दंतेवाड़ा: संविदा कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सामूहिक हड़ताल की शुरुआत की है. 5 दिवसीय हड़ताल के पहले दिन कर्मचारी कोल्हू का बैल बनकर और चित्र के माध्यम से प्रदर्शन किया है. नियमितीकरण की मांग को लेकर आये दिन अनियमित शिक्षकों द्वारा तरह तरह के प्रदर्शन देखने को मिल रहा है.
नियमितिकरण के वादे पूरी करने की मांग: महासंघ के जिला संयोजक श्वेता सोनी ने बताया कि "वर्तमान कांग्रेस सरकार बनने के चार साल बाद भी 2018 के चुनावी जन घोषणापत्र में किए नियमितिकरण के वादे और हमारी मांगे पूरी नहीं की गई है. जबकि मात्र एक वर्ष का समय सरकार के पास शेष है.
कोल्हू का बैल बनकर किया प्रदर्शन: संविदा कर्मचारियों की वर्तमान परिस्थितियों को दर्शाने के लिए कोल्हू का बैल बनकर प्रदर्शन किया गया है. इनका कहना है कि "न तो 62 वर्ष की नौकरी की सुरक्षा, न ही सही ढंग से वेतन, न ही अनुकम्पा नियुक्ति और न ही अन्य शासकीय सेवकों की भांति अन्य कर्मचारी सुविधाएं प्राप्त हो रही है." महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता सूरज सिंह ठाकुर ने बताया कि "नियमितिकरण की मांग को लेकर 28 जिले के 40 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए है."
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मांग पूरी नहीं होने से संविदा कर्मचारियों में भारी गुस्सा: महासंघ के जिला कार्यकारी अध्यक्ष भूपेंद्र साहू ने कहा कि "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं 14 फरवरी 2019 को अनियमित कर्मचारियों के मंच में आकर कहा था कि इस साल किसान का किए हैं. अगले साल अनियमित कर्मचारियों की मांग पूरा करेंगे. लेकिन वो साल अभी तक नहीं आया है. इसके अलावा संविदा कर्मचारियों के मानदेय में भी 4 साल से वृद्धि नहीं हुआ है. इस कारण प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.