रायपुर: आप डीजे पर झूमते हैं, नाचते हैं, खुशी में डूब जाते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है जो आवाज आपको अपनी रिदम पर झूमने पर मजबूर करती है, वही आवाज किसी की जान भी ले सकती है. आप ये जानकर हैरान होंगे कि राजधानी रायपुर में दो बुजुर्गों की जान डीजे की तेज आवाज की वजह से चली गई.
घटना गणेश विसर्जन के दौरान की है, जिसकी जानकारी खुद रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने दी है. महापौर प्रमोद दुबे ने बताया कि, 'विसर्जन वाली रात जय स्तंभ से महादेव घाट जाने वाली झांकियों के साथ तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे थे. डीजे की तेज आवाज दोनों बुजुर्ग बर्दाश्त नहीं कर पाए और दोनों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई.'
मेयर ने क्या कहा-
- महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि, 'किस शास्त्र में लिखा है कि पूरी रात तेज आवाज में डीजे बजाने से गणेश भगवान खुश होते हैं.' उन्होंने कहा कि, 'हमारी यह परंपरा तो नहीं है. यह परंपरा आखिर कहां से आई है.'
- मेयर ने कहा कि, 'जब विसर्जन होता है तो सैकड़ां झांकियां निकलती हैं. रात के नौ बजे से सुबह नौ बजे तक लगातार झांकी के साथ डीजे बजता है. कई बुजुर्गों को तेज आवाज से बचने के लिए डॉक्टर भी आगाह करते हैं.'
- महापौर ने कहा कि, 'कई बार ये स्थिति निर्मित होती है कि शारदा चौक से मालवीय रोड, सदर बाजार से होते निकलती झांकियों के डीजे की आवाज से बुजुगों की तबीयत खराब हो जाती है.' मेयर ने कहा कि, 'हम मजबूर थे. मेयर ने कहा कि हमने जलता हुआ घर अपनी आंख से देखा है, ये स्थिति हमारी थी.'
- महापौर ने कहा कि, 'डीजे के लिए सरकार और नगर निगम को दोष दिया जाता हैं. लेकिन कहीं न कहीं अपकी हमारी भी ये जिम्मेदारी होती है कि हमें दूसरे बुजुर्गों जो ऐसी बीमारियों से पीड़ित हैं, उनका ख्याल रखकर डीजे कम आवाज में बजाएं, ये सभी की जिम्मेदारी होती है.'
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भाजपा ने बनाया मुद्दा
इस घटना के सामने आने के बाद भाजपा को बैठे बिठाए एक और मुद्दा हाथ लग गया है. बीजेपी ने इस तरह की घटनाओं को रोकने में कांग्रेस सरकार को नाकाम बताया है. बीजेपी का आरोप है कि पूर्व में भाजपा सरकार के द्वारा एक निर्धारित सीमा से अधिक आवाज में डीजे बजाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके चलते आज तक ऐसी घटना नहीं हुई. लेकिन कांग्रेस की सरकार के आते ही अब डीजे की तेज आवाज की वजह से लोगों की मौत की घटनाएं सामने आ रही हैं.
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डॉक्टर ने क्या कहा-
डॉक्टरों का भी मानना है कि एक सीमा से अधिक तेज आवाज सुनने से लोगों की मौत भी हो सकती है. डॉक्टर कहते हैं कि तेज आवाज का असर खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा होता है.
ध्यान रखें- हमारी खुशी न बन जाए किसी के गम की वजह
राजधानी रायपुर में घटी इस घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम अपनी थोड़ी सी खुशी के लिए किसी दूसरे की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. जिस डीजे की धुन पर लोग नाच-गा रहे हैं, वही डीजे किसी की सांसें भी रोक सकता है. ऐसे में जरूरत है कि शासन-प्रशासन लाउडस्पीकर पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए. साथ ही लोगों को भी जागरूक होना होगा कि हमारी खुशी किसी के घर में गम की वजह भी बन सकती है.