रायपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (ex health minister dr harsh vardhan) के इस्तीफे पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (chhattisgarh health minister ts singh deo) ने बड़ा बयान दिया है. डॉक्टर हर्षवर्धन के इस्तीफे के बाद पहली बार खुलकर सिंहदेव अपनी बात रखी. मीडिया से चर्चा करते हुए सिंहदेव ने कहा कि डॉक्टर हर्षवर्धन और उनके बीच में भले ही विचार अलग-अलग हैं, लेकिन वे उनका आदर आज भी बहुत करते हैं. सिंहदेव ने कहा कि डॉक्टर हर्षवर्धन देश के बहुत क्षमतावान स्वास्थ्य मंत्री थे.
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि कैबिनेट में किसे रखना है, किसने नहीं यह प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी का निर्णय है. सिंहदेव ने कहा कि डॉक्टर हर्षवर्धन देश के उच्चतम कोटि के विशेषज्ञ डॉक्टर माने जाते हैं. जिनका महत्वपूर्ण योगदान पल्स पोलियो प्रोग्राम में भी रहा है.
सिंहदेव ने कहा कि डॉक्टर हर्षवर्धन क्या करते अगर देश में वैक्सीन नहीं बन रही. उन्हें तो वैक्सीन बनाना नहीं था. वैक्सीन बनाने की नीति तो देश की सरकार के कर्णधारों के हाथों में थी. वह ठीकरा अगर इनके सर पर फूटा तो मैं नहीं जानता.
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टीएस सिंहदेव ने कहा कि हम लोग के विचारों में भी अंतर रहा. हर्षवर्धन के साथ कई बातों में अंतर रहा, लेकिन मैंने हमेशा उनका बहुत आदर किया है, क्योंकि वे बहुत क्षमतावान एक देश के स्वास्थ्य मंत्री थे. सिंहदेव ने कहा कि पीएम मोदी का यह विशेषाधिकार है. इस पर वे कुछ नहीं कहना चाहते.
इस्तीफों पर कांग्रेस हमलावर है. पिछले दिनों केंद्र में मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. इस दौरान कई नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हुए. पीएम मोदी की कैबिनेट में 43 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. वहीं कैबिनेट विस्तार में रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, डॉक्टर हर्षवर्धन समेत 13 ऐसे मंत्री थे जिन्हें इस्तीफा भी देना पड़ा था. कोरोना की दूसरी लहर को लेकर जिस तरह मोदी सरकार सवालों के घेरे में आई, उसका खामियाजा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को उठाना पड़ा और पद छोड़ना पड़ा था.