रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और केंद्रीय कोयला एवं खनिज मंत्री प्रहलाद जोशी की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई. इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ में कोयला उत्पादन, कोल ब्लॉक से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ में कोयला उत्पादन और खानन के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने बैठक में एलीफेंट कॉरीडोर और सघन वन क्षेत्रों में स्थित कोयला खदानों को कोल ब्लॉक्स की आगामी नीलामी से अलग रखने का प्रस्ताव रखते हुए, इन खदानों की जगह राज्य में स्थित दूसरे कोयला क्षेत्रों को चिन्हित करने का सुझाव रखा. जिस पर प्रहलाद जोशी ने सहमति जताई है. केंद्रीय मंत्री से मुलाकात पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 'हमने अपनी बातें स्पष्ट कर दी हैं.' सीएम ने कहा कि 'केंद्र को कोयला चाहिए इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन हमारे जल, जंगल, जमीन का अहित नहीं होना चाहिए. हमें उम्मीद है कि केंद्र हमारी बात मानेगा.'
सीएम ने की राशि की मांग
सीएम भूपेश ने साल 2014 से पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उद्योगपतियों की ओर से एडीशनल लेवी के रूप में जमा की गई 4 हजार 140 करोड़ रूपए की राशि, जो केंद्र सरकार के पास जमा है, उसे राज्य को देने की मांग की. जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए यह बताया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उक्त राशि के डिस्पोजल के लिए आवेदन लगाया है. उसके आधार पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा.
CM बघेल से मिले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, कोयला खान और कई मुद्दों पर हुई चर्चा
केंद्रीय मंत्री ने दी सहमति
बैठक में मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉस प्रकरण में दिए गए फैसले के मुताबिक जुर्माने की राशि 10 हजार 129 करोड़ रूपए राज्य को देने की मांग रखी. सीएम ने गारे पेल्मा खदानों में एसईसीएल (SECL) को तत्काल उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्देशित करने, साथ ही कोयला खदानों में जमा पानी का उपयोग जनहित में पेयजल और सिंचाई प्रयोजन के लिए करने, खनन प्रक्रिया समाप्ति के बाद अनुपयोगी जमीन राज्य को वापस करने और सूखी राख के डिस्पोजल के लिए एसईसीएल (SECL) की बंद पड़ी खदानों के संबंध में त्वरित कार्रवाई की मांग रखी. जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने सीएमपीडीआईएल, एसईसीएल और राज्य के अधिकारियों का संयुक्त दल गठन कर तत्काल फैसला लेने पर सहमति जताई.
रॉयल्टी दरों में संशोधन की मांग
मुख्यमंत्री की ओर से बैठक में रखे गए छत्तीसगढ़ के स्थानीय लघु उद्योगों को कोयला उपलब्ध कराने के लिए एक निश्चित मात्रा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर कोल इंडिया के चेयरमैन ने सहमति जताते हुए राज्य सरकार को एजेंसी नियुक्त करने के लिए आग्रह किया. जिसके जरिए कोयला राज्य के लघु उद्योगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा. केंद्र सरकार के खान मंत्रालय से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार ने लौह अयस्क की रॉयल्टी दरों में संशोधन करने के संबंध में भी आग्रह किया.