भी कड़े नियम हैं ?
रेत माफिया की सरकार नहीं चलेगी" का नारा गूंजा
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा सरकार के संरक्षण में रेत माफिया काम कर रहे हैं. नादियों की दिशा बदल रही है. सरकार को राजस्व भी नहीं मिल रहा है. बल्कि अवैध लोगो को संरक्षण दिया जा रहा है.बिना पर्यावरण विभाग के अनुमति से रेत का अवैध खनन हो रहा है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बचाने और अवैध उत्खनन को रोकने के लिए चर्चा की जानी चाहिए. विपक्ष के स्थगन पर आसंदी ने कहा स्थगन विचाराधीन है. विपक्ष के विधायकों ने किया सदन मे हंगामा.
रेत खनन का मुद्दा गूंजा
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव पर कहा कि माइनिंग डिपार्टमेंट के संरक्षण में रेत खनन किया जा रहा है. इस बार पानी गांव में भर जाएगा. इससे पूरा प्रदेश प्रभावित हुआ है. रॉयल्टी के साथ पर्यावरण पर नुकसान होगा.डॉ रमन सिंह ने वन्य प्राणियों के अवैध शिकार का मुद्दा उठाया. गंडई क्षेत्र में मादा तेंदुए का शव बरामद किया गया. वन्य प्राणियों के अंग गायब कर दिए जाते है. इस प्रकार के अवैध शिकार पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है. वन मंत्री मो. अकबर ने जवाब दिया कि 5 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. वन विभाग ने अपनी कार्रवाई कर रहा है. इसके अलावा और कोई शिकायत होगी तो जांच कराई जाएगी.अवैध शिकार पर रोकथाम के लिए निगरानी रखी जा रही है.