रायपुर: केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ वर्चुअल बैठक की. बैठक में केंद्रीय मंत्री ने देश में सबसे पहले खनिज ब्लॉकों की नीलामी की तैयारी शुरू करने पर छत्तीसगढ़ की तारीफ की. बैठक में जानकारी दी गई कि भारत सरकार की प्राथमिकता में खनिज ब्लॉक्स का आवंटन नीलामी के माध्यम से किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. छत्तीसगढ़ राज्य में चरण के तहत अगले 2-3 महीने में लौह अयस्क और चूना पत्थर के कुल 16 नए ब्लॉक्स की नीलामी की तैयारी हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए पहल करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है. उन्होंने इसके लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और खनिज विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थानीय लौह अयस्क आधारित उद्योगों को सुगमता से लौह अयस्क उपलब्ध कराने के लिए बैलाडीला लौह अयस्क खदान-1 (Bailadila Iron Ore Mine) को सीएमडीसी के पक्ष में आरक्षित करने का आग्रह किया. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में नक्सली समस्या के उन्मूलन के लिए औद्योगिकीकरण एक अच्छा माध्यम हो सकता है. इस पर केंद्रीय मंत्री नेआवश्यक पहल का आश्वासन दिया.
DMF का पावर कलेक्टर को देने पर छत्तीसगढ़ में राजनीति शुरू
डीएमएफ कमेटी विवाद पर भी चर्चा
बैठक में मुख्यमंत्री ने जिला खनिज संस्थान (डीएमएफ) में जिले के प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बनाए रखने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि समिति में सभी सांसदों को पदेन सदस्य बनाया जा सकता है. वर्तमान में जिला कलेक्टर को अध्यक्ष और सभी सांसदों को सदस्य बनाए जाने के भारत सरकार खान मंत्रालय के आदेश को उन्होंने संशोधित करने का आग्रह किया है. केंद्रीय मंत्री ने इस पर विचार का आश्वासन दिया है.
छत्तीसगढ़ की कई मांगों पर हुई चर्चा
एसईसीएल की खदानों में भी ग्रेड निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार को देने के छत्तीसगढ़ की मांग पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री बघेल ने साल 2014 के पूर्व संचालित निजी कोयला खदानों से वसूल की गई 4100 करोड़ रुपए की राशि छत्तीसगढ़ को जल्द देने की मांग की. केंद्रीय मंत्री ने इस पर जल्द निराकरण करने का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ राज्य कोयला खनिज का उत्पादक प्रदेश है. इसकेे बावजूद राज्य के सार्वजनिक उपक्रम के पास कोई भी कोयला ब्लॉक नहीं है. उन्होंने सीएमडीसी के पक्ष में तारा कोल ब्लॉक आवंटन करने का आग्रह किया.