रायपुर: राजधानी रायपुर की जनता लंबे समय से मच्छरों की समस्या से जूझ रही है. 20 साल में राजधानी में बहुत से बदलाव हुए हैं, लेकिन लोगों को मच्छरों की समस्या से अब तक निजात नहीं मिल पाई है. रायपुर नगर निगम ने मच्छर उन्मूलन को लेकर कुछ खास कदम नहीं उठाए हैं. ऐसे में स्मार्ट सिटी बनने के बाद भी रायपुर मच्छरों का डंक झेल रहा है. निचली बस्ती हो या वीआईपी इलाके सभी जगह मच्छरों की समस्या जस की तस बनी हुई है. जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
इस सिलसिले में राजधानी के अलग-अलग इलाकों के लोगों से ETV भारत की टीम ने बातचीत की. अवंती विहार निवासी हिमांशु दास ने बताया कि उनके वार्ड में मच्छरों की समस्या बरकरार है. इसका मुख्य कारण है, नालियों का जाम होना. गंदे पानी में मच्छर पनपते हैं और ठंड के समय में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. अभी तक ना ही नगर निगम द्वारा फॉगिंग की जा रही है ना ही कोई दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है.
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आजाद चौक निवासी मुकेश वर्मा ने बताया के रायपुर शहर में मच्छरों की समस्या बनी हुई है. मच्छरों से निजात पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. नगर निगम द्वारा जो छिड़काव भी किया जाता है उससे कोई फायदा नहीं होता. मच्छर कम होने के बजाये और बढ़ जाते हैं. नगर निगम को इसके लिए काम करना चाहिए. ताकि मच्छरों के चलते आजाद चौक के कई इलाकों से मलेरिया की भी शिकायतें हैं, लोग बीमार पड़ रहे हैं.
'नगर निगम को ठोस कदम उठाने की जरुरत'
कैलाशपुरी निवासी चंद्रशेखर चंद्राकर ने बताया कि ठंड के दिनों में मच्छरों का प्रकोप बेहद बढ़ गया है और लंबे समय से शहर के अलग-अलग इलाकों में यह समस्या बनी हुई है. जिसके चलते आम जनता परेशान हैं. मच्छरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.
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'नगर निगम ने नहीं किया कोई काम'
रायपुर सांसद सुनील सोनी का कहना है कि मच्छरों से निजात दिलाने के लिए नगर निगम ने कोई काम नहीं किया है. रायपुर शहर में अंडरग्राउंड ड्रेनेज नहीं है, यहां ओपन ड्रेनेज सिस्टम है. नगर निगम को इसकी तैयारी करनी चाहिए. लगातार नालियों में दवाओं का छिड़काव किया जाए और फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल हो. स्मार्ट सिटी के फंड में भी कमी नहीं है. इस ओर नगर निगम परिषद और अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए.
80 लाख रुपये में 5 लाख रुपये हुए खर्च
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडे ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते मच्छर उन्मूलन का काम नहीं हो पाया. 2020-21 के बजट में मच्छर उन्मूलन को लेकर 80 लाख रुपये का बजट तय किया गया है. 80 लाख रुपये में 5 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. रायपुर शहर के 10 जोन में 2-2 लाख रुपये का आवंटन किया जाएगा, यह प्रक्रिया दिवाली के बाद तेज होगी. मच्छर उन्मूलन के लिए कुल 20 लाख रुपये का आवंटन 10 जोनों में हो रहा है. कुल 22 लाख रुपये का एंटी लारवा और दवाई खरीद कर मच्छर उन्मूलन की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
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महापौर का दावा
वहीं इस मामले में नगर निगम महापौर का कहते हैं कि रायपुर शहर में वास्तव में मच्छरों की समस्या बनी हुई है. नगर निगम द्वारा जल्द ही मच्छर उन्मूलन के लिए कार्य किया जाएगा. हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द रायपुर शहर मच्छर मुक्त हो और शहर वासियों को मच्छरों से निजात मिल पाए.