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Immunity System News आपका इम्यूनिटी है कमजोर तो यहां पढ़ लें खबर

छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मरीज ज्यादा मिल रहे हैं. वहीं मेकाहारा मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉक्टर आरएस खरे ने बताया कि कोरोना के बाद लोग अपने सेहत को लेकर काफी ज्यादा जागरूक हो चुके हैं. इस बार स्वाइ फ्लू को लेकर अस्पतालों में ज्यादा चेकअप किया जा रहा है. यह बीमारी बच्चों, बुर्जुग और गर्भवती महिला पर ज्यादा हावी है. Immunity System News

Professor Dr RS Khare
प्रोफेसर डॉ आरएस खरे
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Published : Aug 29, 2022, 7:56 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 10:58 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. स्वाइन फ्लू से छत्तीसगढ़ में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. छत्तीसगढ़ी अब तक स्वाइन फ्लू के 161 मरीज मिल चुका है. प्रदेश में अब तक 9 लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से हो चुकी है. इस साल प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. जिसको लेकर ईटीवी भारत को मेकाहारा के मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएस खरे ने बताया " कोरोना के बाद लोग अपने सेहत को लेकर काफी ज्यादा जागरूक हो चुके हैं. अस्पतालों में चेकअप ज्यादा हो रहा है. इस वजह से हमे स्वाइन फ्लू के मरीज प्रदेश में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं." Immunity System News

मेकाहारा के मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएस खरे

यह भी पढ़ें: ganesh chaturthi 2022 दुर्ग भिलाई में गणपति पूजा की तैयारियां पूरी

टेस्टिंग बढ़ने से बीमारियां आ रहे सामने: मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएस खरे ने बताया " हर साल बारिश के सीजन में बीमारियां बढ़ जाती है. कई बार हम लोग ध्यान नहीं देते या टेस्ट नहीं करवा पाते हैं. जिस वजह से हमे सही आंकड़े नहीं मिल पाते हैं. इस बार क्योंकि कोरोना के बाद हम ज्यादा सजग हो गए हैं. कोरोना टेस्ट करवाने के बाद जब रिपोर्ट नेगेटिव आती है उसके बाद भी तबीयत खराब रहता है. तब हमारा ध्यान स्वाइन फ्लू के तरफ जाता है. इस बार स्वाइन फ्लू के ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं. पिछले 2 साल जो पूरा फोकस कोरोना पर था. अब हमारा स्वाइन फ्लू की तरफ ध्यान बढ़ गया है. इसलिए प्राइवेट और गवर्नमेंट हॉस्पिटल में टेस्टिंग ज्यादा हो रही है. जिस वजह से इस साल हमें स्वाइन फ्लू के ज्यादा देखने को मिल रहे हैं."

बच्चे, बुर्जुग और गर्भवती महिला में हाई रिस्क : मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएस खरे ने बताया " 5 वर्ष से छोटे बच्चे, 65 वर्ष से ज्यादा महिला-पुरुष और गर्भवती महिला हमेशा हाई रिस्क पर रहते हैं. इसके अलावा ऐसे मरीज जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो, ऐसे मरीज जिनको लंबे समय से किडनी, फेफड़े और लीवर की तकलीफ है. ऐसे मरीज जो कीमोथेरेपी पर हैं या लंबे समय से दवाइयां खा रहे हैं , गंभीर सिकल सेल के मरीज जिनको खून की समस्या है, ये सारे मरीज हाई रिस्क पर रहते हैं. हाई रिस्क वाले मरीजों को अगर स्वाइन फ्लू होता है तो उनकी मौत होने की चांसेस बढ़ जाते हैं.

स्वाइन फ्लू से अबतक प्रदेश में 9 लोगों की मौत: स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज राजधानी रायपुर में मिले हैं. उसके अलावा दुर्ग बिलासपुर धमतरी रायगढ़ जैसे 17 जिलों में स्वाइन फ्लू के मरीज तक मिल चुके हैं. रायपुर में अब तक स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा 92 मरीज मिले हैं. प्रदेश में 9 मरीजों की मृत्यु स्वाइन फ्लू से हुई है. जिसमें से ज्यादातर छोटे बच्चे, महिला या 60 साल के ऊपर के बुजुर्ग है. वहीं प्रदेश में अब तक स्वाइन फ्लू से जितनी मौतें हुई हैं ज्यादातर मरीज हॉस्पिटल में पहले से किसी ना किसी गंभीर बीमारी की वजह से एडमिट थे.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. स्वाइन फ्लू से छत्तीसगढ़ में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. छत्तीसगढ़ी अब तक स्वाइन फ्लू के 161 मरीज मिल चुका है. प्रदेश में अब तक 9 लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से हो चुकी है. इस साल प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. जिसको लेकर ईटीवी भारत को मेकाहारा के मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएस खरे ने बताया " कोरोना के बाद लोग अपने सेहत को लेकर काफी ज्यादा जागरूक हो चुके हैं. अस्पतालों में चेकअप ज्यादा हो रहा है. इस वजह से हमे स्वाइन फ्लू के मरीज प्रदेश में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं." Immunity System News

मेकाहारा के मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएस खरे

यह भी पढ़ें: ganesh chaturthi 2022 दुर्ग भिलाई में गणपति पूजा की तैयारियां पूरी

टेस्टिंग बढ़ने से बीमारियां आ रहे सामने: मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएस खरे ने बताया " हर साल बारिश के सीजन में बीमारियां बढ़ जाती है. कई बार हम लोग ध्यान नहीं देते या टेस्ट नहीं करवा पाते हैं. जिस वजह से हमे सही आंकड़े नहीं मिल पाते हैं. इस बार क्योंकि कोरोना के बाद हम ज्यादा सजग हो गए हैं. कोरोना टेस्ट करवाने के बाद जब रिपोर्ट नेगेटिव आती है उसके बाद भी तबीयत खराब रहता है. तब हमारा ध्यान स्वाइन फ्लू के तरफ जाता है. इस बार स्वाइन फ्लू के ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं. पिछले 2 साल जो पूरा फोकस कोरोना पर था. अब हमारा स्वाइन फ्लू की तरफ ध्यान बढ़ गया है. इसलिए प्राइवेट और गवर्नमेंट हॉस्पिटल में टेस्टिंग ज्यादा हो रही है. जिस वजह से इस साल हमें स्वाइन फ्लू के ज्यादा देखने को मिल रहे हैं."

बच्चे, बुर्जुग और गर्भवती महिला में हाई रिस्क : मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएस खरे ने बताया " 5 वर्ष से छोटे बच्चे, 65 वर्ष से ज्यादा महिला-पुरुष और गर्भवती महिला हमेशा हाई रिस्क पर रहते हैं. इसके अलावा ऐसे मरीज जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो, ऐसे मरीज जिनको लंबे समय से किडनी, फेफड़े और लीवर की तकलीफ है. ऐसे मरीज जो कीमोथेरेपी पर हैं या लंबे समय से दवाइयां खा रहे हैं , गंभीर सिकल सेल के मरीज जिनको खून की समस्या है, ये सारे मरीज हाई रिस्क पर रहते हैं. हाई रिस्क वाले मरीजों को अगर स्वाइन फ्लू होता है तो उनकी मौत होने की चांसेस बढ़ जाते हैं.

स्वाइन फ्लू से अबतक प्रदेश में 9 लोगों की मौत: स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज राजधानी रायपुर में मिले हैं. उसके अलावा दुर्ग बिलासपुर धमतरी रायगढ़ जैसे 17 जिलों में स्वाइन फ्लू के मरीज तक मिल चुके हैं. रायपुर में अब तक स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा 92 मरीज मिले हैं. प्रदेश में 9 मरीजों की मृत्यु स्वाइन फ्लू से हुई है. जिसमें से ज्यादातर छोटे बच्चे, महिला या 60 साल के ऊपर के बुजुर्ग है. वहीं प्रदेश में अब तक स्वाइन फ्लू से जितनी मौतें हुई हैं ज्यादातर मरीज हॉस्पिटल में पहले से किसी ना किसी गंभीर बीमारी की वजह से एडमिट थे.

Last Updated : Aug 29, 2022, 10:58 PM IST
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