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DJ ने दो लोगों की जान ले ली, मेयर ने कहा- 'मजबूर थे, हमने जलता घर आंख से देखा' - महापौर प्रमोद दूबे ने डीजे पर कहा

गणेश विसर्जन के दौरान DJ की तेज आवाज से हुई दो बुजुर्गों की मौत की घटना की जानकारी देते हुए रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने लोगों से अपील की है कि सभी अपनी जिम्मेदारी समझें और आमजन का ख्याल रखकर डीजे कम आवाज में बजाएं.

गणेश विसर्जन के दौरान DJ की तेज आवाज से हुई थी दो बुजुर्गों की मौत
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Published : Oct 3, 2019, 10:17 PM IST

Updated : Oct 3, 2019, 11:14 PM IST

रायपुर: आप डीजे पर झूमते हैं, नाचते हैं, खुशी में डूब जाते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है जो आवाज आपको अपनी रिदम पर झूमने पर मजबूर करती है, वही आवाज किसी की जान भी ले सकती है. आप ये जानकर हैरान होंगे कि राजधानी रायपुर में दो बुजुर्गों की जान डीजे की तेज आवाज की वजह से चली गई.

रायपुर महापौर ने जनता से की अपील, आमजन का ख्याल रखकर कम आवाज में बजाएं DJ

घटना गणेश विसर्जन के दौरान की है, जिसकी जानकारी खुद रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने दी है. महापौर प्रमोद दुबे ने बताया कि, 'विसर्जन वाली रात जय स्तंभ से महादेव घाट जाने वाली झांकियों के साथ तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे थे. डीजे की तेज आवाज दोनों बुजुर्ग बर्दाश्त नहीं कर पाए और दोनों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई.'

मेयर ने क्या कहा-

  • महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि, 'किस शास्त्र में लिखा है कि पूरी रात तेज आवाज में डीजे बजाने से गणेश भगवान खुश होते हैं.' उन्होंने कहा कि, 'हमारी यह परंपरा तो नहीं है. यह परंपरा आखिर कहां से आई है.'
  • मेयर ने कहा कि, 'जब विसर्जन होता है तो सैकड़ां झांकियां निकलती हैं. रात के नौ बजे से सुबह नौ बजे तक लगातार झांकी के साथ डीजे बजता है. कई बुजुर्गों को तेज आवाज से बचने के लिए डॉक्टर भी आगाह करते हैं.'
  • महापौर ने कहा कि, 'कई बार ये स्थिति निर्मित होती है कि शारदा चौक से मालवीय रोड, सदर बाजार से होते निकलती झांकियों के डीजे की आवाज से बुजुगों की तबीयत खराब हो जाती है.' मेयर ने कहा कि, 'हम मजबूर थे. मेयर ने कहा कि हमने जलता हुआ घर अपनी आंख से देखा है, ये स्थिति हमारी थी.'
  • महापौर ने कहा कि, 'डीजे के लिए सरकार और नगर निगम को दोष दिया जाता हैं. लेकिन कहीं न कहीं अपकी हमारी भी ये जिम्मेदारी होती है कि हमें दूसरे बुजुर्गों जो ऐसी बीमारियों से पीड़ित हैं, उनका ख्याल रखकर डीजे कम आवाज में बजाएं, ये सभी की जिम्मेदारी होती है.'

पढ़ें-छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार: गृह मंत्री

भाजपा ने बनाया मुद्दा
इस घटना के सामने आने के बाद भाजपा को बैठे बिठाए एक और मुद्दा हाथ लग गया है. बीजेपी ने इस तरह की घटनाओं को रोकने में कांग्रेस सरकार को नाकाम बताया है. बीजेपी का आरोप है कि पूर्व में भाजपा सरकार के द्वारा एक निर्धारित सीमा से अधिक आवाज में डीजे बजाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके चलते आज तक ऐसी घटना नहीं हुई. लेकिन कांग्रेस की सरकार के आते ही अब डीजे की तेज आवाज की वजह से लोगों की मौत की घटनाएं सामने आ रही हैं.

पढ़ें-राजनांदगांव: गांव की एक मात्र सड़क जर्जर, सांसद का किया पहला वादा ही रह गया अधूरा

डॉक्टर ने क्या कहा-

डॉक्टरों का भी मानना है कि एक सीमा से अधिक तेज आवाज सुनने से लोगों की मौत भी हो सकती है. डॉक्टर कहते हैं कि तेज आवाज का असर खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा होता है.

ध्यान रखें- हमारी खुशी न बन जाए किसी के गम की वजह

राजधानी रायपुर में घटी इस घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम अपनी थोड़ी सी खुशी के लिए किसी दूसरे की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. जिस डीजे की धुन पर लोग नाच-गा रहे हैं, वही डीजे किसी की सांसें भी रोक सकता है. ऐसे में जरूरत है कि शासन-प्रशासन लाउडस्पीकर पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए. साथ ही लोगों को भी जागरूक होना होगा कि हमारी खुशी किसी के घर में गम की वजह भी बन सकती है.

रायपुर: आप डीजे पर झूमते हैं, नाचते हैं, खुशी में डूब जाते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है जो आवाज आपको अपनी रिदम पर झूमने पर मजबूर करती है, वही आवाज किसी की जान भी ले सकती है. आप ये जानकर हैरान होंगे कि राजधानी रायपुर में दो बुजुर्गों की जान डीजे की तेज आवाज की वजह से चली गई.

रायपुर महापौर ने जनता से की अपील, आमजन का ख्याल रखकर कम आवाज में बजाएं DJ

घटना गणेश विसर्जन के दौरान की है, जिसकी जानकारी खुद रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने दी है. महापौर प्रमोद दुबे ने बताया कि, 'विसर्जन वाली रात जय स्तंभ से महादेव घाट जाने वाली झांकियों के साथ तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे थे. डीजे की तेज आवाज दोनों बुजुर्ग बर्दाश्त नहीं कर पाए और दोनों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई.'

मेयर ने क्या कहा-

  • महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि, 'किस शास्त्र में लिखा है कि पूरी रात तेज आवाज में डीजे बजाने से गणेश भगवान खुश होते हैं.' उन्होंने कहा कि, 'हमारी यह परंपरा तो नहीं है. यह परंपरा आखिर कहां से आई है.'
  • मेयर ने कहा कि, 'जब विसर्जन होता है तो सैकड़ां झांकियां निकलती हैं. रात के नौ बजे से सुबह नौ बजे तक लगातार झांकी के साथ डीजे बजता है. कई बुजुर्गों को तेज आवाज से बचने के लिए डॉक्टर भी आगाह करते हैं.'
  • महापौर ने कहा कि, 'कई बार ये स्थिति निर्मित होती है कि शारदा चौक से मालवीय रोड, सदर बाजार से होते निकलती झांकियों के डीजे की आवाज से बुजुगों की तबीयत खराब हो जाती है.' मेयर ने कहा कि, 'हम मजबूर थे. मेयर ने कहा कि हमने जलता हुआ घर अपनी आंख से देखा है, ये स्थिति हमारी थी.'
  • महापौर ने कहा कि, 'डीजे के लिए सरकार और नगर निगम को दोष दिया जाता हैं. लेकिन कहीं न कहीं अपकी हमारी भी ये जिम्मेदारी होती है कि हमें दूसरे बुजुर्गों जो ऐसी बीमारियों से पीड़ित हैं, उनका ख्याल रखकर डीजे कम आवाज में बजाएं, ये सभी की जिम्मेदारी होती है.'

पढ़ें-छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार: गृह मंत्री

भाजपा ने बनाया मुद्दा
इस घटना के सामने आने के बाद भाजपा को बैठे बिठाए एक और मुद्दा हाथ लग गया है. बीजेपी ने इस तरह की घटनाओं को रोकने में कांग्रेस सरकार को नाकाम बताया है. बीजेपी का आरोप है कि पूर्व में भाजपा सरकार के द्वारा एक निर्धारित सीमा से अधिक आवाज में डीजे बजाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके चलते आज तक ऐसी घटना नहीं हुई. लेकिन कांग्रेस की सरकार के आते ही अब डीजे की तेज आवाज की वजह से लोगों की मौत की घटनाएं सामने आ रही हैं.

पढ़ें-राजनांदगांव: गांव की एक मात्र सड़क जर्जर, सांसद का किया पहला वादा ही रह गया अधूरा

डॉक्टर ने क्या कहा-

डॉक्टरों का भी मानना है कि एक सीमा से अधिक तेज आवाज सुनने से लोगों की मौत भी हो सकती है. डॉक्टर कहते हैं कि तेज आवाज का असर खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा होता है.

ध्यान रखें- हमारी खुशी न बन जाए किसी के गम की वजह

राजधानी रायपुर में घटी इस घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम अपनी थोड़ी सी खुशी के लिए किसी दूसरे की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. जिस डीजे की धुन पर लोग नाच-गा रहे हैं, वही डीजे किसी की सांसें भी रोक सकता है. ऐसे में जरूरत है कि शासन-प्रशासन लाउडस्पीकर पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए. साथ ही लोगों को भी जागरूक होना होगा कि हमारी खुशी किसी के घर में गम की वजह भी बन सकती है.

Intro:तेज डीजे से दो बुजुर्गों की मौत,
मजबूर थे महापौर,
पूर्व लगा था डीजे पर बैन

रायपुर.। डीजे की तेज आवाज क्या लोगों की जान ले सकती है, सुनने में बड़ा अटपटा लग रहा होगा लेकिन यह बात बिल्कुल सच है

राजधानी रायपुर में तेज डीजे के चलते दो बुजुर्ग को अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ा यह घटना गणेश विसर्जन के दौरान की है जिसका खुलासा आज खुद रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने किया

Body:महापौर प्रमोद दुबे ने बताया कि विसर्जन वाली रात में जय स्तंभ से महादेव घाट जाने वाली झांकियों के साथ तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे थे। डीजे की तेज आवाज दोनों बुजूर्ग बर्दाश्त नहीं कर पाये और हार्ट अटैक से दोनों की मौत हो गई। डीजी की तेज आवास की वजह से दम तोड़ने वाले बुजुर्गों में से एक बैधनाथ पारा और दूसरा सदर बाजार इलाके के हैं। यह घटना गणेश विसर्जन झांकी के दौरान हुई थी।

महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि किस शास्त्र में लिखा है कि पूरी रात तेज आवाज में डीजे बजाने से गणेश भगवान खुश होते हैं हमारी यह परंपरा तो नहीं है यह परंपरा आखिर आई कहां से आई है।

प्रमोद ने कहा कि जब विसर्जन होता हैं तो सैकड़ां झांकियां निकलती हैं। रात के नौ बजे से सुबह नौ बजे तक लगातार झांकी के साथ डीजे बजता है। कई बुजुर्गों को तेज आवाज से बचने के लिए डॉक्टर भी आगाह करते हैं।

महापौर ने कहा कि कई बार ये स्थिति निर्मित होती हैं कि शारदा चौक से मालवीय रोड़, सदर से होते निकलती झांकियों के डीजे की आवाज से बुजुगों की तबियत खराब हो जाती है। लेकिन मजबूर थे हम और जलता हुआ घर अपनी आंख से देखा हैं ये स्थिति हमारी थी।

महापौर ने कहा कि डीजे के लिए सरकार और नगर निगम को दोष दिया जाता हैं, लेकिन कहीं न कहीं अपकी हमारी भी ये जिम्मेदारी होती हैं कि हमे दूसरे बुजुर्गों जो ऐसे बीमारियों से पीड़ित हैं उनका ख्याल रखकर डीजे कम आवाज मे बजाये, ये सभी की जिम्मेदारी होती है।
बाइट प्रमोद दुबे महापौर नगर निगम रायपुर

इस घटना के प्रकाश में आने के बाद भाजपा को बैठे बैठाये एक और मुद्दा हाथ लग गया है बीजेपी ने इस तरह की घटनाओं को रोकने में कांग्रेस सरकार को नाकाम बताया है बीजेपी का आरोप है कि पूर्व में भाजपा सरकार के द्वारा एक निर्धारित सीमा से अधिक आवाज में डीजे बजाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसके चलते आज तक ऐसी घटना नहीं हुई लेकिन कांग्रेस की सरकार के आते हैं अब डीजे की तेज आवाज की वजह से लोगों की मौत की घटनाएं सामने आ रही है
बाइट गौरीशंकर श्रीवास प्रदेश प्रवक्ता भाजपा

डॉक्टरों का भी मानना है कि एक सीमा से अधिक तेज आवाज सुनने से लोगों की मौत भी हो सकती है खासकर तेज आवाज का असर बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा होता है
वाइट :- डॉ राकेश गुप्ता ,नाक कान गला स्पेशलिस्ट

Conclusion:राजधानी रायपुर में घटी इस घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि वे अपने चंद मिनट की खुशी के लिए किसी की जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं जिस डीजे की धुन पर लोग नाचते गाते जा रहे हैं वह डीजे किसी की सांसे भी रोक सकता है इस तेज डीजे की आवाज खुशी के माहौल को किसी के घर में गम में भी बदल सकता है

ऐसे में शासन प्रशासन को तेज आवाज में बजने वाले डीजे पर रोक लगाने के लिए ठोस और सख्त कदम उठाने की जरूरत है साथ ही लोगों को भी जागरूक होना होगा कि कहीं उनकी इस खुशी को जाहिर करने के तरीके से किसी को अपनी जान ना गंवाना पड़े
Last Updated : Oct 3, 2019, 11:14 PM IST
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