रायपुर : छत्तीसगढ़ में मानसून (monsoon) आने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में बारिश हुई. लेकिन छत्तीसगढ़ के मध्य जिले जैसे दुर्ग, बिलासपुर, रायपुर में पिछले हफ्तेभर से कम बारिश के कारण उमस से लोग काफी परेशान रहे. प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में तापमान 30 से 35 डिग्री तक है. ऐसे में अमूमन मौसमी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इस दौरान फंगल इंफेक्शन (fungal infection) के भी कई मामले देखे जाते हैं.
मौसम चेंज होने से नाक और छाती में इंफेक्शन का रहता है खतरा
छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के चेयरमैन डॉ राकेश गुप्ता (Dr. Rakesh Gupta, Chairman, Chhattisgarh Hospital Board) ने बताया कि मौसम की अस्थिरता से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. लगातार मौसम में परिवर्तन आने से उमस होने से और खानपान में परिवर्तन होने से मौसमी बीमारिां खासकर छाती और नाक में इन्फेक्शन होता है. मौसम परिवर्तन के कारण पेट में गड़बड़ी होने से डायरिया होने की आशंका रहती है. वायरल फीवर की ही तरह वायरल डायरिया भी होता है.
फंगल इंफेक्शन से बचने के उपाय
- ताजा बना भोजन खाए (eat fresh food) और साफ-सुथरी जगहों पर खान-पान करें.
- ताजी सब्जियों और फलों का सेवन करें.
- साफ पानी पीए और पानी के आसपास किसी प्रकार की गंदगी न होने दें.
- बासी खाना न खाए.
- ठेलो से कटे-फटे फल न ले.
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नमी से फंगल इन्फेक्शन का भी बढ़ जाता है खतरा
डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामले जो आए थे वो कोविड से संबंधित थे. इस समय कोरोना के मरीज काफी कम हो रहे हैं. लेकिन ब्लैक फंगस के मामले पुराने कोविड मरीजों के कारण लगातार आ रहे हैं. राकेश गुप्ता ने इन्फेक्शन के लक्षण होने पर तुरंत जांच करवाने की सलाह दी है. अंदरूनी इंफेक्शन के साथ ही बाहरी इंफेक्शन का भी खतरा होता है. जिससे बचने के लिए ये उपाय करें.
- सूखे कपड़े पहने, गीले कपड़े ना पहने.
- धूप में अच्छे से सुखाकर कपड़े पहने.
- अंडर गारमेंट्स हमेशा सूखे होने चाहिए.
- धूप में कपड़े को सुखाना ज्यादा कारगर