रायपुर : वित्तीय वर्ष 2020-21 का आम बजट शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी. यह मोदी सरकार 2.0 का दूसरा आम बजट होगा. पूरे देश की निगाहें इस बजट पर टिकी है. लिहाजा छत्तीसगढ़ की जनता को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. किसान से लेकर कारोबारियों और महिलाओं से लेकर नौकरी पेशा वर्ग इस बजट पर टकटकी लगाए हुए है. युवा वर्ग भी उम्मीद भरी निगाहों से बजट का इंतजार कर रहा है. ऐसे में ETV भारत ने लोगों के बीच पहुंचकर बजट से उनकी आशाएं और उम्मीदों को जानने की कोशिश की.
ETV भारत से बातचीत में किसानों ने फसलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मांग की है.
- धान,गेंहू का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग .
- किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर हो फोकस .
- सिंचाई व्यवस्था के लिए बजट में हो प्रावधान .
उधर किसान संघ के नेताओं ने बजट में जैविक खेती और भंडारण को प्राथमिकता देने की बात कही है.
- किसानों के लागत मूल्य को बढ़ाने की मांग .
- भंडारण और जैविक खेती को मिले बढ़ावा.
- फसल बीमा का दायरा बढ़ाने की मांग
युवाओं ने मुख्य तौर पर रोजगार को लेकर बजट से उम्मीदे जताई हैं
- रोजगार बढ़ाने की मांग.
- आरक्षण हटाने पर सरकार दे ध्यान !
- कौशल विकास पर जोर दें.
घर और किचन का बजट संभालने वाली महिलाओं की बजट से उम्मीदें है. महिलाओं का वित्त मंत्री से अनुरोध है कि वह महंगाई को काबू में करने के उपाय करे.
- LPG सिलेंडर और घरेलू सामान हो सस्ते.
- महंगाई को काबू में करने की मांग .
- कॉस्मेटिक और कपड़े की कीमत घटे.
बजट को लेकर क्या कहते हैं राजनेता
वहीं सीएम भूपेश बघेल ने इस बजट से किसी तरह की उम्मीद न होने की बात कही है. वहीं छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस बजट से उम्मीद जताई है.
बढ़ती महंगाई, सामान्य आर्थिक मंदी के साथ-साथ कम रोजगार सृजन पर चिंताओं ने केंद्र सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है. इसी चिंताओं के बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट पेश करेंगी.ऐसे में अब देखना होगा कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में छत्तीसगढ़ के लोगों की उम्मीदें पूरी होती हैं या फिर उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता है.