रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य वीरता पुरस्कार 2020-21 के लिए जूरी समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में महिला और बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया की अध्यक्षता और छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल उपस्थिति रहे.
राज्य वीरता पुरस्कार 2020-21 के लिए प्रदेश के तीन बहादुर बच्चों का चयन किया गया है. राज्यपाल अनुसुइया उइके चयनित बच्चों को आगामी 26 जनवरी को नगद पुरस्कार राशि 15 हजार रुपए, प्रशस्ति पत्र और मेडल प्रदान कर सम्मानित करेंगी. पुरस्कृत बालक-बालिकाओं को नियम के अनुसार छात्रवृत्ति भी दी जाएगी. पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों में रायपुर की टिकरापारा निवासी 12 वर्षीय कुमारी उन्नति शर्मा, धमतरी जिले की कुरूद निवासी 12 वर्षीय जानवी राजपूत और दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा गांव के रहने वाले चिरंजीव दुर्गेश सोनकर शामिल हैं.
बैठक में महिला और बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या उमेश मिश्रा, एनसीसी स्टेट सेल से ब्रिगेडियर कर्नल राकेश बुधनी, अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई, छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के महासचिव डॉ. अशोक त्रिपाठी और संयुक्त सचिव श्रीमती इंदिरा जैन उपस्थित थी.
राज्य वीरता पुरस्कार के लिए इन बहादुर बच्चों का हुआ चयन, देखें सूची
राज्य वीरता पुरस्कार 2020-21 के लिए चयनित साहसी बच्चों की बहादुरी की कहानी
1. कुमारी उन्नति शर्मा- रायपुर के डॉ. हेमन्त कुमार शर्मा की पत्नी डॉ. मीना शर्मा अपनी 11 वर्षीय बेटी कुमारी उन्नति शर्मा और अपने ढ़ाई साल के बच्चे श्रीहान को साथ लेकर अपने भाई मनीष दुबे के वसुन्धरा विहार रायपुर स्थित घर गई थीं. 13 मार्च 2020 को कुमारी उन्नति के मामा-मामी नौकरी पर चले गए थे. घर में मात्र उन्नति और उसका छोटा भाई श्रीहान ही थे. दोपहर में जब श्रीहान सो गया और उन्नति घर से बाहर बच्चों के साथ खेल रही थी. इस दौरान उन्नति ने देखा कि उसके मामा के घर से धुंआ निकल रहा है. उन्नति ने समय न गंवाते हुए घर के अंदर जाकर बिजली के मेन स्वीच को बंद किया और अपने भाई की जान बचाई.
3. दुर्गेश कुमार सोनकर- दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा गांव के निवासी बाला सोनकर 21 दिसंबर 2020 को अपने परिवार के साथ खेत में बने अपने मकान में सो रहे थे. रात में आरोपी द्वारा परिवार के बाला सोनकर, पत्नी दुलारी बाई, उनके बेटे रोहित और बहु कीर्ति सोनकर की हत्या कर दी गई. रोहित सोनकर के चार बच्चे थे. चार बच्चों में से एक बच्चे दुर्गेश ने इस घटना के दौरान अपनी मां की चीख सुनी. दुर्गेश ने सूझबूझ दिखाते हुए अपने भाईयों को सब्जी के बोरे से ढ़क दिया. जिससे हत्यारे की नजर मासूमों पर नहीं पड़ी और सभी सकुशल बच गए.