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सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशी बन रहे दुर्घटनाओं का कारण, प्रशासन बेसुध

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Published : Jul 3, 2020, 12:43 PM IST

Updated : Jul 3, 2020, 4:26 PM IST

राजधानी में आवारा मवेशी की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आवारा मवेशियों के सड़कों के बीच में बैठने से यातायात प्रभावित हो रहा है और दुर्घटना हो रही है.

Stray animals are roaming streets
सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु

रायपुर: आवारा मवेशी के कारण लगातार हो रही दुर्घटनाओं से लोगों को निजात दिलाने के लिए नगर निगम प्रशासन इन्हें पकड़ने की लगातार कार्रवाई कर रहा है, ताकि पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आ सके. इसके साथ ही पशुओं के कारण अव्यवस्थित हो रहे यातायात को भी व्यवस्थित किया जा सके.

सड़कों पर बैठे आवारा पशुओं के कारण यातायात प्रभावित होता है. इसकी वजह से सड़कों पर जाम की स्थिति बन रही है, साथ ही दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.

नगर निगम की कार्रवाई नाकाफी है

बता दें कि शहर में अभी भी आवारा पशुओं को सड़कों पर यहां-वहां बैठे देखा जा सकता है. नगर निगम पशुओं को सड़क से हटाने का काम तो करता है. लगातार आवारा पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई भी निगम प्रशासन करता है, लेकिन नगर निगम की ये कार्रवाई नाकाफी है.

मवेशी भी हो जाते हैं दुर्घटना के शिकार

आवारा पशुओं के सड़क पर घूमने से लोगों के दुर्घटनाओं का शिकार होने की आशंका तो बनी ही रहती है, साथ ही आवारा पशु भी कई बार हादसे के शिकार हो जाते हैं. इसे लेकर प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

'नहीं हो रहा रोका-छेका का क्रियान्वयन'

भूपेश बघेल सरकार ने पशुओं के संरक्षण के लिए रोका-छेका अभियान की शुरुआत की है, लेकिन शहरों में इसका सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है. राहगीरों की शिकायत है कि राज्य सरकार के रोका-छेका अभियान का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. मुख्य मार्ग पर बीचोंबीच मवेशी बैठे रहते हैं, जिससे लोग रोजाना दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. लोगों ने बड़ी घटना की आशंका जताते हुए नगर निगम प्रशासन से जल्द ही इस समस्या को सुलझाने की गुजारिश की है.

रायपुर: आवारा मवेशी के कारण लगातार हो रही दुर्घटनाओं से लोगों को निजात दिलाने के लिए नगर निगम प्रशासन इन्हें पकड़ने की लगातार कार्रवाई कर रहा है, ताकि पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आ सके. इसके साथ ही पशुओं के कारण अव्यवस्थित हो रहे यातायात को भी व्यवस्थित किया जा सके.

सड़कों पर बैठे आवारा पशुओं के कारण यातायात प्रभावित होता है. इसकी वजह से सड़कों पर जाम की स्थिति बन रही है, साथ ही दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.

नगर निगम की कार्रवाई नाकाफी है

बता दें कि शहर में अभी भी आवारा पशुओं को सड़कों पर यहां-वहां बैठे देखा जा सकता है. नगर निगम पशुओं को सड़क से हटाने का काम तो करता है. लगातार आवारा पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई भी निगम प्रशासन करता है, लेकिन नगर निगम की ये कार्रवाई नाकाफी है.

मवेशी भी हो जाते हैं दुर्घटना के शिकार

आवारा पशुओं के सड़क पर घूमने से लोगों के दुर्घटनाओं का शिकार होने की आशंका तो बनी ही रहती है, साथ ही आवारा पशु भी कई बार हादसे के शिकार हो जाते हैं. इसे लेकर प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

'नहीं हो रहा रोका-छेका का क्रियान्वयन'

भूपेश बघेल सरकार ने पशुओं के संरक्षण के लिए रोका-छेका अभियान की शुरुआत की है, लेकिन शहरों में इसका सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है. राहगीरों की शिकायत है कि राज्य सरकार के रोका-छेका अभियान का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. मुख्य मार्ग पर बीचोंबीच मवेशी बैठे रहते हैं, जिससे लोग रोजाना दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. लोगों ने बड़ी घटना की आशंका जताते हुए नगर निगम प्रशासन से जल्द ही इस समस्या को सुलझाने की गुजारिश की है.

Last Updated : Jul 3, 2020, 4:26 PM IST
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