नई दिल्ली/रायपुर: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों के युवक युवतियों (CRPF recruitment in Chhattisgarh) को सौगात दी है. सीआरपीएफ में आरक्षक पद पर भर्ती के लिए इन जिलों के आदिवासी युवाओं को शैक्षणिक योग्यता में छूट की (relaxation to tribal youths of three districts of Chhattisgarh) मंजूरी दी गई है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल का फैसला: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है. सीआरपीएफ में आरक्षक पद पर सामान्य ड्यूटी वर्ग के तहत 400 उम्मीदवारों की भर्ती होनी है. इस भर्ती के लिए केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिलों बीजापुर दंतेवाड़ा और सुकमा के युवाओं की शैक्षणिक योग्यता को घटाया गया. अब यह योग्यता घटाकर 10वीं से आठवीं तक की गई है.
सरकार चयनित उम्मीदवारों को 8वीं से 10वीं तक की पढ़ाई कराएगी: सीआरपीएफ आरक्षक सामान्य ड्यूटी में चयनित होने वाले कैंडिडेट को 8वीं से 10वीं की औपचारिक पढ़ाई सरकार कराएगी. यह पढ़ाई प्रोबेशन अवधि के दौरान कराई जाएगी.
सरकार ने इस तरह पढ़ाई की रूप रेखा तैयार की: 10वीं पास की निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने के बाद ही उन्हें सेवा में पक्का किया जाएगा, इस प्रकार इन रंगरूटों को औपचारिक शिक्षा दी जाएगी और सीआरपीएफ उनकी परिवीक्षा अवधि के दौरान अध्ययन सामग्री, किताबें और कोचिंग सहायता प्रदान करने जैसी हर संभव सहायता प्रदान करेगा. निर्धारित शिक्षा योग्यता हासिल करने के लिए नए रंगरूटों की सुविधा के लिए, यदि आवश्यक हो, तो अवधि को उपयुक्त रूप से बढ़ाया जा सकता है. 10वीं कक्षा की परीक्षा देने में उनकी सुविधा के लिए, इन भर्तियों का पंजीकरण केंद्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान में किया जाएगा.
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आदिवासी जिलों के युवाओं को मिलेगा रोजगार का अवसर: केंद्र सरकार के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के तीन जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के आंतरिक क्षेत्रों के 400 आदिवासी युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. गृह मंत्रालय द्वारा भर्ती के लिए शारीरिक मानकों में उचित छूट भी दी जाएगी.
इसलिए लिया गया फैसला: सीआरपीएफ ने 2016-2017 के दौरान छत्तीसगढ़ के चार जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा से अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों की भर्ती करके एक बस्तरिया बटालियन का गठन किया था. हालांकि इस प्रयास में लक्ष्य मुताबिक सफलता नहीं मिली. क्योंकि आंतरिक क्षेत्रों के मूल युवा शिक्षा के मापदंड को पूरा नहीं कर सके. इसलिए इस बार इस तरह का निर्णय सीआरपीएफ में भर्ती को लेकर लेना पड़ा.
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सीआरपीएफ के बारे में जानिए: सीआरपीएफ पैरा मिलिट्री फोर्स के तहत आने वाले प्रमुख सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है. यह कानून व्यवस्था के रख रखाव और काउंटर इमरजेंसी से निपटने में अहम भूमिका निभाता है. इसके अलावा आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में भी यह फोर्स अहम भूमिका अदा करता है.