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जंगल सफारी मामला: शासकीय कर्मचारी संघ का आरोप- 'अधिकारी पत्नियों की साड़ियां धुलवाते हैं' - जंगल सफारी

शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री विजय झा ने वन विभाग के अधिकारियों पर कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने अधिकारियों की पोल खोलने की धमकी दी है.

जंगल सफारी
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Published : Feb 21, 2020, 5:21 PM IST

Updated : Feb 21, 2020, 6:18 PM IST

रायपुर : बाघ के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में बर्खास्त संविदाकर्मियों को वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर शासकीय कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है. शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री विजय झा ने चेतावनी देते हुए कहा कि, 'यदि बर्खास्त संविदाकर्मियों को वापस नहीं लेते हैं, तो वे अधिकारियों की पोल खोल देंगे.

जंगल सफारी मामले पर शासकीय कर्मचारी संघ का आरोप

विजय झा ने अधिकारियों को पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'उच्च अधिकारी संविदाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं. वे कर्मचारियों से पत्नी की साड़ियां धुलवातें हैं. साथ ही घरेलू काम भी करवाते हैं'.

उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि, 'यदि वे अधिकारियों की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें नौकरी से हाथ धोने का डर बना रहता है'. शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री विजय झा ने आरोपी संविदाकर्मियों को बेकसूर बताया है. उन्होंने कहा कि, 'अधिकारी संविदाकर्मियों को परेशान करना बंद करें. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो दस्तावेज के साथ विभाग के अनियमितताओं को भी उजाकर कर देंगे'.

'विभाग से जानकारी मांगी गई है'

वहीं जब वन मंत्री मोहम्मद अकबर से इन तीनों दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, 'इस पूरे मामले की विभाग से जानकारी मांगी गई है और जानकारी आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी'

क्या था मामला

बता दें कि जंगल सफारी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद प्रबंधन की ओर से तीन दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया. इसमें नवीन पुरैना, नरेंद्र सिन्हा और वाहन चालक ओमप्रकाश भारती शामिल हैं. इन तीनों दैनिक वेतन भोगियों पर आरोप था कि जंगल सफारी में भ्रमण के दौरान जब वाहन का पर्दा बाहर लटक रहा था जिसे बाघ ने अपने जबड़े में पकड़ रहा था उस वक्त इन कर्मियों ने वहां रुकने की जगह उसे घसीटते हुए भाग निकले, जो बाघ के साथ छेड़खानी की श्रेणी में आता है.

रायपुर : बाघ के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में बर्खास्त संविदाकर्मियों को वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर शासकीय कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है. शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री विजय झा ने चेतावनी देते हुए कहा कि, 'यदि बर्खास्त संविदाकर्मियों को वापस नहीं लेते हैं, तो वे अधिकारियों की पोल खोल देंगे.

जंगल सफारी मामले पर शासकीय कर्मचारी संघ का आरोप

विजय झा ने अधिकारियों को पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'उच्च अधिकारी संविदाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं. वे कर्मचारियों से पत्नी की साड़ियां धुलवातें हैं. साथ ही घरेलू काम भी करवाते हैं'.

उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि, 'यदि वे अधिकारियों की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें नौकरी से हाथ धोने का डर बना रहता है'. शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री विजय झा ने आरोपी संविदाकर्मियों को बेकसूर बताया है. उन्होंने कहा कि, 'अधिकारी संविदाकर्मियों को परेशान करना बंद करें. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो दस्तावेज के साथ विभाग के अनियमितताओं को भी उजाकर कर देंगे'.

'विभाग से जानकारी मांगी गई है'

वहीं जब वन मंत्री मोहम्मद अकबर से इन तीनों दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, 'इस पूरे मामले की विभाग से जानकारी मांगी गई है और जानकारी आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी'

क्या था मामला

बता दें कि जंगल सफारी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद प्रबंधन की ओर से तीन दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया. इसमें नवीन पुरैना, नरेंद्र सिन्हा और वाहन चालक ओमप्रकाश भारती शामिल हैं. इन तीनों दैनिक वेतन भोगियों पर आरोप था कि जंगल सफारी में भ्रमण के दौरान जब वाहन का पर्दा बाहर लटक रहा था जिसे बाघ ने अपने जबड़े में पकड़ रहा था उस वक्त इन कर्मियों ने वहां रुकने की जगह उसे घसीटते हुए भाग निकले, जो बाघ के साथ छेड़खानी की श्रेणी में आता है.

Last Updated : Feb 21, 2020, 6:18 PM IST
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