रायपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया है. सूनी सड़कें, बंद बाजार, घर में दफ्तर और परिवार हमारा दायरा इस महामारी ने कमरे से दरवाजे तक सीमित कर दिया है. भारत में भी 21 दिन का लॉक डाउन है. हमें और आपको घर में ही रहने की सख्त हिदायत है. हम उत्सव मनाने वाले देश में रहते हैं. इस महामारी ने हमें कैद कर दिया है और डर है कि ये बोरियत कहीं अवसाद में न ले जाने लगे.
हम आपको ऐसे ट्रिक्स बता रहे हैं, जिन्हें आप फॉलो करेंगे तो अच्छा महसूस होगा. इन्हें फॉलो करके आप शायद ये भी न कहें कि काश हमें भी वक्त मिल पाता.
क्या करें घर पर-
- योगा- सेहत के लिए सबसे जरूरी है एक्सरसाइज. इसके साथ आप योगा और मेडिटेशन भी कर सकते हैं. एक्सरसाइज जहां आपको फिट रखने में मदद करती है, वहीं योग आपको निरोग रखने सहायक होता है. मेडिटेशन आपके अंदर पनप रही नकारात्मक भावनाओं को खत्म करता है और सकारात्मकता का संचार करता है. इसलिए आप अपनी सुबह इन तीनों को अपना दोस्त बनाकर कर सकते हैं.
- कुकिंग- हमें अक्सर ये शिकायत रहती है कि टाइम मिलता तो ये बना लेते, वो खा लेते. इस बीमारी ने हमें घर में कैद कर ही दिया है तो क्यों न इस वक्त को हम यूटिलाइज कर लें. कहते हैं दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है इसलिए अपने प्रियजनों को आप बढ़िया डिश बनाकर खिला सकते हैं. घर के मेल पर्सन महिलाओं की हेल्प कर सकते हैं, उनसे कुकिंग सीख सकते हैं. आजकल इंटरनेट पर सब उपलब्ध है, आप वहां से कोई रेसिपी उठाइए, बनाइए और खिलाइए.
- होम डेकोर- घर अगर दीपावली से पहले सजाने का मौका मिले तो क्या बुरा है. यही समय है जब आप अपने आइडियाज का बेहतर उपयोग कर अपना आशियाना सजा सकते हैं. रंग तो बदल नहीं सकते लेकिन घर का हुलिया बदला जा सकता है. पुरानी पेंटिंग सजाइए, गार्डन के फूलों से ड्राइंग रूम महकाइए. ये पॉजिटिविटी आपको जिंदगी जीने का हौसला देगी.
- किताब पढ़ना- रीडिंग की हॉबी रखने वालों के लिए ये टाइम बोनस की तरह है. जो पेंडिंग किताबें आप सिर्फ अपनी लिस्ट में पढ़ पा रहे थे, उसे अब रियल में पढ़ डालिए. कार्टून, साहित्य, आध्यात्म, कविता, कहानियां जो मन करे वो उठाइए. आजकल तो ये सब इंटरनेट पर भी उपलब्ध हैं.
- पुराने दोस्तों से बातें- स्कूल,कॉलेज और ऑफिस के चक्कर में ऐसे बहुत से पुराने दोस्त होते हैं जिनसे किसी न किसी वजह से बातें नहीं हो पाती हैं. यही समय है उन बिछड़े दोस्तों से फिर से बाते कर पुरानी यादें ताजा करने का. जिनसे सालों पहले बात हुई थी, उनका कॉन्टैक्ट निकालिए और कॉन्टैक्ट बढ़ाइए. क्या पता नई कहानी आपके इंतजार में हो.
- आदतों को दें समय- किसी को पेंटिंग का शौक होता है, तो किसी को सिंगिंग और डांसिंग का. किसी को पौधे लगाना पसंद होता है तो किसी को पेट्स के साथ खेलना. आप इस समय अपने हॉबिज को पूरा समय दे सकते हैं. तो निकालिए रंग और पुराने गिटार.
- परिवार के साथ खेलें पुराने खेल- ऐसे बहुत सारे खेल हैं जो समय के अभाव में खो गए हैं. लॉकडाउन की वजह से सारा परिवार एकजुट हो गया है. तो अपने पुराने खेल नई पीढ़ी को सिखाएं और मजे से खेलें. लूडो, सांप-सीढ़ी, कैरम यकीन मानिए बहुत मजा आएगा. इसमें बुजुर्गों को भी शामिल कीजिए.
- कुछ नया सीखें- इंटरनेट की मदद से आप काफी कुछ नया सीख सकते हैं, चाहे सिलाई में नई डिजाइन्स हो या बुनाई के नए पैटर्नस आप सभी इन वक्त में सीख सकते हैं.
- बच्चों को दें समय- ऑफिस के चक्कर में अक्सर कामकाजी माता-पिता अपने बच्चों को मन मुताबिक समय नहीं दे पाते हैं. ऐसे में बच्चों के साथ क्रिकेट खेलकर उनका होमवर्क पूरा कर और उनकी फेवरेट कार्टून फिल्म आप उनके साथ देख सकते हैं. ये वक्त सबसे अच्छा है कि बच्चे पैरेंट्स के साथ और पैरेंट्स बच्चों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं.
- प्लानिंग कर लीजिए- जिंदगी की इस भागदौड़ में लोग खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं. यही वक्त है खुद के लिए थोड़ा समय निकालकर अपने बारे में सोचने का. आत्ममंथन इंसान को अपना लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा दिखाता है. अगर आप जिंदगी में कुछ नया करना चाहते हैं तो यही समय है उसे लेकर सोच विचार कर लें.