रायपुर : जिला कार्यलाय के रेडक्रॉस सोसायटी सभाकक्ष में रविवार को रायपुर संभाग के पांच जिलों के राजस्व अधिकारियों-कर्मचारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ. प्रशिक्षण कार्यक्रम में रायपुर संभाग के कमिश्नर जेआर चुरेन्द्र शामिल हुए.
कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी गई. कमिश्नर ने कहा कि 'वर्तमान में परंपरागत भू-अभिलेख के साथ कम्प्यूटर आधारित भू-अभिलेख का संधारण करना भी अनिवार्य है'.
उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों को चाहिए कि वे भू-अभिलेखों को सटीकता, स्पष्टता और त्रुटिरहित बनाये. जिससे न केवल भू-अभिलेख प्रबंधन में सुविधा होगी और नागरिकों होने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी.
'प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने में दें योगदान'
कमिश्नर ने राजस्व अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि वे अपने कार्यालयों को स्मार्ट कार्यालय के रूप में विकसित करें. इसके अलावा सामाजिक सारोकारों से भी जुड़ें और अपने महत्वपूर्ण कार्यों से प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने में योगदान दें.
'गांवों के सही दिशा में विकास की जरूरत'
कमिश्नर ने कहा कि 'सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के माध्यम से जल संचयन, पशु संरक्षण और संवर्धन के साथ गांव और खेती-बाड़ी को आगे बढ़ाने का व्यापक प्रयास किया जा रहा है. ग्राम विकास समितियों के माध्यम से गांवों के सही दिशा में विकास करने की जरूरत है'.