रायपुर: कोरोना महामारी में जिस कथित टूलकिट मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने थीं, उस पर ट्विटर ने अपना बयान जारी किया है. ट्विटर ने इसे 'मैनिपुलेटेड मीडिया' बताया है. 18 मई को बीजेपी नेता संबित पात्रा ने एक ट्वीट कर कांग्रेस पर टूलकिट तैयार करने का आरोप लगाया था. पात्रा के उसी ट्वीट पर ट्विटर ने एक्शन लेते हुए उसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है.
संबित पात्रा ने 18 मई को किया था tweet
संबित पात्रा ने 18 मई को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस पार्टी ने एक टूलकिट तैयार किया है, जिसके जरिए वह बुद्धिजीवी केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल बना रहे हैं. पात्रा ने इसे कांग्रेस की एक पीआर एक्सरसाइज बताया था. इस ट्वीट में पात्रा ने एक कागज भी शेयर किया था, जिसमें कांग्रेस का लेटरहैड था. इस पत्र में जानकारी दी गई थी कि किस तरह ट्वीट साझा करना है.
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twitter ने क्यों लिया एक्शन?
पात्रा के इस ट्वीट पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक्शन लेते हुए इसे मैनिपुलेटेड मीडिया बताया है. ट्विटर की पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी जानकारी को आपने ट्वीट किया है और उसका सोर्स सटीक नहीं है, उसमें उपलब्ध जानकारी भी गलत है, तो इस तरह का लेबल लगाया जाता है. ये लेबल वीडियो, ट्वीट, फोटो या अन्य किसी भी कंटेंट पर लगाया जा सकता है. वहीं, भाजपा के इन आरोपों को कांग्रेस ने नकार दिया है और संबित पात्रा और जेपी नड्डा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही है.
क्या होता है टूलकिट?
टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज होता है. इसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया जाता है. टूलकिट आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे का रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है.उस मुद्दे से जुड़े अदालती याचिकाओं, प्रदर्शनकारियों की जानकारी, इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.
सीधे शब्दों में कहें तो एक तरह का नोट या डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें किसी मामले को लेकर कई जानकारी लिखी होती है. इस डॉक्यूमेंट को इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे को भेजा जाता है या सोशल मीडिया पर किसी चीज का प्रचार किया जाता है. इसका इस्तेमाल अक्सर आंदोलन या प्रदर्शन में ज्यादातर होता है. इसमें जानकारी दी जाती है कि भीड़ को कहां इकट्ठा होना है, कौन से नारे लगाने हैं और सोशल मीडिया पर किस हैशटैग के साथ अपनी बात रखनी है और किस तरह से आंदोलन को आगे लेकर जाना है. इस तरह देश के साथ छत्तीसगढ़ में फिलहाल टूलकिट मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.