ETV Bharat / state

नवरात्रि के तीसरे दिन करें देवी चंद्रघंटा की उपासना

मां दुर्गा की तीसरा रूप चंद्रघंटा है. नवरात्रि ते तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चन्द्रघण्टा का यह स्वरूप शांतिदायक और कल्याणकारी है. माता चंद्रघंटा के माथे पर अर्धचंद्रमा विराजमान है जिस कारण इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है.

नवरात्रि के तीसरे दिन करें देवी चंद्रघंटा की उपासना
नवरात्रि के तीसरे दिन करें देवी चंद्रघंटा की उपासना
author img

By

Published : Mar 27, 2020, 12:08 AM IST

रायपुर: शुक्रवार को नवरात्र का तीसरा दिन है. इस दिन श्रद्धालु मां चंद्रघंटा की पूजा कर आर्शीवाद प्राप्त करते हैं. ऐसी मान्यता है कि माता चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.

नवरात्रि के तीसरे दिन करें देवी चंद्रघंटा की उपासना

नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है. मां चंद्रघंटा के मस्तिष्क में चंद्रमा विराजमान है इसीलिए इस देवी को चंद्रघंटा कहा गया है. देवी हाथों में कमल, धनुष-बाण, कमंडल, तलवार, त्रिशूल और गदा जैसे अस्त्र धारण किए हुए हैं. इनके कंठ में सफेद पुष्प की माला और रत्नजड़ित मुकुट सिर पर विराजमान है. इनके रुप और गुणों के अनुसार आज इनकी पूजा की जाएगी.

जगत की पीड़ा का नाश करती हैं मां चंद्रघंटा

देवी चंद्रघंटा ने भयंकर दैत्य सेनाओं का संहार करके देवताओं को उनका भाग दिलवाया. देवी चंद्रघंटा मां दुर्गा का ही शक्ति रूप है, जो सम्पूर्ण जगत की पीड़ा का नाश करती हैं. देवी चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को वांछित फल प्राप्त होता है. इसलिए ही नवरात्र के तीसरे दिन की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व

चंद्रघंटा की पूजा करने से विनम्रता का विकास होता है. साथ ही शांति और सुख का अनुभव होने लगता है. मां चन्द्रघंटा की कृपा से हर तरह के पाप और सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. भक्तों के कष्ट भी इससे दूर हो जाते हैं.

ये है मान्यता

  • कहा जाता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां की साधना से जीवन के सारे दोष दूर होने लगते हैं.
  • मां चंद्रघंटा के दिव्यरूप की आराधना करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
  • मां के इस दिव्य रूप से साधक हमेशा आगे बढ़ता रहता है.
  • जिनकी कुंडली में शुक्र का प्रभाव कमजोर रहता है उन्हें मां चंद्रघंटा की विशेष आराधना करनी चाहिए. ताकि कुंडली में शुक्र का प्रभाव बढ़ सके और जीवन सुखमय बन सके.

आज इस मंत्र का करें जाप

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

रायपुर: शुक्रवार को नवरात्र का तीसरा दिन है. इस दिन श्रद्धालु मां चंद्रघंटा की पूजा कर आर्शीवाद प्राप्त करते हैं. ऐसी मान्यता है कि माता चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.

नवरात्रि के तीसरे दिन करें देवी चंद्रघंटा की उपासना

नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है. मां चंद्रघंटा के मस्तिष्क में चंद्रमा विराजमान है इसीलिए इस देवी को चंद्रघंटा कहा गया है. देवी हाथों में कमल, धनुष-बाण, कमंडल, तलवार, त्रिशूल और गदा जैसे अस्त्र धारण किए हुए हैं. इनके कंठ में सफेद पुष्प की माला और रत्नजड़ित मुकुट सिर पर विराजमान है. इनके रुप और गुणों के अनुसार आज इनकी पूजा की जाएगी.

जगत की पीड़ा का नाश करती हैं मां चंद्रघंटा

देवी चंद्रघंटा ने भयंकर दैत्य सेनाओं का संहार करके देवताओं को उनका भाग दिलवाया. देवी चंद्रघंटा मां दुर्गा का ही शक्ति रूप है, जो सम्पूर्ण जगत की पीड़ा का नाश करती हैं. देवी चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को वांछित फल प्राप्त होता है. इसलिए ही नवरात्र के तीसरे दिन की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व

चंद्रघंटा की पूजा करने से विनम्रता का विकास होता है. साथ ही शांति और सुख का अनुभव होने लगता है. मां चन्द्रघंटा की कृपा से हर तरह के पाप और सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. भक्तों के कष्ट भी इससे दूर हो जाते हैं.

ये है मान्यता

  • कहा जाता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां की साधना से जीवन के सारे दोष दूर होने लगते हैं.
  • मां चंद्रघंटा के दिव्यरूप की आराधना करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
  • मां के इस दिव्य रूप से साधक हमेशा आगे बढ़ता रहता है.
  • जिनकी कुंडली में शुक्र का प्रभाव कमजोर रहता है उन्हें मां चंद्रघंटा की विशेष आराधना करनी चाहिए. ताकि कुंडली में शुक्र का प्रभाव बढ़ सके और जीवन सुखमय बन सके.

आज इस मंत्र का करें जाप

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.