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निलंबित IPS जीपी सिंह पर नक्सलियों के 2 करोड़ हड़पने समेत 3 और मामलों की होगी जांच, स्पेशल DG और IG नियुक्त

निलंबित IPS जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. नक्सलियों से 2 करोड़ की लेवी समेत 3 और मामलों में भी अब जीपी सिंह के खिलाफ जांच होगी. जांच के लिए स्पेशल DG और 2 IG नियुक्त किए गए हैं.

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निलंबित IPS जीपी सिंह
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Published : Jul 18, 2021, 9:14 AM IST

Updated : Jul 18, 2021, 10:16 AM IST

रायपुर: निलंबित सीनियर IPS जीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति में घिरे निलंबित IPS अधिकारी के खिलाफ अब 3 अलग-अलग मामलों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश के बाद बाकायदा अलग-अलग जांच अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए है. जिसमें एक स्पेशल DG के साथ ही दो IG रेंज के अफसरों को शामिल किया गया है.

सभी पुराने मामले, सालों बाद खुल रही फाइल

जिन तीन मामलों में जांच के आदेश दिए गए हैं वो सभी पुराने हैं. जिसकी फाइल लंबे समय बाद खुल रही है. एक मामले में सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक स्पेशल DG अशोक जुनेजा को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं जबकि दूसरे मामले में रायपुर IG आनंद छाबड़ा और एक अन्य में दुर्ग रेंज आईजी विवेकानंद सिन्हा को जांच अधिकारी बनाया गया हैं.

three more cases will be investigated against suspended IPS GP Singh
निलंबित IPS जीपी सिंह का घर

नक्सलियों के 2 करोड़ हड़पने का आरोप

नक्सलियों की 2 करोड़ की राशि गबन करने का गंभीर आरोप निलंबित IPS अफसर जीपी सिंह पर लगा है. इस मामले में राज्य सरकार ने अब जांच के आदेश दे दिए हैं. जिसके लिए दुर्ग रेंज के विवेकानंद सिन्हा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. राजनांदगांव के ज्ञानेंद्र यादव नामक एक व्यक्ति ने जीपी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. जिसमें लिखा है कि 2016 में जीपी सिंह दुर्ग रेंज के IG हुआ करते थे. उस दौरान पुलिस ने पहाड़ सिंह के पास से 2 करोड़ रुपये पकड़ा था. यह रकम नोटबंदी के दौरान नक्सली पहाड़ सिंह ने व्यापारियों को बदलने के लिए दिए थे. गिरफ्तारी के दौरान पहाड़ सिंह ने बताया था कि वह किन-किन व्यापारियों को नोट बदलने के लिए दिए हैं. IG जीपी सिंह ने उन व्यापारियों को फंसाने की धमकी देकर वह रकम वसूल लिए और फिर उसका गबन कर लिया. इस मामले में IG जीपी सिंह पर नक्सलियों के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगाया है.

22 वर्षीय युवक ने जीपी के खिलाफ दर्ज की शिकायत

निलंबित IPS जीपी सिंह के खिलाफ सरकार ने जिस मामले की जांच करने के लिए स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा को नियुक्त किया है. उस मामले की शिकायत 22 साल के एक युवक ने दर्ज कराई है. देवेंद्र नगर के रहने वाले दुर्लभ अग्रवाल ने शिकायत में लिखा है कि 2013 में उसके और उसके परिवार के साथ रायपुर एसपी ऑफिस में एसपी ओपी पाल और तत्कालीन DSP अर्चना झा की तरफ से हमला किया गया था. जिसकी शिकायत हुई तो IPS जीपी सिंह को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया. लेकिन इस मामले में IG जीपी सिंह ने बिना जांच किए ही मीडिया में यह बयान दिया कि उन्होंने CCTV देखा है. इसमें किसी तरह का अपराध नहीं हो रहा है.

मंजीत कौर बल ने भी की शिकायत

समाज सेविका मनजीत कौर बल ने भी निलंबित IPS अफसर जीपी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. उनकी शिकायत के आधार पर सरकार ने रायपुर रेंज IG आनंद छाबड़ा को जांच अधिकारी बनाया है. इस मामले में गंभीर मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की निलंबित IPS जीपी सिंह ने कोशिश की थी. मामला 2016 का है.

निलंबित IPS जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ी, वारंट लेकर घर पहुंची पुलिस, तलाशी जारी

10 ठिकानों पर हुई थी छापे की कार्रवाई

1 जुलाई को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह के कई ठिकानों पर छापा मारा था. एसीबी को जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी. शिकायत के बाद सिंह के सरकारी आवास समेत लगभग 10 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की गई. 68 घंटे चले मैराथन छापेमार कार्रवाई में एसीबी को जीपी सिंह के खिलाफ 10 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले.

1994 बैच के ऑफिसर हैं जीपी सिंह

छापे के बाद उन्हें राज्य सरकार ने पद से निलंबित कर दिया था. वहीं बाद में उनके ऊपर राजद्रोह का मामला भी दर्ज कर दिया गया. राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद से ही जीपी सिंह फरार चल रहे हैं. इसी बीच अब आईपीएस जीपी सिंह ने अब हाईकोर्ट की शरण ली है. रिट याचिका दायर करते हुए आईपीएस ने पूरे मामले में स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की है. मामले की जांच शुरू नहीं होने तक राज्य के पुलिस की जांच पर भी रोक लगाने की मांग की है. एडीजी जीपी सिंह, भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी हैं. वर्तमान में वह राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंह एसीबी (ACB)के प्रमुख भी रहे थे. राज्य सरकार ने उन्हें पिछले वर्ष जून माह में हटा दिया था.

रायपुर: निलंबित सीनियर IPS जीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति में घिरे निलंबित IPS अधिकारी के खिलाफ अब 3 अलग-अलग मामलों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश के बाद बाकायदा अलग-अलग जांच अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए है. जिसमें एक स्पेशल DG के साथ ही दो IG रेंज के अफसरों को शामिल किया गया है.

सभी पुराने मामले, सालों बाद खुल रही फाइल

जिन तीन मामलों में जांच के आदेश दिए गए हैं वो सभी पुराने हैं. जिसकी फाइल लंबे समय बाद खुल रही है. एक मामले में सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक स्पेशल DG अशोक जुनेजा को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं जबकि दूसरे मामले में रायपुर IG आनंद छाबड़ा और एक अन्य में दुर्ग रेंज आईजी विवेकानंद सिन्हा को जांच अधिकारी बनाया गया हैं.

three more cases will be investigated against suspended IPS GP Singh
निलंबित IPS जीपी सिंह का घर

नक्सलियों के 2 करोड़ हड़पने का आरोप

नक्सलियों की 2 करोड़ की राशि गबन करने का गंभीर आरोप निलंबित IPS अफसर जीपी सिंह पर लगा है. इस मामले में राज्य सरकार ने अब जांच के आदेश दे दिए हैं. जिसके लिए दुर्ग रेंज के विवेकानंद सिन्हा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. राजनांदगांव के ज्ञानेंद्र यादव नामक एक व्यक्ति ने जीपी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. जिसमें लिखा है कि 2016 में जीपी सिंह दुर्ग रेंज के IG हुआ करते थे. उस दौरान पुलिस ने पहाड़ सिंह के पास से 2 करोड़ रुपये पकड़ा था. यह रकम नोटबंदी के दौरान नक्सली पहाड़ सिंह ने व्यापारियों को बदलने के लिए दिए थे. गिरफ्तारी के दौरान पहाड़ सिंह ने बताया था कि वह किन-किन व्यापारियों को नोट बदलने के लिए दिए हैं. IG जीपी सिंह ने उन व्यापारियों को फंसाने की धमकी देकर वह रकम वसूल लिए और फिर उसका गबन कर लिया. इस मामले में IG जीपी सिंह पर नक्सलियों के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगाया है.

22 वर्षीय युवक ने जीपी के खिलाफ दर्ज की शिकायत

निलंबित IPS जीपी सिंह के खिलाफ सरकार ने जिस मामले की जांच करने के लिए स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा को नियुक्त किया है. उस मामले की शिकायत 22 साल के एक युवक ने दर्ज कराई है. देवेंद्र नगर के रहने वाले दुर्लभ अग्रवाल ने शिकायत में लिखा है कि 2013 में उसके और उसके परिवार के साथ रायपुर एसपी ऑफिस में एसपी ओपी पाल और तत्कालीन DSP अर्चना झा की तरफ से हमला किया गया था. जिसकी शिकायत हुई तो IPS जीपी सिंह को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया. लेकिन इस मामले में IG जीपी सिंह ने बिना जांच किए ही मीडिया में यह बयान दिया कि उन्होंने CCTV देखा है. इसमें किसी तरह का अपराध नहीं हो रहा है.

मंजीत कौर बल ने भी की शिकायत

समाज सेविका मनजीत कौर बल ने भी निलंबित IPS अफसर जीपी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. उनकी शिकायत के आधार पर सरकार ने रायपुर रेंज IG आनंद छाबड़ा को जांच अधिकारी बनाया है. इस मामले में गंभीर मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की निलंबित IPS जीपी सिंह ने कोशिश की थी. मामला 2016 का है.

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10 ठिकानों पर हुई थी छापे की कार्रवाई

1 जुलाई को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह के कई ठिकानों पर छापा मारा था. एसीबी को जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी. शिकायत के बाद सिंह के सरकारी आवास समेत लगभग 10 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की गई. 68 घंटे चले मैराथन छापेमार कार्रवाई में एसीबी को जीपी सिंह के खिलाफ 10 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले.

1994 बैच के ऑफिसर हैं जीपी सिंह

छापे के बाद उन्हें राज्य सरकार ने पद से निलंबित कर दिया था. वहीं बाद में उनके ऊपर राजद्रोह का मामला भी दर्ज कर दिया गया. राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद से ही जीपी सिंह फरार चल रहे हैं. इसी बीच अब आईपीएस जीपी सिंह ने अब हाईकोर्ट की शरण ली है. रिट याचिका दायर करते हुए आईपीएस ने पूरे मामले में स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की है. मामले की जांच शुरू नहीं होने तक राज्य के पुलिस की जांच पर भी रोक लगाने की मांग की है. एडीजी जीपी सिंह, भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी हैं. वर्तमान में वह राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंह एसीबी (ACB)के प्रमुख भी रहे थे. राज्य सरकार ने उन्हें पिछले वर्ष जून माह में हटा दिया था.

Last Updated : Jul 18, 2021, 10:16 AM IST
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