रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मेयर के साथ ही नगर पालिका और नगर अध्यक्ष के चुनाव को अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के संकेत दिए हैं. मध्य प्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी इस बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं. अप्रत्यक्ष प्रणाली में सदन के नेता का चुनाव अब पार्षद करेंगे.
इसे लेकर एक उप समिति का भी गठन कर दिया गया है. पूरे मामले में ETV भारत ने पूर्व निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुशील त्रिवेदी से बातचीत की और इस फैसले के पीछे के वजहों को समझने की कोशिश की है. त्रिवेदी के मुताबिक सरकार नगर निगम और नगर पालिकाओं में समन्वय बढ़ाने के लिए यह फैसला ले सकती है.
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पार्षद चुनाव प्रणाली में बदलाव
उनका कहना है कि कई बार नगर निगमों में किसी दल के पार्षदों की संख्या ज्यादा होती है, तो मेयर किसी और पार्टी का चुना जाता है. जिस तरह से संसद में सांसद और विधानसभा में विधायक अपने नेता का चुनाव करते हैं, उसी तर्ज पर अब नगरीय निकायों में पार्षद अपने नेता का चुनाव करेंगे.