रायपुर: कुछ सालों से पुलिस बल आधुनिकीरण योजना के माध्यम से मिलने वाली राशि में लगातार कमी हो रही है. साल 2013-14 में अनुमोदित प्लान का कुल आकार करीब 56 करोड़ था, जो साल 2019-20 में घटकर 20 करोड़ से भी कम रह गया है. इसी संबंध में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. इसके साथ ही साहू ने केंद्रीय गृहमंत्री से सहयोग का आग्रह किया है.
पुलिस बल आधुनिकीरण योजना (Assistance to states for modernization of Police) राज्य पुलिस बलों की क्षमता को बढ़ाने के लिए एक केन्द्र-प्रायोजित योजना है. इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस-प्रशासन और प्रचालन के लिए आवश्यक कमियों को चिन्हांकित कर उसकी पूर्ति करना है. बता दें कि बीते कई सालों से छत्तीसगढ़ राज्य वामपंथ उग्रवाद समस्या से ग्रसित है. राज्य के 14 जिले नक्सल समस्या से प्रभावित SRE जिले है, जिनमें से 8 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित है.
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राज्य में आधारभूत संरचना और आवश्यक संसाधनों जैसे प्रशासकीय भवन, आवासगृहों का निर्माण, वाहन, शस्त्र, दूरसंचार, उपकरण, प्रशिक्षण संसाधनों की आवश्यकता है, लेकिन विगत कुछ सालों से योजनांतर्गत मिलने वाली राशि में लगातार कमी हो रही है. नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई और राज्य पुलिस का संसाधन आधार विस्तृत करने और अत्याधुनिक बनाए जाने के लिए योजना के अंतर्गत राशि आबंटन में वृद्वि किए जाने के लिए छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बुधवार को यानी 22 जुलाई को पत्र लिखा है. इसके साथ ही मांग की है कि फंड में कमी न की जाए, जिससे पुलिस को जरूरी संसाधन मिल सके.
क्या है पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना
इस योजना के तहत राज्य की पुलिस को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार एक फंड जारी करती है. इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस-प्रशासन की कमियों को दूर करना है. बता दें कि राज्य गठन के समय छत्तीसगढ़ पुलिस का बल 22 हजार 520 था, जो अब बढ़कर 75 हजार 678 हो गया है. छत्तीसगढ़ राज्य में पुलिस थानों की संख्या 293 से बढ़कर 467 और पुलिस चौकियों की संख्या 57 से बढ़कर 115 हो गई है. वहीं प्रदेश में STF के अलावा 22 छत्तीसगढ़ सशस्त्र वाहिनियां है.