रायपुर : शहर के बीचों बीच भरी दोपहर को अनोखा नजारा देखने लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. क्योंकि बीच सड़क पर देवी दुर्गा और काली लोगों को नजर आ रही थी. जिनकी पूजा अर्चना एक भीड़ कर रही थी. आखिर क्यों देवी दुर्गा और काली को राजधानी रायपुर की सड़क में उतरना पड़ा आईए हम आपको बताते हैं. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के बैनर तले दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने मंगलवार को खप्पर निकालकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना भगवान से की. बूढ़ातालाब धरना स्थल से हाथों में खप्पर और दीये जलाकर छत्तीसगढ़ की नारी है दुर्गा चंडी काली है. इस तरह के नारे लगाते हुए रैली निकाली गई. जिसे पुलिस ने राजधानी के स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया. यहां पर विधवाओं ने काफी देर तक प्रदर्शन किया. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की केवल 1 सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति है. पिछले 20 दिनों से अपनी मांग को लेकर दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवा और उनके परिजन प्रदर्शन कर रहे हैं.Late Panchayat Teachers Compassionate Association
सीएम भूपेश को सद्बुद्धि देने की मांग : दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगें ने बताया कि '' अपनी 1 सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति को लेकर पिछले 20 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना कर मंगलवार को हाथों में खप्पर और दिए लेकर साक्षात दुर्गा चंडी और काली का रूप धारण कर सरकार को सद्बुद्धि देने भगवान से प्रार्थना की. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि योग्यता अनुसार हमें जल्द ही अनुकंपा नियुक्ति का आदेश जारी करें.''
बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा : दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के इस प्रदर्शन कार्यक्रम में भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास भी समर्थन देने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि "दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवा साक्षात काली का रूप धारण कर सड़क पर उतरने को मजबूर है. बावजूद इसके प्रदेश सरकार को क्यों दिखाई नहीं दे रहा है, आखिर सरकार क्या इनकी लाशें चाहती है. जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक भारतीय जनता पार्टी प्रदर्शन कर रही इन महिलाओं के समर्थन में सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेगी."protest of widows of Panchayat teachers
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सरकार की क्या है दलील : सरकार के द्वारा दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. सरकार द्वारा कठिन मापदंड तय किए गए हैं, जिसके चलते उन्हें आज तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी रोटी के साथ ही परिवार पालने के लिए भी पैसे नहीं है. ऐसे में डीएड बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे.
संविलियन वाले शिक्षकों को मिली अनुकंपा नियुक्ति : प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया था, ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों के निधन हुए हैं, उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. जिसके कारण इन आश्रित परिवारों को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है
प्रदेश में कितने हैं मामले : पूरे प्रदेश में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं . जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी या फिर सहायक शिक्षकों के पद पर अथवा प्रयोगशाला शिक्षक के पदों पर और ग्राम पंचायत में सचिव के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए. जिससे वे अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.
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